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करौली: जमीयत उलमा-ए-हिंद ने CAB के विरोध में एडीएम को सौंपा ज्ञापन

नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में जमीयत-उलमा-ए हिंद के सदस्यों और मुस्लिम समाज के लोगों ने करौली में प्रदर्शन किया. शहर के मार्गों पर होकर मौन जुलूस निकाला. वहीं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही नागरिकता संशोधन बिल पर नाराजगी जताई.

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Published : Dec 14, 2019, 1:02 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 2:28 PM IST

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध, Opposition to citizenship amendment bill
जमीय उलमा-ए-हिंद ने नागरिकता संशोधन बिल का जताया विरोध

करौली. नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में शनिवार को जमीयत-उलमा-ए हिंद के सदस्यों और मुस्लिम समाज के लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने करौली में प्रदर्शन किया. शहर के ढोलीखार मोहल्ले से कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकालकर राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. लोगों ने केंद्र सरकार और नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी भी जताई.

जमीय उलमा-ए-हिंद ने नागरिकता संशोधन बिल का जताया विरोध

लोगों ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक वर्ग को नागरिकता देने का उल्लेख किया है. लेकिन इससे मुस्लिम समाज के लोगों को अलग रखा गया है. भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है. इस कारण धर्म के आधार पर नागरिकता देने के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता.

पढ़ेंः ACB ने कोटा जिला प्रमुख के निजी सहायक को 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

लोगों ने केंद्र सरकार पर नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन बिल में संविधान का उल्लंघन हुआ है. क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर नागरिकता की व्यवस्था नहीं की है. लोगों ने कहा कि बिल को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा. लोगों मांग की है कि साप्रदायिक लक्ष्यीकरण को रोका जाए. जिससे भारत की बुनियाद, संरचना और संविधान की मर्यादा बनी रहे. इस अवसर पर करौली विधायक लाखन सिंह कटकड, व्यवसाई हाजी रुखसार, मौलाना शफीउद्दीन, फारुख अहमद सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे.

करौली. नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में शनिवार को जमीयत-उलमा-ए हिंद के सदस्यों और मुस्लिम समाज के लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने करौली में प्रदर्शन किया. शहर के ढोलीखार मोहल्ले से कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकालकर राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. लोगों ने केंद्र सरकार और नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी भी जताई.

जमीय उलमा-ए-हिंद ने नागरिकता संशोधन बिल का जताया विरोध

लोगों ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक वर्ग को नागरिकता देने का उल्लेख किया है. लेकिन इससे मुस्लिम समाज के लोगों को अलग रखा गया है. भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है. इस कारण धर्म के आधार पर नागरिकता देने के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता.

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लोगों ने केंद्र सरकार पर नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन बिल में संविधान का उल्लंघन हुआ है. क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर नागरिकता की व्यवस्था नहीं की है. लोगों ने कहा कि बिल को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा. लोगों मांग की है कि साप्रदायिक लक्ष्यीकरण को रोका जाए. जिससे भारत की बुनियाद, संरचना और संविधान की मर्यादा बनी रहे. इस अवसर पर करौली विधायक लाखन सिंह कटकड, व्यवसाई हाजी रुखसार, मौलाना शफीउद्दीन, फारुख अहमद सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे.

Intro:नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में जमीयत उलमा ए हिंद के सदस्यों व मुस्लिम समाज के लोगो ने करौली मे प्रदर्शन किया. शहर के मार्गों पर होकर मौन जुलूस निकाला एटीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप. नागरिकता संशोधन बिल पर नाराजगी जताई.


Body:करौलीः नागरिकता संशोधन बिल का जताया विरोध, मौन जुलूस निकाल राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन,

करौली

नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में जमीयत उलमा ए हिंद के सदस्यों व मुस्लिम समाज के लोगो और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने करौली मे प्रदर्शन किया और शहर के ढोलीखार मोहल्ले से कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकालकर राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. लोगों ने केंद्र सरकार व नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी जताई.

लोगों ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के अल्पसंख्यक वर्ग को नागरिकता देने का उल्लेख किया है. लेकिन इससे मुस्लिम समाज के लोगों को अलग रखा गया है.भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है.इस कारण धर्म के आधार पर नागरिकता देने के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता. लोगों ने केंद्र सरकार पर नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी जता जताते हुए कहा की नागरिकता संशोधन बिल में संविधान का उल्लंघन हुआ है. क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर नागरिकता की व्यवस्था नहीं की है.लोगों ने कहा की बिल को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा. लोगों मांग की है की है की साप्रदायिक लक्ष्यीकरण को रोका जाए. जिससे भारत की बुनियाद, संरचना एवं संविधान की मर्यादा बनी रहे.
इस अवसर पर करौली विधायक लाखन सिंह कटकड, व्यवसाई हाजी रुखसार, मौलाना शफीउद्दीन, फारुख अहमद सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे.

वाईट----- मौलाना इलियास मुफ्ती, जमीयत उलमा ए हिंद,


Conclusion:
Last Updated : Dec 14, 2019, 2:28 PM IST
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