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करौली : कोरोना संकट के बीच चरमराई चिकित्सा सेवाएं, नहीं हो पाया गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण

करौली जिले के टोडाभीम राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना संकट के बीच अव्यवस्थाओं के चलते चिकित्सा सेवाएं चरमरा गई हैं. चिकित्सालय में प्रत्येक गुरुवार को गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, लेकिन गुरुवार को अस्पताल प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया, जिससे गर्भवती महिलाओं को बैरन वापस लौटना पड़ा.

corona crisis in karauli
करौली में कोरोना ...
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Published : Apr 23, 2021, 11:01 AM IST

करौली. कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र की दर्जनों गर्भवती महिलाएं एवं प्रसूताएं अपने नवजात बच्चों को लेकर टीकाकरण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थित टीकाकरण केंद्र पर गुरुवार को आई. सुबह 10:30 बजे तक टीकाकरण केंद्र का ताला नहीं खुला तो उन्होंने अस्पताल परिसर में घूम रहे चिकित्सा कर्मियों से इस बारे में जानकारी मांगी तो किसी भी कर्मचारी ने उन्हें संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया. इसके बाद टीकाकरण के लिए आई महिलाओं ने चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मोहन लाल मीणा से मुलाकात कर टीकाकरण के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में टीकाकरण के लिए स्टाफ नहीं है, इसलिए टीकाकरण नहीं किया जा सकता है.

करौली में कोरोना ...

चिकित्सालय प्रभारी के इस जवाब को सुनकर टीकाकरण के लिए आई महिलाएं ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवीसहाय मीणा के पास गईं और इस संबंध में उनसे वार्ता की तो उन्होंने कहा कि चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी चिकित्सालय प्रभारी की है आप उनके पास जाएं. इसमें वह कुछ नहीं कर सकते. इस तरह लगभग 1 घंटे तक चिकित्सालय प्रभारी एवं ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी टीकाकरण के लिए आई महिलाओं को इधर से उधर टालते रहे. आखिर में लगभग 2 घंटे तक इधर उधर भटकने के बाद भी जब टीकाकरण होने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी तो टीकाकरण के लिए आई महिलाएं निराश होकर वापस लौट गईं.

पढ़ें : कोरोना संक्रमण पर मुख्यमंत्रियों से फीडबैक लेंगे पीएम मोदी...VC के जरिए इन मुद्दों को उठाएंगे सीएम गहलोत

इस घटनाक्रम की जानकारी एसडीएम दुर्गाप्रसाद मीणा एवं सीएमएचओ करौली को भी दूरभाष के जरिए दी गई. एसडीएम दुर्गाप्रसाद मीणा एवं सीएमएचओ करौली द्वारा टोडाभीम ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवीसहाय मीणा एवं चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मोहन लाल मीणा को दूरभाष के जरिए टीकाकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए, लेकिन दोनों ही अधिकारियों के आदेशों को ठेंगा बताते हुए चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मोहनलाल मीणा ने स्टाफ नहीं होने का हवाला देते हुए टीकाकरण के लिए आई महिलाओं को बैरंग ही लौटा दिया.

गौरतलब है कि एक तरफ तो सरकार सभी तरह के टीकाकरण को लेकर तरह-तरह के प्रलोभन देकर टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है और गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पानी की तरह पैसा बहा रही है. वहीं, दूसरी ओर टोडाभीम कस्बे के चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सालय प्रभारी एवं उपखंड की चिकित्सा सेवाओं की जिम्मेदारी संभाले हुए बीसीएमओ के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते सरकार के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

करौली. कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र की दर्जनों गर्भवती महिलाएं एवं प्रसूताएं अपने नवजात बच्चों को लेकर टीकाकरण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थित टीकाकरण केंद्र पर गुरुवार को आई. सुबह 10:30 बजे तक टीकाकरण केंद्र का ताला नहीं खुला तो उन्होंने अस्पताल परिसर में घूम रहे चिकित्सा कर्मियों से इस बारे में जानकारी मांगी तो किसी भी कर्मचारी ने उन्हें संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया. इसके बाद टीकाकरण के लिए आई महिलाओं ने चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मोहन लाल मीणा से मुलाकात कर टीकाकरण के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में टीकाकरण के लिए स्टाफ नहीं है, इसलिए टीकाकरण नहीं किया जा सकता है.

करौली में कोरोना ...

चिकित्सालय प्रभारी के इस जवाब को सुनकर टीकाकरण के लिए आई महिलाएं ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवीसहाय मीणा के पास गईं और इस संबंध में उनसे वार्ता की तो उन्होंने कहा कि चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी चिकित्सालय प्रभारी की है आप उनके पास जाएं. इसमें वह कुछ नहीं कर सकते. इस तरह लगभग 1 घंटे तक चिकित्सालय प्रभारी एवं ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी टीकाकरण के लिए आई महिलाओं को इधर से उधर टालते रहे. आखिर में लगभग 2 घंटे तक इधर उधर भटकने के बाद भी जब टीकाकरण होने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी तो टीकाकरण के लिए आई महिलाएं निराश होकर वापस लौट गईं.

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इस घटनाक्रम की जानकारी एसडीएम दुर्गाप्रसाद मीणा एवं सीएमएचओ करौली को भी दूरभाष के जरिए दी गई. एसडीएम दुर्गाप्रसाद मीणा एवं सीएमएचओ करौली द्वारा टोडाभीम ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवीसहाय मीणा एवं चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मोहन लाल मीणा को दूरभाष के जरिए टीकाकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए, लेकिन दोनों ही अधिकारियों के आदेशों को ठेंगा बताते हुए चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मोहनलाल मीणा ने स्टाफ नहीं होने का हवाला देते हुए टीकाकरण के लिए आई महिलाओं को बैरंग ही लौटा दिया.

गौरतलब है कि एक तरफ तो सरकार सभी तरह के टीकाकरण को लेकर तरह-तरह के प्रलोभन देकर टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है और गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पानी की तरह पैसा बहा रही है. वहीं, दूसरी ओर टोडाभीम कस्बे के चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सालय प्रभारी एवं उपखंड की चिकित्सा सेवाओं की जिम्मेदारी संभाले हुए बीसीएमओ के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते सरकार के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

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