करौली. जिले में कोरोना संक्रमण से आमजन को बचाने और इसकी रोकथाम के लिये आयुर्वेद विभाग अपनी ओर से पूरी ताकत से जुटा है. टीम बनाकर लोगों को प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिये वन औषधियों और वनस्पतियों के मिश्रण से तैयार काढ़ा वितरण कर रहा है. काढ़ा वितरण के साथ-साथ टीम ने प्रत्येक आयुर्वेद चिकित्सालय, सरकारी कार्यालयों, बैंक, पोस्ट ऑफिस, ई-मित्र केन्द्रों, कोविड केयर सेन्टरों, गली-गली, गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में पहुंचकर आमजन को पिलाया.
इसी का परिणाम है कि करौली जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के इन उपायो से लगभग 1 लाख 58 हजार 785 रोगियों को आयुर्वेद चिकित्सा से लाभान्वित किया है. जिले मे कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को रोकने में काढा, पंचकर्म चिकित्सा का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा. जिसमे लगभग 1520 रोगियों को लाभान्वित किया गया.
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कोविड-19 के दौरान आयुर्वेद चिकित्सकोें एवं कम्पाउण्डरों द्वारा 20 अप्रैल से 10 जून 2021 तक 42 हजार 719 लोगों व रोगियों को काढ़ा पिलाया एवं वितरण किया गया. 12 हजार 345 खांसी, जुकाम, बुखार के रोगियों को 64 आयुष शिविर आयोजित कर औषधियों की किटो का वितरण किया गया. साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों द्वारा ऑनलाईन परामर्श टीम गठित कर लोगों को उपचार की सलाह दी गई.
राजकीय जिला अस्पताल करौली, उप जिला अस्पताल हिण्डौन में कोरोना वार्डों में जाकर कोरोना पीडित रोगियों एवं उनके परिजनों को रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्द्धक काढ़ा प्रतिदिन जाकर पिलाया, जिसका लाभ भर्ती कोरोना रोगियों को मिला.
कोरोना बचाव के लिए आमजन आयुर्वेदिक काढ़ा पीने के लिए स्वतः ही आगे आए और आयुर्वेदिक चिकित्सक और स्टॉफ ने पूरी तरह से समर्पण के साथ दिन रात एक कर लोगों को कोरोना से बचाव के लिये जो प्रयास किया वह जिले के कोरोना संक्रमण के रोगियों की संख्या को कम करने में सार्थक सिद्ध हुआ. आयुर्वेदिक काढ़ा पीने के प्रति आमजन का विशेष लगाव का ही यह परिणाम सामने आया कि काढ़ा के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये वन औषधियों में यह गुण मौजूद है, जिनसे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है.