करौली. चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है. बीमारी की वजह से लोग डरे हुए हैं. लाइफस्टाइल बदल गया है. लोग साफ-सफाई से रहने लगे हैं, लेकिन राजस्थान के करौली जिले के कोविड केयर सेंटर के हाल बेहाल हैं. एक तरफ सरकार और प्रशासन कोरोना व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर करौली जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.
करौली जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर विवेकानंद मॉडल स्कूल में बनाए गए कोविड केयर सेंटर का हाल बेहाल है. कोविड केयर सेंटर में खाने और पीने को लेकर अव्यवस्था का आलम है. ईटीवी भारत की टीम जब कोविड केयर सेंटर में रह रहे लोगों से बात की तो वहां की अव्यवस्था सामने आई. लोगों का कहना था कि वे वहां नहीं रहना चाहते हैं.
पीने को मिलता है गंदा पानी...
कोविड केयर सेंटर में रह रहे लोगों ने बताया कि पीने का पानी बहुत ही गंदा है. उन्होंने बताया कि वे जिस टंकी के पानी से नहाते हैं, कपड़े धोते हैं, बर्तन साफ करते हैं उसी टंकी के पानी को पीते भी हैं. इस दौरान सामने आया कि जिस टंकी से पानी आ रही है वह कई दिनों से साफ नहीं की गई है.
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लोगों ने बताया कि कोविड केयर सेंटर में भोजन आने का भी कोई टाइम टेबल नहीं है. उन्होंने बताया कि कभी भोजन 12:00 बजे आता है तो कभी 1:00 बजे आता है. वहीं, सुबह 7:30 बजे चाय मिलती है तो उसके बाद शाम को चाय मिलती है. लोगों का कहना है कि भोजन समय पर नहीं आने के कारण वे दवाई भी समय पर नही ले पाते हैं.
उन्होंने बताया कि खाना ऐसा आता है कि कभी सब्जी में नमक ज्यादा होती है, तो कभी पूरी कड़ी रोटी आती है. लोगों का कहना है कि अगर बाहर से परिजन उनको कोई फल या खाना देने आते हैं तो उनको कोविड केयर सेंटर के कर्मचारी नहीं लेने देते हैं.
दो भवनों में कोविड केयर सेंटर...
बता दें, करौली जिले के विवेकानंद मॉडल स्कूल की अलग-अलग दो भवनों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. ईटीवी भारत की टीम में रियलिटी चेक में सामने आया कि स्कूल की दूसरी बिल्डिंग के कमरों में 11 संक्रमित मरीज उपचारधीन थे, जबकि स्कूल के अंदर की बिल्डिंग में बना रखे सेंटर मे एक भी कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती नहीं था.
मामले को लेकर चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए स्वच्छ पानी, साधारण भोजन, प्रॉपर स्पेस, कंप्लीट रेस्ट और टाइम टू टाइम मेडिसन मिलनी चाहिए. उनके अनुसार गंदा पानी पीने से मरीजों में डायरिया, टाइफाइड और फीवर रोग हो सकता है.
प्रशासन नहीं दे रहा जवाब...
कोविड केयर सेंटर की अव्यवस्था को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश चंद मीणा का कहना है कि इसके बारे में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ही जानकारी दे पाएंगे. वहीं, जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश चंद गुप्ता ने बताया कि खाने और पीने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है.
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डॉ. दिनेश चंद गुप्ता ने बताया कि बाहर की चीजों को खाने से मरीज बीमार नहीं हो, इसलिए इसपर रोक लगा रखी है. उन्होंने कहा कि यह अधिकृत रोक नहीं है, लेकिन मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए मना किया गया है. वहीं, उन्होंने फटे गद्दे और बेडशीट नहीं बिछाने के मामले पर कहा कि शीघ्र ही व्यवस्था को दुरस्त करवा दिया जाएगा.
वहीं, कोविड केयर सेंटर की अव्यवस्थाओं के बारे में जब जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि व्यवस्थाओं को तुरंत चेक करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि कोई कमी पाई जाती है तो शीघ्र ही इसे सही करवाया जाएगा.