ETV Bharat / state

करौलीः सांस अभियान की राज्यस्तरीय समीक्षा, मिशन निदेशक ने ली गतिविधियों की जानकारी - ये हैं निमोनिया के लक्षण

करौली में शुक्रवार को निमोनिया से बच्चों को बचाने के उद्देश्य से संचालित सांस अभियान की समीक्षा राज्यस्तर में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से की गई. इस दौरान राज्यस्तर के सभी अधिकारी मौजूद रहें.

State level review of saans campaign, सांस अभियान की राज्यस्तरीय समीक्षा
सांस अभियान की राज्यस्तरीय समीक्षा
author img

By

Published : Feb 12, 2021, 5:33 PM IST

करौली. निमोनिया से बच्चों को बचाने के उद्देश्य से संचालित सांस अभियान की समीक्षा राज्यस्तर में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की ओर से गई. राज्यस्तर पर मिशन निदेशक और विशिष्ट शासन सचिव नरेशकुमार ठकराल, निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मणसिंह ओला, परियोजना निदेशक मौजूद रहें.

सीएमएचओ डॉ. दिनेशचंद मीणा ने बताया कि सांस अभियान के अंतर्गत जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित करवाई जा रही हैं. आईईसी सामग्री मुद्रण कराकर सीएचसी-पीएचसी स्तर सहित सब सेंटर तक प्रदर्शित कराकर निमोनिया के लक्षणों और बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया गया है. उन्होंने बताया कि जिलास्तर से आरसीएचओ डॉ. जयंतीलाल मीणा, डीपीएम आशुतोष पांडेय, डीएनओ रूपसिंह धाकड़, डीएसी विश्वेन्द्र शर्मा, डीआईईसी लखनसिंह लोधा उपस्थित रहें.

ये हैं निमोनिया के लक्षण

सीएमएचओ ने बताया कि निमोनिया फेंफडों में रोगाणुओं के संक्रमण से होता है और 5 वर्ष तक के बच्चों में इसका खतरा अधिक रहता है. जिसमें खांसी और जुकाम का बढना, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना, तेज बुखार आना के साथ झटके आना, खाना-पीनी और सुस्ती या अत्यधिक नींद आना मुख्य है.

पढ़ें- महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने पर बोले दिलावर, कहा- राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं को भी करें गिरफ्तार

निमोनिया से बचाव उपाय

सीएमएचओ ने बताया कि घर में धुंआ न होने दें और खिड़किया खुली रखें. बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराए, जन्म के 6 माह तक केवल माता का ही दूध पिलाए, 6 माह बाद बच्चे को ऊपरी खाना खिलाए, पीने के पानी को ढक कर रखें, खाना पकाने और खिलाने के पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से धोऐं, बच्चे के शरीर को ढक कर रखें और सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनाएं और बच्चे का समयानुसार संपूर्ण टीकाकरण कराएं.

करौली. निमोनिया से बच्चों को बचाने के उद्देश्य से संचालित सांस अभियान की समीक्षा राज्यस्तर में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की ओर से गई. राज्यस्तर पर मिशन निदेशक और विशिष्ट शासन सचिव नरेशकुमार ठकराल, निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मणसिंह ओला, परियोजना निदेशक मौजूद रहें.

सीएमएचओ डॉ. दिनेशचंद मीणा ने बताया कि सांस अभियान के अंतर्गत जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित करवाई जा रही हैं. आईईसी सामग्री मुद्रण कराकर सीएचसी-पीएचसी स्तर सहित सब सेंटर तक प्रदर्शित कराकर निमोनिया के लक्षणों और बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया गया है. उन्होंने बताया कि जिलास्तर से आरसीएचओ डॉ. जयंतीलाल मीणा, डीपीएम आशुतोष पांडेय, डीएनओ रूपसिंह धाकड़, डीएसी विश्वेन्द्र शर्मा, डीआईईसी लखनसिंह लोधा उपस्थित रहें.

ये हैं निमोनिया के लक्षण

सीएमएचओ ने बताया कि निमोनिया फेंफडों में रोगाणुओं के संक्रमण से होता है और 5 वर्ष तक के बच्चों में इसका खतरा अधिक रहता है. जिसमें खांसी और जुकाम का बढना, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना, तेज बुखार आना के साथ झटके आना, खाना-पीनी और सुस्ती या अत्यधिक नींद आना मुख्य है.

पढ़ें- महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने पर बोले दिलावर, कहा- राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं को भी करें गिरफ्तार

निमोनिया से बचाव उपाय

सीएमएचओ ने बताया कि घर में धुंआ न होने दें और खिड़किया खुली रखें. बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराए, जन्म के 6 माह तक केवल माता का ही दूध पिलाए, 6 माह बाद बच्चे को ऊपरी खाना खिलाए, पीने के पानी को ढक कर रखें, खाना पकाने और खिलाने के पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से धोऐं, बच्चे के शरीर को ढक कर रखें और सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनाएं और बच्चे का समयानुसार संपूर्ण टीकाकरण कराएं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.