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NEET UG 2022: राजस्थान के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 2246 सीटें भी आवंटित, दो हजार करोड़ से ज्यादा की फीस मिलेगी

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Published : Jan 1, 2023, 7:01 PM IST

वेकेंट सीट मैट्रिक्स के मुताबिक राजस्थान के गवर्नमेंट और प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस की कोई सीट रिक्त नहीं है. प्राइवेट (Rajasthan Private Medical Colleges seat allotment) मेडिकल कॉलेजों की 2246 सीटें भी आवंटित की जा चुकी है. ऐसे में एमबीबीएस की सीटें आवंटित की जा चुकी हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक दो हजार करोड़ से ज्यादा की फीस प्राइवेट कॉलेजों को मिलेगी.

निजी मेडिकल कॉलेजों की बची 2246 सीटें आवंटित
निजी मेडिकल कॉलेजों की बची 2246 सीटें आवंटित

कोटा. मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड ने 30 दिसंबर 2022 को स्ट्रे-वेकेंसी राउंड खत्म होने पर रिक्त एमबीबीएस-सीटों की सीट-मैट्रिक्स जारी (Rajasthan Private Medical Colleges seat allotment) की गई. इसमें वेकेंट सीट मैट्रिक्स के अनुसार राजस्थान के गवर्नमेंट तथा प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस की कोई सीट रिक्त नहीं है. सभी एमबीबीएस सीटें आवंटित की जा चुकी हैं. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि राजस्थान में 29 मेडिकल संस्थान हैं जिनमें से 20 मेडिकल संस्थान गवर्नमेंट और 9 मेडिकल संस्थान प्राइवेट सेक्टर से है. इन 29 मेडिकल संस्थानों में कुल 4437 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं.

देव शर्मा ने बताया कि प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में 2246 एमबीबीएस सीट हैं और सभी आवंटित की जा (2246 seats allotted in private medical colleges) चुकी हैं. मोटे तौर पर राजस्थान के प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस की फीस 85 से 90 लाख है. ऐसे में यह निश्चित है कि प्राइवेट मेडिकल संस्थानों को लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की फीस प्राप्त होगी. देव शर्मा ने बताया कि यह आंकड़ा विद्यार्थियों व अभिभावकों में एमबीबीएस में प्रवेश के प्रति जो क्रेज है उसके कारण हुआ है.

पढ़ें. NMC:सितम्बर-अक्टूबर में होगी मेडिकल काउंसलिंग, एनएमसी ने संस्थानों को जारी की रिन्यूअल परमिशन

रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में कोविड 19 की भयावहता के चलते विद्यार्थियों का रुख स्वदेशी प्राइवेट मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश की ओर मुड़ा है. पूर्व में विदेशी एमबीबीएस की फीस कम होने के कारण विद्यार्थी रूस, यूक्रेन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और चीन के मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस में प्रवेश लेते थे. देव शर्मा ने बताया कि रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन से लौटे भारतीय विद्यार्थियों की ओर नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी, नई दिल्ली ने कड़ा रुख अपनाया और कोई रियायत नहीं दी. ऐसी स्थिति में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों के अनिश्चित भविष्य को देखते हुए अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने विदेशों से एमबीबीएस करने का विचार त्याग कर स्वदेशी प्राइवेट मेडिकल-संस्थानों में प्रवेश लेने का निर्णय लिया जिसके चलते ही सभी प्राइवेट मेडिकल-संस्थानों की एमबीबीएस-सीटें भर गई एवं कोई सीट रिक्त नहीं रही.

पढ़ें. NEET UG 2022: राजस्थान स्टेट कोटा काउंसलिंग के पहले राउंड का रिजल्ट जारी, SMS कॉलेज पहली पसंद

एमबीबीएस सीटों की जानकारी

  • गवर्नमेंट मेडिकल-संस्थानों में एमबीबीएस सीटें : 1878
  • गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में गवर्नमेंट एमबीबीएस सीटें : 10
  • गवर्नमेंट एमबीबीएस सीटें : 1888
  • प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में सामान्य एमबीबीएस सीटें‌ : 1388
  • प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में मैनेजमेंट एमबीबीएस सीटें : 858
  • प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में सीटें =1388+858=2246
  • एनआरआई एमबीबीएस सीटें- 303

कोटा. मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड ने 30 दिसंबर 2022 को स्ट्रे-वेकेंसी राउंड खत्म होने पर रिक्त एमबीबीएस-सीटों की सीट-मैट्रिक्स जारी (Rajasthan Private Medical Colleges seat allotment) की गई. इसमें वेकेंट सीट मैट्रिक्स के अनुसार राजस्थान के गवर्नमेंट तथा प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस की कोई सीट रिक्त नहीं है. सभी एमबीबीएस सीटें आवंटित की जा चुकी हैं. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि राजस्थान में 29 मेडिकल संस्थान हैं जिनमें से 20 मेडिकल संस्थान गवर्नमेंट और 9 मेडिकल संस्थान प्राइवेट सेक्टर से है. इन 29 मेडिकल संस्थानों में कुल 4437 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं.

देव शर्मा ने बताया कि प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में 2246 एमबीबीएस सीट हैं और सभी आवंटित की जा (2246 seats allotted in private medical colleges) चुकी हैं. मोटे तौर पर राजस्थान के प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस की फीस 85 से 90 लाख है. ऐसे में यह निश्चित है कि प्राइवेट मेडिकल संस्थानों को लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की फीस प्राप्त होगी. देव शर्मा ने बताया कि यह आंकड़ा विद्यार्थियों व अभिभावकों में एमबीबीएस में प्रवेश के प्रति जो क्रेज है उसके कारण हुआ है.

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रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में कोविड 19 की भयावहता के चलते विद्यार्थियों का रुख स्वदेशी प्राइवेट मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश की ओर मुड़ा है. पूर्व में विदेशी एमबीबीएस की फीस कम होने के कारण विद्यार्थी रूस, यूक्रेन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और चीन के मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस में प्रवेश लेते थे. देव शर्मा ने बताया कि रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन से लौटे भारतीय विद्यार्थियों की ओर नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी, नई दिल्ली ने कड़ा रुख अपनाया और कोई रियायत नहीं दी. ऐसी स्थिति में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों के अनिश्चित भविष्य को देखते हुए अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने विदेशों से एमबीबीएस करने का विचार त्याग कर स्वदेशी प्राइवेट मेडिकल-संस्थानों में प्रवेश लेने का निर्णय लिया जिसके चलते ही सभी प्राइवेट मेडिकल-संस्थानों की एमबीबीएस-सीटें भर गई एवं कोई सीट रिक्त नहीं रही.

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एमबीबीएस सीटों की जानकारी

  • गवर्नमेंट मेडिकल-संस्थानों में एमबीबीएस सीटें : 1878
  • गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में गवर्नमेंट एमबीबीएस सीटें : 10
  • गवर्नमेंट एमबीबीएस सीटें : 1888
  • प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में सामान्य एमबीबीएस सीटें‌ : 1388
  • प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में मैनेजमेंट एमबीबीएस सीटें : 858
  • प्राइवेट मेडिकल संस्थानों में सीटें =1388+858=2246
  • एनआरआई एमबीबीएस सीटें- 303
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