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बेसहारा का सहारा बने ये कोरोना वॉरियर्स, बेजुबान और जरुरतमंदों को प्रतिदिन पहुंचा रहे भोजन

करौली में कोरोना संकट की घड़ी में बेसहारा का सहारा बनकर कुछ लोग सामने आए हैं, जो जरूरतमंदों और पशु-पक्षियों को रोजाना खाना पहुंचा रहे हैं.

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सहारा बने ये कोरोना वॉरियर्स
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Published : Apr 30, 2020, 8:15 PM IST

करौली. बेशक पूरा देश कोरोना वायरस के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन इस जंग में संवेदनाएं मोर्चा संभाल रही हैं. यह संवेदना मनुष्य क्या, पशु-पक्षियों के के लिए साफ दिखाई दे रही है. शहर की सड़कों पर तो गांव की गलियों में लोग एक दूसरे के लिए मदद करते साफ दिखाई दे जाएंगे.

बीते एक माह से कोरोना संकट की घड़ी में करौली में ऐसे अनेक लोग है जो जरूरतमंद और बेजुबानों की मदद में जुटे हुए हैं. जो सुबह होते ही घर से निकलते हैं और देर रात जरूरतमंद लोग और पशु पक्षियों को भोजन का प्रबंध कर घर लौटते हैं. सर्व समाज युवा परिषद के प्रदेश संयोजक जीतू शुक्ला जब से देश में लॉकडाउन के आदेश हुए थे, तब से ही शुक्ला समझ गए थे कि स्थिति बहुत गंभीर होने वाली है. शुक्ला द्वारा फेसबुक के माध्यम से लोगो से जरूरतमंदों के पेट को भरने के लिए इच्छानुसार राशन सामग्री देने की अपील की गई थी. जिस अपील को लोगों द्वारा गम्भीरता से लिया गया. किसी ने आटा पहुंचाया तो किसी ने चीनी, दाल, तेल, मसाले जो लोगों से बन पड़ा वो मदद की.

बेसहारा का सहारा बने ये कोरोना वॉरियर्स

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बस फिर क्या था शुक्ला निकल पड़े अपने मिशन पर टीम के कुछ युवा सदस्यों के साथ. शहर के गरीब असहाय मजदूर वर्ग की शुक्ला और टीम द्वारा जानकारी जुटाई गई. फिर उनको घर-घर जाकर राशन पहुंचाया जा रहा है. साथ ही करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया भी इन युवाओं की तारीफ किए बिना नहीं रह सके.

सांसद ने युवाओं की सराहना करते हुए अन्य लोगों को भी ऐसे ही मदद को हाथ बढ़ाने की बात कही. जीतू शुक्ला के अनुसार अब तक 250 से अधिक परिवारों को राशन किट वितरण कर चुके हैं. समाजसेवी टोनू राजोरिया स्वयं के खर्चे पर जरुरतमंदों को राशन कीट पहुचाने में लगे हुए हैं. तो वहीं दूसरी ओर बेजुबान पशु पक्षीयों को दाना-पानी की व्यवस्था में जुटे है.

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राजोरिया द्वारा संकल्प के तहत 101 परिंडे पक्षियों के लिए भी लगाए गए है. जिससे गर्मी के मौसम में पक्षियों को प्यास से व्याकुल ना होना पड़े. वहीं टोनू राजोरिया द्वारा बंदरों के लिए केला, चीटियों के लिए आटा, गायों के लिए चारा डलवाया जा रहा है. इसके अलावा लोगो को सैनिटाइजर भी दे रहे है. टोनू राजोरिया द्वारा अपनी पत्नी काजल के साथ जिला प्रशासन को कोरोना आपदा फंड में 5100 की सहायता राशि भी भेंट की गई. इसके अलावा एक-एक ट्रॉली कद्दू, टमाटर लोगों में वितरण करवाया जा चुका है.

सामाजिक कार्यकर्ता और निजी स्कूल के व्यवस्थापक धीरज शुक्ला द्वारा पशुओं के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था की जा रही हैं. धीरज दिन-रात इन पशुओं के भोजन की व्यवस्था करते हैं. धीरज अपनी टीम के सदस्यो के साथ सुबह ही घर से निकल पडते है. फिर तलाश करते हैं कि कहीं कोई बेसहारा पशु भूखा तो नहीं है. वे घूम-घूम कर भूखे पशुओं के लिए केले, चपाती चना मटर, बिस्किट आदि लेकर निकलते हैं. फिर इन पशुओं के भोजन का प्रबंध करते है.

