कोटा. बारिश के मौसम में हाड़ौती की नदियां उफान पर रहती हैं जिसकी वजह से अक्सर लोगों के बह जाने या डूबने की घटनाएं सामने आती हैं. इन घटनाओं को रोकने के लिए अब राज्य सरकार भी आगे आई है. हाड़ौती में बीते 2 सालों में नदी में बस गिरने, नाव डूबने और बहने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यहां पर लंबे समय से उच्चस्तरीय पुल की आवश्यकता थी, लेकिन पुलिया नहीं होने के चलते बारिश के मौसम में यहां से अपनी जान जोखिम में डालते हुए नदी में कई लोग बह गए.
अब सरकार ने इस समस्या को कम करने के लिए 8 उच्च स्तरीय पुल बनाने का निर्णय किया है. यह पुल कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी जिले में बनाए जाएंगे जिनके लिए करीब 400 करोड़ रुपए से यह निर्माण करवाए जाएंगे. इन पुलों के निर्माण के बाद आखिर दुर्घटनाएं रुकेंगे और लोग बारिश के सीजन में भी आवागमन नदी के एक छोर से दूसरे छोर पर कर सकेंगे. सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुरेश कुमार बैरवा का कहना है कि बनने वाले 7 पुलों के लिए तो राशि जारी हुई है. साथ ही एक ब्रिज की डीपीआर राज्य सरकार ने बजट में घोषित की है. इसका क्रियान्वयन शुरू कर दिया है और जहां भी पुलिया सड़क का निर्माण होना है उसके लिए विभाग के स्तर पर कार्रवाई जारी है.
26 लोगों की मौत से जब पसरा था शोक...
कोटा से लालसोट मेगा हाईवे पर बूंदी जिले में पापड़ी गांव के नजदीक मेज नदी की पुलिया से एक बस नदी में गिर गई थी इसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी. लंबे समय से इस पुलिया के निर्माण के लिए मांग चल रही थी. इस बजट में राज्य सरकार ने स्वीकृत किया है. अभी यहां पर 37 करोड़ 50 लाख रुपए से नई उच्च स्तरीय पुलिया बनाई जाएगी. इस बस दुखान्तिका में मृतक आपस में रिश्तेदार थे. सभी कोटा के रहने वाले थे और सवाईमाधोपुर जा रहे थे.
वापस जाते समय हादसा हुआ था और रात 2:30 बजे ही नदी में बहने से दोनों की मौत हो गई थी. इस जगह भी अब पुलिया का निर्माण राज्य सरकार करवा रही है. इसमें किशनगंज से मांगरोल वाया सड़क पर पार्वती नदी पर स्थित हाई लेवल ब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा. इसकी डीपीआर के लिए स्वीकृति भी जारी कर दी गई है और 20 लाख रुपए जारी किए है.
ये भी पढ़ें: SPECIAL : कोटा में तैयार हो रहे 7 वैकल्पिक मार्ग....शहर का ट्रैफिक होगा सुगम
बूंदी जिले में धनावा, धाबाईयों का नयागांव, दबलाना, रानीपुरा, बासी और दुगारी में सड़क निर्माण 45 किलोमीटर होगा. इसके साथ ही मेज नदी पर एक पुल का निर्माण भी किया जाएगा. वही बारां जिले में भी मांगरोल, सीसवाली, अंता, सांगोद सड़क का निर्माण किया जाएगा. सीसवाली के नजदीक खाड़ी पर एक हाई लेवल ब्रिज बनाया जाएगा. झालावाड़ जिले में भी परवन नदी पर हाई लेवल ब्रिज का निर्माण होगा. यह कलमोदिया, हरनावदा, मनोहरथाना, राजगढ़ सड़क मार्ग पर बनाया जाएगा, जोकि खाताखेड़ी गांव के नजदीक बनेगा.
ये भी पढ़ें: SPECIAL : शेखावाटी की कला और पर्यटन को मिलेगी पहचान...पहली बार आयोजित होगा शेखावाटी महोत्सव
बीते 2 सालों में नदी में बस गिरने, नाव डूबने और बहने से करीब 60 से लोगों की मौत हो चुकी है. यह सभी ऐसी जगह दुर्घटनाएं हुई है जहां पर लंबे समय से उच्चस्तरीय पुल की आवश्यकता थी, लेकिन पुलिया नहीं होने के चलते बारिश के मौसम में यहां से अपनी जान जोखिम में डालते हुए नदी में लोग बह गए.
हालांकि अब सरकार ने इस समस्या को कम करने के लिए 8 उच्च स्तरीय पुल बनाने का निर्णय किया है. यह पुल कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी जिले में बनाए जाएंगे. जिनके राज्य सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है.