करौली. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को जिला प्रशासन और महिला अधिकारिता एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का विषय 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' था.
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कार्यशाला के संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बालिकाओं को शिक्षित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि बालिका साक्षरता बढ़ेगी तो निश्चित ही बालिकाएं शिक्षा की ओर अग्रसर होंगी और अपनी निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगी. कार्यशाला में बालिकाओं की शारीरिक हिंसा को रोकने, बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्या, भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने पर भी विस्तार से चर्चा की गई.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश मीना ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत लिंग परीक्षण पर रोक लगाने के साथ-साथ परीक्षण करने वालों की सूचना देने पर भी बल दिया. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रिंकी किराड ने विभाग की ओर से बालिकाओं के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे मे जानकारी दी.
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मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गणपतलाल मीना ने बालिका शिक्षा, गार्गी पुरस्कार, आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं का मनोबल बढ़ाया जाता है. इसके प्रति बालिकाओं को शिक्षित बनाकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए बालिकाओं को जागरूक करें. कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने साप्ताहिक कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि सप्ताह के तहत महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए एवं रोजगार के प्रति जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.