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करौली की सड़कों के गढ्ढे बन रहे नवजात शिशु और प्रसूताओं की जान की आफत

जिला मुख्यालय पर मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल इन दिनों गहरे गड्ढों, जर्जर सड़कों के कारण नवजात शिशु प्रसूताओं की जान की आफत बना हुआ है. लेकिन जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं. ऐसे में लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.

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Published : Nov 1, 2019, 8:56 PM IST

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करौली. जिला अस्पताल से मातृ शिशु ईकाई अस्पताल को 7 किमी दूर मंडरायल रोड के नवीन जिला अस्पताल भवन में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन खस्ताहाल सड़क और गहरे गड्ढे नवजातों और प्रसूताओं की जान की आफत बने हुए हैं. यहां तक की इस नवीन भवन पर आवागमन के लिए यातायात के साधनों का भी कोई इंतजाम नहीं है. इसके बावजूद भी गरीब और मध्यम तबके के लोग अपनी गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए इस मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं.

मातृ शिशु ईकाई अस्पताल की जर्जर सड़क

राहगीरों का कहना है की कई बार प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को सड़क की जर्जर और दयनीय हालात से अवगत करा दिया है, लेकिन उनके जू तक नहीं रेंगती है. डिलीवरी के समय महिलाओं को ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है.

पढे़ं- जयपुर: चयन समिति की बैठक में लगी मुहर, अब जिलों में की जाएगी अधिकृत घोषणा

बरसात के समय में तो हालात यह हो जाते हैं कि सड़क पर से पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता है. ऐसे में कई बार चिकित्सा कर्मी सहित आने जाने वाले राहगीर भी चोटिल हो गए हैं. जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया की सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जल्दी ही सड़क की हालत सुधारने के निर्देश दिए गए हैं. जल्दी ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराकर सड़क की हालत को सुधारा जाएगा.

करौली. जिला अस्पताल से मातृ शिशु ईकाई अस्पताल को 7 किमी दूर मंडरायल रोड के नवीन जिला अस्पताल भवन में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन खस्ताहाल सड़क और गहरे गड्ढे नवजातों और प्रसूताओं की जान की आफत बने हुए हैं. यहां तक की इस नवीन भवन पर आवागमन के लिए यातायात के साधनों का भी कोई इंतजाम नहीं है. इसके बावजूद भी गरीब और मध्यम तबके के लोग अपनी गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए इस मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं.

मातृ शिशु ईकाई अस्पताल की जर्जर सड़क

राहगीरों का कहना है की कई बार प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को सड़क की जर्जर और दयनीय हालात से अवगत करा दिया है, लेकिन उनके जू तक नहीं रेंगती है. डिलीवरी के समय महिलाओं को ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है.

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बरसात के समय में तो हालात यह हो जाते हैं कि सड़क पर से पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता है. ऐसे में कई बार चिकित्सा कर्मी सहित आने जाने वाले राहगीर भी चोटिल हो गए हैं. जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया की सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जल्दी ही सड़क की हालत सुधारने के निर्देश दिए गए हैं. जल्दी ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराकर सड़क की हालत को सुधारा जाएगा.

Intro:जिला मुख्यालय पर मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल इन दिनों गहरे गड्ढों जर्जर हालात में सड़क के कारण नवजात शिशु प्रसुताओ की जान की आफत बना हुआ है.. लेकिन जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं.. ऐसे में लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.


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करौली

जिला मुख्यालय पर मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल इन दिनों गहरे गड्ढों जर्जर हालात में सड़क के कारण नवजात शिशु प्रसुताओ की जान की आफत बना हुआ है.. लेकिन जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं.. ऐसे में लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.

दरअसल जिला अस्पताल से मातृ शिशु ईकाई अस्पताल को सात किलोमीटर दूर मंडरायल रोड स्थित नवीन जिला अस्पताल के भवन में शिफ्ट कर दिया गया.लेकिन खस्ताहाल सडक और गहरे गड्ढे नवजातो और प्रसुताओं की जान की आफत बने हुए हैं.यहा तक की इस नवीन भवन पर आवागमन के लिए यातायात के साधनों का भी इंतजाम नहीं है..इसके बावजूद भी गरीब एवं मध्यम तबके के लोग अपनी गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर नवीन अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन शिकारगंज चौराहे से लेकर अस्पताल तक पूरी सड़क जर्जर पड़ी हुई है और सड़क में गहरे गड्ढे बने हुए हैं, जिसके कारण वाहनों से आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके अजन्मी नवजात बच्चों पर जान पर आफत बन आती है. कई बार तो ऑटो एवं चौपहिया वाहनों में ही प्रसव हो गया है.जिनमें से कई बच्चों की स्थिति गंभीर तक हो चुकी है.. जर्जर सड़क के हालातों को लेकर लोगो ने कई बार प्रशासन को मामले से अवगत कराया लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है.. प्रशासन बेखबर बना हुआ है.. लोगो का कहना है की कई बार प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को सड़क की जर्जर और दयनीय हालात से अवगत करा दिया है.. लेकिन उनके जू तक नहीं रेंगती है.. डिलीवरी के समय महिलाओं को ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.. कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है.. ऐसे में प्रसुता की जान तक जोखिम मे आ जाती है..जिला मुख्यालय से अस्पताल के दूर होने के कारण लोगों को आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ता है. बरसात के समय में तो हालात यह हो जाते हैं कि सड़क पर से पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता है. ऐसे में कई बार चिकित्सा कर्मी सहित आने जाने वाले राहगीर भी चोटिल हो गए हैं.लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कदम नही उठाया गया.. जिसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है..
जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव ने बताया की सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जल्दी ही सड़क की हालत सुधारने के निर्देश दिए गए हैं. जल्दी ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराकर सड़क की हालत को सुधारा जाएगा..

वाईट----भुरसिंह आमजन,
वाईट---जगदीश राहगीर,
वाईट--- डॉक्टर मोहन लाल यादव जिला कलेक्टर करौली



Conclusion:
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