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करौली: कमीशन को लेकर विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को किया निलंबित

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Published : Mar 24, 2021, 3:01 PM IST

करौली के पंचायत समिति में कमीशन को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और विकास अधिकारी में विवाद हो गया. जिसमें विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया. जिसके बाद इस मामले में कलेक्टर ने नाराजगी जताई है. पढें पूरा मामला...

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कमीशन को लेकर हुआ विवाद

करौली. जिले के पंचायत समिति में मंगलवार शाम को कमीशन को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और विकास अधिकारी के झगड़े का मामला सामने आया है. जिसमें विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है. वहीं ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के बाद ग्राम विकास अधिकारी जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी दी. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने घटनाक्रम को लेकर नाराजगी व्यक्त की है.

कमीशन को लेकर हुआ विवाद

बता दें कि करौली पंचायत समिति में मंगलवार शाम को कमीशन को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और विकास अधिकारी के झगड़े का मामला सामने आया. जिसके बाद मामले को बढ़ता देख मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन तब तक मामला शांत हो गया. इधर विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है. ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के बाद ग्राम विकास अधिकारी जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी है. इसके बाद जिला कलेक्टर ने घटनाक्रम को लेकर नाराजगी व्यक्त की है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान पुलिस की ऐतिहासिक कार्रवाई: खाकी को दागदार करने वाले कांस्टेबल के खिलाफ महज 13 घंटे में पेश किया चालान, सेवा से भी बर्खास्त

इस मामले में विकास अधिकारी मदन लाल बेरवा ने बताया कि बरखेड़ा कार्यालय पर तैनात ग्राम विकास अधिकारी टीकाराम मीणा को कैला देवी आस्थाधाम में लक्की मेला होने की वजह से ग्राम विकास अधिकारी को कैलादेवी में लगाया गया था, लेकिन लगाने के पश्चात भी ग्राम विकास अधिकारी ने कार ग्रहण नहीं किया और मेरे चेंबर में आकर मेरे साथ अभ्रदता की. जिसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई, फिलहाल ग्राम विकास अधिकारी टीकाराम मीणा को कार्य ग्रहण नहीं करने, आवास योजना की प्रगति अर्जित नहीं करने, राज्यकार्य में बाधा पहुंचाने और विकास अधिकारी के चेंबर में उच्च अधिकारियों से अभ्रदता और अनुशासनहीनता बरतने के चलते निलंबित कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: देशभर में देर से चल रही हैं 888 सड़क परियोजनाएं, कई प्रोजेक्ट एक दशक बाद भी अधूरे

वहीं इस मामले को लेकर ग्राम विकास अधिकारी टीकाराम मीणा ने बताया कि विकास अधिकारी मदन लाल बेरवा ने मेरे से पैसे मांगे, जिसके कारण विवाद हुआ है. वहीं विवाद होने के बाद ग्राम विकास अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल और विकास अधिकारी जिला कलेक्टर से मिले. इस पर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मामले की जांच कराने की बात कही है.

करौली. जिले के पंचायत समिति में मंगलवार शाम को कमीशन को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और विकास अधिकारी के झगड़े का मामला सामने आया है. जिसमें विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है. वहीं ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के बाद ग्राम विकास अधिकारी जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी दी. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने घटनाक्रम को लेकर नाराजगी व्यक्त की है.

कमीशन को लेकर हुआ विवाद

बता दें कि करौली पंचायत समिति में मंगलवार शाम को कमीशन को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और विकास अधिकारी के झगड़े का मामला सामने आया. जिसके बाद मामले को बढ़ता देख मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन तब तक मामला शांत हो गया. इधर विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है. ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के बाद ग्राम विकास अधिकारी जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी है. इसके बाद जिला कलेक्टर ने घटनाक्रम को लेकर नाराजगी व्यक्त की है.

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इस मामले में विकास अधिकारी मदन लाल बेरवा ने बताया कि बरखेड़ा कार्यालय पर तैनात ग्राम विकास अधिकारी टीकाराम मीणा को कैला देवी आस्थाधाम में लक्की मेला होने की वजह से ग्राम विकास अधिकारी को कैलादेवी में लगाया गया था, लेकिन लगाने के पश्चात भी ग्राम विकास अधिकारी ने कार ग्रहण नहीं किया और मेरे चेंबर में आकर मेरे साथ अभ्रदता की. जिसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई, फिलहाल ग्राम विकास अधिकारी टीकाराम मीणा को कार्य ग्रहण नहीं करने, आवास योजना की प्रगति अर्जित नहीं करने, राज्यकार्य में बाधा पहुंचाने और विकास अधिकारी के चेंबर में उच्च अधिकारियों से अभ्रदता और अनुशासनहीनता बरतने के चलते निलंबित कर दिया गया है.

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वहीं इस मामले को लेकर ग्राम विकास अधिकारी टीकाराम मीणा ने बताया कि विकास अधिकारी मदन लाल बेरवा ने मेरे से पैसे मांगे, जिसके कारण विवाद हुआ है. वहीं विवाद होने के बाद ग्राम विकास अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल और विकास अधिकारी जिला कलेक्टर से मिले. इस पर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मामले की जांच कराने की बात कही है.

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