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समाजसेवी बबलू द्वारा अपने स्तर पर प्रशासन के माध्यम से परिवार और दोस्तों के माध्यम से जरूरतमंद को प्रतिदिन राशन सामग्री सहित बना बनाया भोजन पहुंचाया जा रहा है. बबलू शुक्ला का कहना है कि कोरोना आपदा की घड़ी में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिससे दिहाड़ी मजदूर करने वाले लोगों के सामने भोजन का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में उनको प्रतिदिन घर-घर पहुंच कर राशन सामग्री पहुंचाई जा रही है. बबलू शुक्ला के अनुसार वह अब तक 750 से अधिक राशन किट का वितरण कर चुके हैं. इसके अलावा अन्य लोगों की मदद से बना बनाया भोजन भी उपलब्ध करवा रहे हैं.

करौली. बेशक पूरा देश कोरोना वायरस के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन इस जंग में संवेदनाएं मोर्चा संभाल रही हैं. यह संवेदना मनुष्य क्या, पशु-पक्षियों के के लिए साफ दिखाई दे रही है. शहर की सड़कों पर तो गांव की गलियों में लोग एक दूसरे के लिए मदद करते साफ दिखाई दे जाएंगे.

बीते एक माह से कोरोना संकट की घड़ी में करौली में ऐसे अनेक लोग है जो जरूरतमंद और बेजुबानों की मदद में जुटे हुए हैं. जो सुबह होते ही घर से निकलते हैं और देर रात जरूरतमंद लोग और पशु पक्षियों को भोजन का प्रबंध कर घर लौटते हैं. सर्व समाज युवा परिषद के प्रदेश संयोजक जीतू शुक्ला जब से देश में लॉकडाउन के आदेश हुए थे, तब से ही शुक्ला समझ गए थे कि स्थिति बहुत गंभीर होने वाली है. शुक्ला द्वारा फेसबुक के माध्यम से लोगो से जरूरतमंदों के पेट को भरने के लिए इच्छानुसार राशन सामग्री देने की अपील की गई थी. जिस अपील को लोगों द्वारा गम्भीरता से लिया गया. किसी ने आटा पहुंचाया तो किसी ने चीनी, दाल, तेल, मसाले जो लोगों से बन पड़ा वो मदद की.

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बस फिर क्या था शुक्ला निकल पड़े अपने मिशन पर टीम के कुछ युवा सदस्यों के साथ. शहर के गरीब असहाय मजदूर वर्ग की शुक्ला और टीम द्वारा जानकारी जुटाई गई. फिर उनको घर-घर जाकर राशन पहुंचाया जा रहा है. साथ ही करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया भी इन युवाओं की तारीफ किए बिना नहीं रह सके.

सांसद ने युवाओं की सराहना करते हुए अन्य लोगों को भी ऐसे ही मदद को हाथ बढ़ाने की बात कही. जीतू शुक्ला के अनुसार अब तक 250 से अधिक परिवारों को राशन किट वितरण कर चुके हैं. समाजसेवी टोनू राजोरिया स्वयं के खर्चे पर जरुरतमंदों को राशन कीट पहुचाने में लगे हुए हैं. तो वहीं दूसरी ओर बेजुबान पशु पक्षीयों को दाना-पानी की व्यवस्था में जुटे है.

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राजोरिया द्वारा संकल्प के तहत 101 परिंडे पक्षियों के लिए भी लगाए गए है. जिससे गर्मी के मौसम में पक्षियों को प्यास से व्याकुल ना होना पड़े. वहीं टोनू राजोरिया द्वारा बंदरों के लिए केला, चीटियों के लिए आटा, गायों के लिए चारा डलवाया जा रहा है. इसके अलावा लोगो को सैनिटाइजर भी दे रहे है. टोनू राजोरिया द्वारा अपनी पत्नी काजल के साथ जिला प्रशासन को कोरोना आपदा फंड में 5100 की सहायता राशि भी भेंट की गई. इसके अलावा एक-एक ट्रॉली कद्दू, टमाटर लोगों में वितरण करवाया जा चुका है.

सामाजिक कार्यकर्ता और निजी स्कूल के व्यवस्थापक धीरज शुक्ला द्वारा पशुओं के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था की जा रही हैं. धीरज दिन-रात इन पशुओं के भोजन की व्यवस्था करते हैं. धीरज अपनी टीम के सदस्यो के साथ सुबह ही घर से निकल पडते है. फिर तलाश करते हैं कि कहीं कोई बेसहारा पशु भूखा तो नहीं है. वे घूम-घूम कर भूखे पशुओं के लिए केले, चपाती चना मटर, बिस्किट आदि लेकर निकलते हैं. फिर इन पशुओं के भोजन का प्रबंध करते है.

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