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बजट 2020 सिर्फ कागजों का पुलिंदा बन कर रह गयाः मंत्री रमेश मीणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि साढ़े तीन घंटे पढ़ा गया बजट पूरी तरह से कागजों का पुलिंदा है. उन्होंने ये भी कहा कि वर्तमान सरकार पीपीपी मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल) वाली सरकार है.

करौली न्यूज, karauli news
करौली में मंत्री रमेश मीणा का बजट पर बयान
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Published : Feb 2, 2020, 11:49 PM IST

करौली. केंद्रीय बजट को पेश करने के बाद से ही सभी की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. राजस्थान सरकार में खाद्य नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि बजट में सिर्फ लोक-लुभावनी घोषणाएं हैं. यह बजट सिर्फ कागजों का पुलिंदा बन कर रह गया है. इसमें किसी भी तरह की स्पष्ट नीति नहीं बताई गई है.

करौली में मंत्री रमेश मीणा का बजट पर बयान

मीणा ने कहा कि नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिसने विश्व के सबसे ज्यादा देशों के दौरे किए. उसके बाबजूद भी रिजल्ट शून्य है. किसी प्रकार का निवेश देश में नहीं आया है. यह सरकार पीपीपी मॉडल वाली सरकार है. साथ ही सरकार देश की परिसंपत्तियों को बेचने का काम कर रही है.

पढ़ेंः कैंसर से विकृत हुए अंगों को प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है: डॉ.आरके जैन

मंत्री ने रोजगार पर बात करते हुए कहा कि आज युवाओं को रोजगार देने की बात आती है तो कहीं पर भी ऐसा नहीं दिख रहा कि लोगों को रोजगार मिलेगा. बजट में किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की बात कही है. लेकिन, ये कैसे होगा इसकी कोई स्पष्ट नीति नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में जो परिसंपत्तिया बनाई गई थी, उनको तहस-नहस कर दिया गया है.

करौली. केंद्रीय बजट को पेश करने के बाद से ही सभी की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. राजस्थान सरकार में खाद्य नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि बजट में सिर्फ लोक-लुभावनी घोषणाएं हैं. यह बजट सिर्फ कागजों का पुलिंदा बन कर रह गया है. इसमें किसी भी तरह की स्पष्ट नीति नहीं बताई गई है.

करौली में मंत्री रमेश मीणा का बजट पर बयान

मीणा ने कहा कि नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिसने विश्व के सबसे ज्यादा देशों के दौरे किए. उसके बाबजूद भी रिजल्ट शून्य है. किसी प्रकार का निवेश देश में नहीं आया है. यह सरकार पीपीपी मॉडल वाली सरकार है. साथ ही सरकार देश की परिसंपत्तियों को बेचने का काम कर रही है.

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मंत्री ने रोजगार पर बात करते हुए कहा कि आज युवाओं को रोजगार देने की बात आती है तो कहीं पर भी ऐसा नहीं दिख रहा कि लोगों को रोजगार मिलेगा. बजट में किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की बात कही है. लेकिन, ये कैसे होगा इसकी कोई स्पष्ट नीति नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में जो परिसंपत्तिया बनाई गई थी, उनको तहस-नहस कर दिया गया है.

Intro:केंद्रीय बजट को पेश करने के बाद से ही सभी की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. राजस्थान सरकार में खाद नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि बजट में सिर्फ लोक-लुभावनी घोषणाएं हैं,यह बजट सिर्फ कागजों का पुलिंदा बन कर रह गया है.इसमें किसी भी तरह की स्पष्ट नीति नहीं बताई गई है.



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बजट 2020ःयह बजट सिर्फ कागजों का पुलिंदा बन कर रह गया-मंत्री रमेश मीना,

करौली

केंद्रीय बजट को पेश करने के बाद से ही सभी की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. राजस्थान सरकार में खाद नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि बजट में सिर्फ लोक-लुभावनी घोषणाएं हैं,यह बजट सिर्फ कागजों का पुलिंदा बन कर रह गया है.इसमें किसी भी तरह की स्पष्ट नीति नहीं बताई गई है.

करौलीःवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर मंत्री रमेश मीणा ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास चर्चा करते.हुए कहा की साढे तीन घंटे पढा गया बजट पूरी तरह से कागजों का पुलिंदा है.देश के प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा विदेशों के दौरे किए.और विश्व का पहला प्रधानमंत्री है जिसने विश्व के सबसे ज्यादा अनेकों देशो के दौरे किए.उसके बाबजूद भी रिजल्ट शुन्य है.किसी प्रकार का निवेश आया नही.यह सरकार पीपीपी मॉडल वाली सरकार है. यह सरकार देश की परिसंपत्तियों को बेचने का काम कर रही है. आज युवाओं को रोजगार देने की बात आती है.तो कहीं पर भी ऐसा नहीं दिख रहा कि लोगों को रोजगार मिलेगा. किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है. इन्होंने 2022 तक अपने घोषणा पत्र मे लक्ष्य रखा. कैसे होगी किसान की आय दुगनी.कांग्रेस को तो कहीं दिखाई नहीं दे रहा. जिस तरह देश की जीडीपी देश की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है. और जो देश की परिसंपत्ति हैं. उनको बेचने का प्रयास भाजपा कर रही है. कांग्रेस के समय में जो परिसंपत्तिया बनाई. उनको तहस-नहस किया जा रहा है.देश को धर्म के नाम पर बांटने के अलावा ऐसा बजट में कोई सिस्टम नहीं है. जो कह सकें युवा वर्ग, व्यापारी वर्ग, किसान वर्ग के लिए कोई खास किया हो. क्योंकि बजट मे जो इनकम टैक्स स्लैब है उसमें ऐसा नहीं दिख रहा कि आम आदमी,गरीब, व्यापारी को फायदा होगा. एक तरीका से यह बजट जीएसटी पर डिफेंड हो गया है. अन्य करो मे तो करो को बढ़ाया है. दूसरी तरफ दिखा रहे हैं कि बजट मे फायदा किया है. जो तीन साढे तीन घंटे बजट पढा गया. वो सिर्फ एक कागजों का पुलिंदा बनकर रहकर गया.

वाईट---रमेश चंद्र मीना खाद्य नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री,


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