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करौली: प्रसव के दौरान महिला की मौत का मामला, 24 घंटे बाद शव लेने को राजी हुए परिजन

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Published : Jan 24, 2021, 10:30 PM IST

करौली में एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों और समाज के लोगों की ओर से दिया जा रहा धरना 24 घंटे बाद समाप्त हो गया. विधायक और एडीएम की लगभग 3 घंटे चली वार्ता के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए.

protest ends after 24 hours,  Maternal death case in Rajasthan
24 घंटे बाद शव लेने को राजी हुए परिजन

करौली. शहर के गुलाब बाग स्थित एक हॉस्पिटल में एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों और समाज के लोगों की ओर से दिया जा रहा धरना समाप्त हुआ. विधायक और अतिरिक्त जिला कलेक्टर की वार्ता के बाद 24 घंटे बाद धरना समाप्त कर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सहमति बनी.

24 घंटे बाद शव लेने को राजी हुए परिजन

दरअसल, शनिवार शाम करौली की अंगोला बस्ती निवासी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की ओर से लापरवाही पूर्वक इंजेक्शन लगाने के आधे घंटे बाद प्रसूता की मौत हो गई. साथ ही प्रसूता के गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई.

पढ़ें- करौली में प्रसव के दौरान महिला की मौत का मामला, 20 घंटे बाद भी मामला नहीं हो पाया शांत, धरने पर बैठे परिजन

प्रसूता महिला की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल के खिलाफ उचित कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा कर दिया और धरने पर बैठ गए. मामले की सूचना पर करौली विधायक लाखन सिंह और अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों से समझाइश की, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े रहे.

विधायक और एडीएम की लगभग 3 घंटे चली वार्ता के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए. विधायक लाखन सिंह ने बताया कि परिजनों और समाज के लोगों से सहमति बन गई है. उन्होंने बताया कि 7 लाख रुपए उनकी तरफ से आर्थिक सहायता के रूप मे दिए जाएंगे, 50 हजार रुपए नगर परिषद सभापति रसीदा खातून की तरफ से और जिला प्रशासन की तरफ से पालनहार योजना का लाभ दिया जाएगा.

लाखन सिंह ने बताया कि सरकार से भी आर्थिक मदद दिलाने की पहल की जाएगी. विधायक ने कहा कि प्रसूता महिला की मौत की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद परिजन शव लेने को राजी हुए.

करौली. शहर के गुलाब बाग स्थित एक हॉस्पिटल में एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों और समाज के लोगों की ओर से दिया जा रहा धरना समाप्त हुआ. विधायक और अतिरिक्त जिला कलेक्टर की वार्ता के बाद 24 घंटे बाद धरना समाप्त कर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सहमति बनी.

24 घंटे बाद शव लेने को राजी हुए परिजन

दरअसल, शनिवार शाम करौली की अंगोला बस्ती निवासी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की ओर से लापरवाही पूर्वक इंजेक्शन लगाने के आधे घंटे बाद प्रसूता की मौत हो गई. साथ ही प्रसूता के गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई.

पढ़ें- करौली में प्रसव के दौरान महिला की मौत का मामला, 20 घंटे बाद भी मामला नहीं हो पाया शांत, धरने पर बैठे परिजन

प्रसूता महिला की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल के खिलाफ उचित कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा कर दिया और धरने पर बैठ गए. मामले की सूचना पर करौली विधायक लाखन सिंह और अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों से समझाइश की, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े रहे.

विधायक और एडीएम की लगभग 3 घंटे चली वार्ता के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए. विधायक लाखन सिंह ने बताया कि परिजनों और समाज के लोगों से सहमति बन गई है. उन्होंने बताया कि 7 लाख रुपए उनकी तरफ से आर्थिक सहायता के रूप मे दिए जाएंगे, 50 हजार रुपए नगर परिषद सभापति रसीदा खातून की तरफ से और जिला प्रशासन की तरफ से पालनहार योजना का लाभ दिया जाएगा.

लाखन सिंह ने बताया कि सरकार से भी आर्थिक मदद दिलाने की पहल की जाएगी. विधायक ने कहा कि प्रसूता महिला की मौत की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद परिजन शव लेने को राजी हुए.

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