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करौली में कोरोना से कम संसाधनों से कैसे लड़ेंगे नर्सिंगकर्मी, चिकित्सा प्रभारी को सौंपा मांग पत्र

राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 300 के पास पहुंच चुका है. मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्साकर्मियों के पास ही मास्क, पीपीई किट, ग्लव्स का अभाव है. ऐसे में करौली के नर्सिंगकर्मियों ने पत्र लिख कर चिकित्सा प्रभारी से जल्द ही आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की हैं.

problem of nursing workers, करौली न्यूज
आवश्यक संसाधनों की मांग को लेकर नर्सिंगकर्मियों ने चिकित्सा प्रभारी को सौंपा पत्र
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Published : Apr 6, 2020, 8:09 PM IST

करौली. कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में चिकित्साकर्मी अपनी जान जोखिम में लेकर डटे हुए हैं. वहीं जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में चिकित्साकर्मियों के पास आवश्यक संसाधन पीपीई किट, ग्लव्स का अभाव है. वो आवश्यक संसाधन के अभाव में ही संक्रमित मरीजों की देखरेख कर रहे हैं.

चिकित्सा कर्मियों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ विरोध जताते हुए चिकित्सा प्रभारी को शिकायती पत्र सौंपा. जिसके जरिए उन्होंने शीघ्र ही कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की हैं.

आवश्यक संसाधनों की मांग को लेकर नर्सिंगकर्मियों ने चिकित्सा प्रभारी को सौंपा पत्र

राजस्थान नर्सेज संगठन के अध्यक्ष विक्रम मीणा ने बताया कि जिला अस्पताल स्थित कोरोना वायरस वार्ड के आइसोलेशन कक्ष में कोरोना वायरस के लगभग 58 संदिग्ध मरीज भर्ती हैं. ऐसे में नर्सिंग स्टाफ के पास ना तो ग्लव्स है ना ही पीपीई किट है और एन-95 मास्क का अभाव है. जबकि कोरोना वायरस महामारी है, जिसने विश्व भर में अपने पैर पसार लिए हैं.

पढ़ें- प्रदेश का कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों या बच्चों से फीस नहीं लेगा: शिक्षा मंत्री

खास बात यह है कि वार्ड में भर्ती कोरोना वायरस के सभी संदिग्ध मरीज एक ही कैंपर में से पानी पीते हैं. जिससे संक्रमण फैलने का और भी खतरा बना हुआ है. फिर भी चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारी अनदेखी किए हुए हैं. चिकित्साकर्मी रजनीकांत मीणा ने बताया कि कोरोना आइसोलेशन वार्ड के चिकित्सा प्रभारी को शिकायती पत्र सौंप कर अवगत कराया गया है.

करौली. कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में चिकित्साकर्मी अपनी जान जोखिम में लेकर डटे हुए हैं. वहीं जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में चिकित्साकर्मियों के पास आवश्यक संसाधन पीपीई किट, ग्लव्स का अभाव है. वो आवश्यक संसाधन के अभाव में ही संक्रमित मरीजों की देखरेख कर रहे हैं.

चिकित्सा कर्मियों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ विरोध जताते हुए चिकित्सा प्रभारी को शिकायती पत्र सौंपा. जिसके जरिए उन्होंने शीघ्र ही कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की हैं.

आवश्यक संसाधनों की मांग को लेकर नर्सिंगकर्मियों ने चिकित्सा प्रभारी को सौंपा पत्र

राजस्थान नर्सेज संगठन के अध्यक्ष विक्रम मीणा ने बताया कि जिला अस्पताल स्थित कोरोना वायरस वार्ड के आइसोलेशन कक्ष में कोरोना वायरस के लगभग 58 संदिग्ध मरीज भर्ती हैं. ऐसे में नर्सिंग स्टाफ के पास ना तो ग्लव्स है ना ही पीपीई किट है और एन-95 मास्क का अभाव है. जबकि कोरोना वायरस महामारी है, जिसने विश्व भर में अपने पैर पसार लिए हैं.

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खास बात यह है कि वार्ड में भर्ती कोरोना वायरस के सभी संदिग्ध मरीज एक ही कैंपर में से पानी पीते हैं. जिससे संक्रमण फैलने का और भी खतरा बना हुआ है. फिर भी चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारी अनदेखी किए हुए हैं. चिकित्साकर्मी रजनीकांत मीणा ने बताया कि कोरोना आइसोलेशन वार्ड के चिकित्सा प्रभारी को शिकायती पत्र सौंप कर अवगत कराया गया है.

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