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करौली में पानी की समस्या, सिंचाई और पीने के पानी के लिए किसानों ने किया प्रदर्शन

करौली में किसानों ने पेयजल संकट की समस्या के समाधान पाने के लिए प्रदर्शन किया. साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और चंबल पांचना जगर बांध लिफ्ट परियोजना को स्वीकृत करवाने की भी मांग की. इस दौरान किसानों ने बताया कि करौली और सवाई माधोपुर जिले का अधिकांश इलाका भौगोलिक और प्राकृतिक रूप से डांग और मांड क्षेत्र है. यहां सिंचाई और पीने के पानी की विकट समस्या है.

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पेयजल की समस्या को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jan 23, 2021, 1:33 PM IST

करौली. जिले में किसानों ने पेयजल संकट से परेशान समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. जिला कलेक्टर से मुलाकात कर पानी की समस्या का समाधान करने की मांग की. वहीं इसके साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और चंबल पांचना जगर बांध लिफ्ट परियोजना को स्वीकृत करवाने की भी मांग की.

पेयजल की समस्या को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन

प्रगतिशील किसान संघ ने पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही जिला कलेक्टर से मुलाकात कर पानी की समस्या का समाधान करने की मांग की. साथ ही चंबल पांचना जगर बांध लिफ्ट परियोजना को स्वीकृत करवाने की भी मांग की. इस दौरान किसानों ने बताया कि करौली और सवाई माधोपुर जिले का अधिकांश इलाका भौगोलिक और प्राकृतिक रूप से डांग और मांड क्षेत्र है, जिसमें सिंचाई का जल और पीने योग्य जल की बहुत बड़ी समस्या चली आ रही है. वहीं इन इलाकों का अधिकांश क्षेत्र भूगर्भ जल के हिसाब से डार्क जोन है.

पढ़ें: बीकानेर में ACB की बड़ी कार्रवाई, पांचू थाने का हेडकांस्टेबल रिश्वत लेते ट्रैप

उन्होंने कहा कि पीने के पानी की कमी की वजह से गर्मियों में लोगों को पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ता है. साथ ही पालतू पशु-पक्षी जंगली जानवर हर साल काल ग्रसित हो जाते हैं. इसके साथ ही किसानों ने कहा कि करौली और हिंडौन सिटी के गांव गुड़ला और जगर गांव में पांचना बांध और जगर बांध सिंचाई के लिए निर्मित है. लेकिन साल 2005 से सिंचाई के जल की निकासी नहीं की जा सकी है. पांचना बांध में 40 प्रतिशत पानी को हिण्डौन शहर के पीने के लिए रिजर्व में रखा जाता है, लेकिन दोनों सिंचाई परियोजना सिंचाई के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है.

यह भी पढ़ें: धमाका हुआ, हम कुछ समझ पाते तब तक ऑटो जमीन में समा गयाः चश्मदीद

वहीं किसानों ने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि चंबल नदी को प्रभावित किए बिना वर्षा का जल जो व्यर्थ बहकर आगे निकल जाता है. उस जल को बारिश के मौसम में लिफ्ट के जरिए उठाकर करौली की भद्रावती नदी में डलवा दिया जाए तो संपूर्ण जल भद्रावती नदी से होते हुए पांचना बांध में जाकर इकट्ठा हो सकेगा. वहीं उसी प्रकार बरसाती मौसम में पांचना बांध से नहर में जल निकासी कर नादौती टोडाभीम मांड क्षेत्र में फार्म पौंड, तालाब में जल संग्रह किया जा सकेगा, जिसके बाद इलाके के लोगों को सिंचाई और पीने के पानी की समस्या का समाधान होगा और साथ ही पशु-पक्षियों और जंगली जानवरों को भी राहत मिल सकेगी. वहीं किसानों ने जिले की बहुप्रतीक्षित चम्बल जगर पांचना परियोजना को भी स्वीकृति कराने की मांग की.

करौली. जिले में किसानों ने पेयजल संकट से परेशान समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. जिला कलेक्टर से मुलाकात कर पानी की समस्या का समाधान करने की मांग की. वहीं इसके साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और चंबल पांचना जगर बांध लिफ्ट परियोजना को स्वीकृत करवाने की भी मांग की.

पेयजल की समस्या को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन

प्रगतिशील किसान संघ ने पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही जिला कलेक्टर से मुलाकात कर पानी की समस्या का समाधान करने की मांग की. साथ ही चंबल पांचना जगर बांध लिफ्ट परियोजना को स्वीकृत करवाने की भी मांग की. इस दौरान किसानों ने बताया कि करौली और सवाई माधोपुर जिले का अधिकांश इलाका भौगोलिक और प्राकृतिक रूप से डांग और मांड क्षेत्र है, जिसमें सिंचाई का जल और पीने योग्य जल की बहुत बड़ी समस्या चली आ रही है. वहीं इन इलाकों का अधिकांश क्षेत्र भूगर्भ जल के हिसाब से डार्क जोन है.

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उन्होंने कहा कि पीने के पानी की कमी की वजह से गर्मियों में लोगों को पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ता है. साथ ही पालतू पशु-पक्षी जंगली जानवर हर साल काल ग्रसित हो जाते हैं. इसके साथ ही किसानों ने कहा कि करौली और हिंडौन सिटी के गांव गुड़ला और जगर गांव में पांचना बांध और जगर बांध सिंचाई के लिए निर्मित है. लेकिन साल 2005 से सिंचाई के जल की निकासी नहीं की जा सकी है. पांचना बांध में 40 प्रतिशत पानी को हिण्डौन शहर के पीने के लिए रिजर्व में रखा जाता है, लेकिन दोनों सिंचाई परियोजना सिंचाई के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है.

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वहीं किसानों ने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि चंबल नदी को प्रभावित किए बिना वर्षा का जल जो व्यर्थ बहकर आगे निकल जाता है. उस जल को बारिश के मौसम में लिफ्ट के जरिए उठाकर करौली की भद्रावती नदी में डलवा दिया जाए तो संपूर्ण जल भद्रावती नदी से होते हुए पांचना बांध में जाकर इकट्ठा हो सकेगा. वहीं उसी प्रकार बरसाती मौसम में पांचना बांध से नहर में जल निकासी कर नादौती टोडाभीम मांड क्षेत्र में फार्म पौंड, तालाब में जल संग्रह किया जा सकेगा, जिसके बाद इलाके के लोगों को सिंचाई और पीने के पानी की समस्या का समाधान होगा और साथ ही पशु-पक्षियों और जंगली जानवरों को भी राहत मिल सकेगी. वहीं किसानों ने जिले की बहुप्रतीक्षित चम्बल जगर पांचना परियोजना को भी स्वीकृति कराने की मांग की.

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