हिंडौन सिटी (करौली). राजकीय अस्पताल में कार्यरत निश्चेतना डॉ. महेश मीणा का शव गुरुवार सुबह कार में नादौती के गोठड़ा-बलदेवपुरा सड़क मार्ग पर संदिग्ध हालत में मिला. साथ ही उनकी कार में निश्चेत करने वाले इंजेक्शन मिले हैं. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्हीं इंजेक्शनों के ओवरडोज के चलते डॉक्टर की मौत हो गई. वहीं मृतक डॉक्टर के भाई ने हत्या के आरोप का थाने में केस दर्ज कराया है. मामले की जांच नादौती थाने की पुलिस कर रही है.
नादौती तहसील के गांव बलदेवपुरा निवासी डॉ. महेश मीणा पुत्र श्योप्रसाद मीना हिंडौन के राजकीय अस्पताल में निश्चेतना के पद पर कार्यरत थे. बुधवार को वे अपने गांव जाने के लिए कार से रवाना हुए, लेकिन गुरुवार को सुबह उनका शव गांव बलदेवपुरा के रास्ते में कार में संदिग्ध अवस्था में मिला. नादौती के थानाप्रभारी रामखिलाड़ी मीना ने बताया कि दलपुरा के सरपंच धुंधीराम धडंगा ने मोबाइल पर सूचना दी कि गांव में सड़क किनारे खड़ी कार में एक युवक मृत अवस्था में है. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच करने पर शिनाख्त राजकीय अस्पताल हिंडौन में कार्यरत डॉ. महेश मीना के रूप में हुई.
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थानाप्रभारी ने बताया कि कार में कुछ इंजेक्शन खाली डोज के रूप में मिले. उन इंजेक्शनों का उपयोग ऑपरेशन से पूर्व मरीज को निश्चेतन के रूप में किया जाता है. प्राथमिक रूप से माना जा रहा है कि डॉ. मीणा ने उक्त इंजेक्शनों का उपयोग अधिक डोज में कर लिया, जिससे उनकी मौत हो गई.
थानाप्रभारी मीना ने बताया कि मृतक डॉ. महेश मीणा के भाई रमेश मीणा ने इस प्रकरण में हत्या के आरोप की रिपोर्ट दर्ज कराई है. उल्लेख किया है कि डॉ. महेश मीणा ने बैंक से करीब 50 लाख रुपये का ऋण लिया था. वह रकम रिश्तेदार डॉ. जीतेन्द्र मीणा ने प्रोपर्टी डीलर दशरथ सिंह को दी थी. उस रकम की वापसी नहीं होने की स्थिति में डॉ. महेश मीणा बैंक में ऋण की किश्त भी जमा नहीं कर पा रहे थे. आरोप है कि अधिक तकादा करने पर षडयंत्रपूर्वक डॉ. महेश मीणा की हत्या की गई है.