रामगंजमंडी (कोटा). उपखंड के पीएचसी और सीएचसी चिकित्सा व्यवस्था की सुधार की मांग को लेकर युवा शक्ति के तत्वाधान में शहरवासी और सामाजिक संगठन की ओर से पिछले 24 दिन से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. चेतना दिव्यांग संघ से चार दिव्यांग चिकित्सा व्यवस्था में सुधार को लेकर धरना स्थल पर धरना पर बैठ गए.
दिव्यांग समिति के चार सदस्यों की ओर से उप जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम रामगंजमंडी चिकित्सा व्यवस्था सुधार और चिकित्सकों को जल्द लगाने को लेकर ज्ञापन दिया. जब विकलांग अपनी ज्ञापन की कॉपी लेकर उपखंड कार्यलय पहुंचे तो उप जिलाधिकारी अपनी कुर्सी से उठ ज्ञापन लेने बाहर आ गए. तभी दिव्यांग संघ ने उपजिलाधिकारी को बताया कि रामगंजमंडी विश्वविख्यात नगरी है यहां पर कोटा स्टोन का निर्यात होता है. एशिया की नंबर वन धान मंडी है और मंगलम सीमेंट फैक्ट्री और एएसआई जैसी औद्योगिक इकाइयां हैं.
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रामगंजमंडी उपखंड मजदूर बाहुल्य क्षेत्र है, अगर किसी मजदूर को एक उंगली में फैक्चर हो जाता है तो झालावाड़ और कोटा की ओर रेफर कर दिया जाता है. कोरोना जैसी महामारी में यहां की आम जनता का क्या हाल हुआ होगा, जाने कितने गरीब आमजन चिकित्सा व्यवस्था क्या अभाव में मर चुके हैं. चिकित्सा व्यवस्था के मामले में हॉस्पिटल में सिर्फ खानापूर्ति हुई है. अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन मांगी, जो हमारे यहां पहले लगी हुई थी. जिसे रामपुरा कोटा लगा दिया गया था. वहां भी मशीन खराब हो गई. उसी खराब मशीन को रामगंजमंडी चिकित्सालय में भेज दिया गया.
सीएमएचओ ऑफिस के बाहर धरना दिया था. इसके बाद भी यहां सिटी स्कैन नहीं है. डिजिटल एक्सरे है तो टेक्नीशियन नहीं है. वह भी अब आ गया है. हार्ट के डॉक्टर, जनरल सर्जन और एक महिला डॉक्टर की बहुत आवश्यकता है. दिव्यांग तो पहले ही किस्मत के मारे होते है और कभी बीमार होने पर सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना चाहिए.