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करौली: पटाखों पर प्रतिबंध से व्यापारियों में निराशा, बच्चे कर रहे आतिशबाजी की मांग

राजस्थान में सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने और कोविड-19 की परेशानी के मद्देनजर दिवाली पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है. ऐसे में करौली के पटाखा व्यापारियों की में मायूसी छायी हुई है. वहीं पटाखों पर प्रतिबंध होने के कारण बच्चे भी उदास हैं.

आतिशबाजी पर रोक, राजस्थान में पटाखें बैन, Fireworks banned in Rajasthan
पटाखों पर प्रतिबंध से लोगों में मायूस
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Published : Nov 14, 2020, 6:01 PM IST

करौली. राजस्थान सरकार ने इस बार दिवाली पर आतिशबाजी की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यदि कोई भी आतिशबाजी बेचता या जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पटाखे बेचने और उपयोग करने पर जुर्माने की कार्रवाई का प्रावधान लागू किया गया. पटाखों की बिक्री करने पर 10 हजार रुपए और उपयोग करते पाए जाने पर 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे में आतिशबाजी विक्रेताओं में मायूसी छाई हुई है. वहीं आमजन में भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी नजर आ रही है.

पटाखों पर प्रतिबंध से लोगों में मायूस

बता दें कि राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने और कोविड-19 की परेशानी के मद्देनजर दिवाली पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है. इसके चलते पटाखा विक्रेताओं में मायूसी छाई हुई है. पटाखों की थोक में बिक्री करने वाले व्यापारी अपने लाखों रुपए फसने के कारण परेशान हैं. वहीं खुदरा विक्रेताओं के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. दिवाली पर फुटकर विक्रेता अपनी रोजी के लिए सड़कों के किनारे अस्थाई दुकानें लगाकर और बाजारों में पटाखें बेचकर अपना त्योहार मनाते थे. लेकिन इस प्रतिबंध के चलते फुटकर पटाखा विक्रेताओं की दिवाली भी बेरंग हो गई है.

पटाखों पर प्रतिबंध के कारण प्रदेश में लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं. परिजन बच्चों को बाजार में पटाखों के वजाए खलाने और सजावटी सामान दिलाकर बहलाते नजर आ रहे हैं. सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रोक रहेगी. यदि कोई भी पटाखा विक्रेता बिक्री करता हुआ पाया गया, तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पूरे साल पटाखों का व्यापार हुआ ठप

पटाखा विक्रेताओं ने बताया कि दिवाली के अलावा विवाह समारोह में आतिशबाजी के चलते पटाखों की बिक्री होती है. लेकिन कोरोना काल में विवाह समारोह भी औपचारिक तौर पर हुए. जहां पटाखों की जरूरत ही नहीं पड़ी. ऐसे में सालभर चलने वाली खरीद भी रुक गई है. अब दिवाली से उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने उस पर भी रोक लगा दी है.

बच्चे हुए मायूस

साल भर दिवाली के दिन पटाखे जलाने का इंतजार करने वाले बच्चों के चेहरे इस साल मुरझा गए हैं. ऐसे में बच्चों को दिवाली के दिन खुश करने के लिए परिजन खिलौनों की दुकान पर ले जाकर बच्चों को उनकी मनपसंद के खिलौने दिलवाकर उनको लुभा रहे हैं. जिससे बच्चों में दिवाली के दिन निराशा की लहर नजर आ रही है.

सीएम गहलोत ने की अपील

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिवाली नहीं मनाने को लेकर प्रदेशवासियों से अपील की है. सीएम ने ट्वीट के जरिए अपील करते हुए कहा कि पटाखों और आतिशबाजी पर रोक धर्म अथवा पर्व को देखते हुए नहीं बल्कि प्रदेशवासियों की सेहत को देखते हुए लगाई है. इस बार दिवाली दीपकों की रोशनी से रोशन कर मनाएं.

करौली. राजस्थान सरकार ने इस बार दिवाली पर आतिशबाजी की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यदि कोई भी आतिशबाजी बेचता या जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पटाखे बेचने और उपयोग करने पर जुर्माने की कार्रवाई का प्रावधान लागू किया गया. पटाखों की बिक्री करने पर 10 हजार रुपए और उपयोग करते पाए जाने पर 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे में आतिशबाजी विक्रेताओं में मायूसी छाई हुई है. वहीं आमजन में भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी नजर आ रही है.

पटाखों पर प्रतिबंध से लोगों में मायूस

बता दें कि राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने और कोविड-19 की परेशानी के मद्देनजर दिवाली पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है. इसके चलते पटाखा विक्रेताओं में मायूसी छाई हुई है. पटाखों की थोक में बिक्री करने वाले व्यापारी अपने लाखों रुपए फसने के कारण परेशान हैं. वहीं खुदरा विक्रेताओं के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. दिवाली पर फुटकर विक्रेता अपनी रोजी के लिए सड़कों के किनारे अस्थाई दुकानें लगाकर और बाजारों में पटाखें बेचकर अपना त्योहार मनाते थे. लेकिन इस प्रतिबंध के चलते फुटकर पटाखा विक्रेताओं की दिवाली भी बेरंग हो गई है.

पटाखों पर प्रतिबंध के कारण प्रदेश में लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं. परिजन बच्चों को बाजार में पटाखों के वजाए खलाने और सजावटी सामान दिलाकर बहलाते नजर आ रहे हैं. सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रोक रहेगी. यदि कोई भी पटाखा विक्रेता बिक्री करता हुआ पाया गया, तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पूरे साल पटाखों का व्यापार हुआ ठप

पटाखा विक्रेताओं ने बताया कि दिवाली के अलावा विवाह समारोह में आतिशबाजी के चलते पटाखों की बिक्री होती है. लेकिन कोरोना काल में विवाह समारोह भी औपचारिक तौर पर हुए. जहां पटाखों की जरूरत ही नहीं पड़ी. ऐसे में सालभर चलने वाली खरीद भी रुक गई है. अब दिवाली से उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने उस पर भी रोक लगा दी है.

बच्चे हुए मायूस

साल भर दिवाली के दिन पटाखे जलाने का इंतजार करने वाले बच्चों के चेहरे इस साल मुरझा गए हैं. ऐसे में बच्चों को दिवाली के दिन खुश करने के लिए परिजन खिलौनों की दुकान पर ले जाकर बच्चों को उनकी मनपसंद के खिलौने दिलवाकर उनको लुभा रहे हैं. जिससे बच्चों में दिवाली के दिन निराशा की लहर नजर आ रही है.

सीएम गहलोत ने की अपील

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिवाली नहीं मनाने को लेकर प्रदेशवासियों से अपील की है. सीएम ने ट्वीट के जरिए अपील करते हुए कहा कि पटाखों और आतिशबाजी पर रोक धर्म अथवा पर्व को देखते हुए नहीं बल्कि प्रदेशवासियों की सेहत को देखते हुए लगाई है. इस बार दिवाली दीपकों की रोशनी से रोशन कर मनाएं.

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