करौली. जिले के प्रमुख पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने के विरोध में पड़ोसी गांवों के किसान सड़क पर उतर आए हैं. किसानों ने नहर में छोड़े जा रहे पानी की निकासी को बंदकर गंभीर नदी की तरफ पानी की दिशा मोड़ दी. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने गुपचुप तरीके से नहरों में पानी खोला है. सूचना पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी किसानों से समझाइश करने पहुंचे, लेकिन किसानों का विरोध बरकरार रहा.
दरअसल, जिले के प्रमुख पांचना बांध से बांध की नहरों में 14 वर्ष बाद पानी छोड़े जाने के मामले में किसान विरोध में आ खड़े हुए. किसानों ने नहरों में छोड़े जा रहे पानी की दिशा गंभीर नदी की ओर मोड़ दी. साथ ही गुपचुप तरीके से नहरों में पानी छोड़े जाने की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने किसानों से समझाइश भी की, लेकिन किसानों ने नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर विरोध बरकरार रखा.
पढ़ेंः करौली: शहर के बहुचर्चित सौरभ चतुर्वेदी हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार
इस समस्या को लेकर गंगापुर सिटी, नादौती और बामनवास आदि इलाकों के ग्रामीण और जनप्रतिनिधि पुरजोर तरीके से उठाते रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से इस मांग ने जोर पकड़ा. बीते कुछ दिनो पहले सवाई माधोपुर जिले की गंगापुरसिटी में करौली-सवाईमाधोपुर के विधायक, कलेक्टर और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी. जिसमें पांचना की नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर सहमति बनी थी. जिसके बाद बुधवार देर शाम यकायक पानी छोड़ दिया गया, लेकिन जैसे ही पड़ोसी गांवों के किसानों को पता चला तो सैकड़ों किसान बांध पर इकट्ठे हो गए. जिसके बाद किसानों ने पानी निकासी की दिशा बदल दी.
बीते 14 वर्ष से पानी निकासी है बंद
पांचना बांध की नहरों के जरिए पानी नादौती, गंगापुरसिटी, बामनवास और महावीरजी इलाकों के दर्जनों गांवों में पहुंचता है. बांध के पानी से केवल एक बार सिंचाई के लिए इन इलाकों में पानी पहुंचा था. इसके बाद बांध के पड़ोसी गांवों के किसानों ने नहरों से पानी छोड़ने का विरोध शुरू कर दिया. किसानों कि मांग है की पांचना बांध से पहले उनको पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए.
पढ़ेंः SPECIAL: इस बार झूम के बरसेगा बदरा! 'धरती पुत्र' टिटहरी के अंडों से लगाते हैं मानसून का अंदाजा
इस विवाद के निस्तारण के लिए गुडला लिफ्ट सिंचाई परियोजना भी स्वीकृत की गई है, जो अभी अधूरी है. इस कारण बांध का पानी पड़ोसी गांवों के किसानों को नहीं मिला है और ना ही कमांड एरिया के गांवों को अभी तक पानी मिला है. हालांकि महावीर जी मेले और हिण्डौन इलाके के गांवों में पानी का जलस्तर सुधारने के लिए प्रत्येक वर्ष बांध के गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा जाता है.