करौली. जिले के मंडरायल उपखंड मुख्यालय पर सोमवार को भाजपाइयों ने बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. बाद में राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने घरेलू और कृषि कनेक्शन बिल माफ करने की मांग की है.
भाजपा नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कोरोना आर्थिक पैकेज के तहत बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है, लेकिन बड़े ही दुख की बात है, राजस्थान सरकार द्वारा किसानों के घरेलू बिजली कनेक्शन के बिल को माफ नहीं किया गया है.
पढ़ेंः Special: राजस्थान का पहला 'सब्जी उत्कृष्टता केंद्र' बनकर तैयार, किसानों को मिलेगा ऐसे फायदा
जबकि बिलों को लेकर आए दिन बिजली विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को बिल भरने के लिए चेतावनी दी जा रही है. राज्य सरकार द्वारा दो माह के लिए बिलों को स्थगित कर दिया गया था. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा एक बड़ा पैकेज राजस्थान सरकार को घोषणा करने के बावजूद भी लोगों के बिजली बिल माफ नहीं किए गए हैं.
कोरोना वैश्विक महामारी में लोगों की स्थिति पूर्ण तरीके से लड़खड़ा चुकी है. बिजली बिल भरने में लोग असमर्थ देख रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग द्वारा नाम मात्र के लिए कुछ प्लेंटी माफ की जा रही है. लेकिन वो प्लेटी भी ऊंट के मुंह में जीरा डालने के बराबर बात साबित होती है. जबकि बिजली कंपनियों द्वारा मार्च 2020 के बिल की तुलना में अप्रैल 2020 के बिल में 40 से लेकर 75 पैसे तक प्रति यूनिट की दर की वृद्धि की गई है.
पढ़ेंः प्रदेशभर में निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने खोला मोर्चा, बोले- जब तक स्कूल नहीं.. तब तक फीस नहीं
हर महीने बिजली बिल में बिजली विभाग द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर शुल्क लगाया जा रहा है. जबकि कोरोना महामारी के चलते संपूर्ण भारत में लॉकडाउन की स्थिति पैदा होने के कारण लोगों के धंधे चौपट हो गए थे. लोगों के लिए राशन सामग्री की व्यवस्था करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. लेकिन सरकार द्वारा आमजन के हित के लिए कोई भी फायदा नहीं दिया जा रहा है. भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि राज्यपाल के नाम तहसीलदार प्रकाश चंद मीणा को ज्ञापन सौपा गया है. जल्द ही बिजली बिल माफ करने की मांग की गई है. जिससे आमजन को राहत मिल सके.