करौली. जिले आलावाड़ा को दूसरे ग्राम पंचायत में मिलाने के कारण ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. इस दौरान आलावाड़ा को यथावत रखने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. साथ ही प्रशासन के खिलाफ विरोध जाहिर करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन दिया. इस मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
ग्रामीणों ने बताया कि आलावाड़ा की जाटव वस्ती की ओर से आपत्ति जताने के बाद भी कसाने का नांगला ग्राम पंचायत में जोड़ा गया. ग्रामीणों ने इस संदर्भ में विधायक, एसडीओ और विकास अधिकारी के पास आपत्ति दर्ज कराई. लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस मामले कोई सुनवाई नहीं की है. जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है.
ग्रामीणों ने बताया कि अगर ग्राम आलावाड़ा को कसाने का नांगला ग्राम पंचायत में जोड़ा जाता है, तो नई ग्राम पंचायत तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का फेर लगाना पड़ेगा. ग्राम पंचायत कसाने का नांगला तक जाने के लिए रास्ते में जगर नदी और रेलवे ट्रैक को पार करना पड़ेगा, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
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ग्रामीणों का कहना है कि पहले आलावाड़ा जटनंगला ग्राम पंचायत था. वर्तमान में आलावाड़ा गांव एक हजार वोटर हैं और कसाने का नांगला में 940 वोटर हैं. इन दोनों को मिलाकर ग्राम पंचायत का गठन किया गया है. जबकि कानून के हिसाब से ग्राम पंचायत में वोटर की संख्या चार हजार होनी चाहिए. इसलिए इस नए ग्राम पंचायत के गठन का ग्रामीण विरोध करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम आलावाड़ा को जटनंगला या मिल्कीपुरा ग्राम पंचायत में जोड़ा जाए.