करौली. राजस्थान में लॉकडाउन के तीसरे दिन बुधवार को करौली बस स्टैंड सूना नजर आया. बस स्टैंड पर स्थित दुकानें भी बंद नजर आईं. सिर्फ 2 कार्मिक जरूरी काम निपटाते हुए दिखे. बाकी रोडवेज स्टैंड परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया.
राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन लगाया है. इसके बाद रोडवेज बसों का भी आवागमन बंद कर दिया गया है. रोडवेज बसें बंद होने से बाहर जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रोडवेज को भी लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा रहा है. रोडवेज प्रशासन ने सभी रोडवेज बसों को हिंडौन डिपो के अंदर खड़ा कर दिया है.
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कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बसें बंद
रविवार रात 12 बजे के बाद बसों के पहिए थम गए थे. बस स्टैण्ड पर कोई यात्री नजर नहीं आए. बस स्टैंड परिसर के अंदर सिर्फ पुलिस कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर तैनात देखे गए. रोडवेज बसों और लोक परिवहन बसों में हर रोज हजारों की संख्या में यात्री यात्रा करते थे. ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा था. इसलिए सरकार ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए रोडवेज और निजी बसों को भी लॉकडाउन में बंद कर दिया. इसका असर बस स्टैंड पर देखने को मिला. प्रबंधक ने बताया कि करौली बस स्टैंड से 76 बसों का प्रतिदिन राज्य और राज्य से बाहर तक आवागमन होता है, लेकिन अब कोरोना महामारी की वजह से बसों को बंद कर दिया गया है.
सादगी से मना अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
करौली जिला अस्पताल में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस भी कोरोना संकट के बीच सादगी के साथ मनाया गया. इस दौरान फ्लोरेंस नाइटिंगेल की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया गया. सभी नर्सिंग कर्मियों ने नर्स दिवस की बधाई देते हुए कोरोना महामारी को हराने का संकल्प लिया.
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश गुप्ता ने नर्सेज को नर्स दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी में सभी नर्सेज साथी अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण भाव से निर्वहन कर रहे हैं. सभी ने सामने आई चुनौतियों का एकजुटता के साथ सामना किया है और मरीजों को स्वास्थ कर अपने घरों पर भेजा है.