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करौली में 'स्तनपान सप्ताह' का आयोजन...ये है बड़ी वजह - World Breastfeeding Week 2020

करौली में 6 माह तक के बच्चों में स्तनपान दर में वृद्धि लाने के उद्देश्य से जिले में विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त तक मनाया जा रहा है. जिसमें सप्ताहभर जिले में चिकित्सा संस्थानों पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर स्तनपान कराने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है.

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विश्व स्तनपान सप्ताह 2020ः महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए किया जा रहा जागरूक
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Published : Aug 4, 2020, 7:48 PM IST

करौली. जिले के जिला मुख्यालय स्थित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें 6 माह तक के बच्चों में स्तनपान दर में वृद्धि लाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजन कर माताओं को स्तनपान के लिए जागरूक किया जा रहा है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि एनएफएचएस के आंकडों के अनुसार प्रदेश में नवजातों को जन्म के पहले घंटे में 'स्तनपान' कराए जाने के साथ ही 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान पर निर्भर रखें. इसलिए बच्चों के स्तनपान सुधार के लिए जिले में 'स्तनपान सप्ताह' का आयोजन किया जा रहा है.

पढ़ें: बाड़मेर: कई मांगों को लेकर भाजपा के किसान मोर्चा का एक दिवसीय धरना

जिसमें स्तनपान को बढ़ावा देने और महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता के लिए जिले की चिकित्सा संस्थानों पर गतिविधियों का आयोजन कर प्रसूताओं को स्तनपान के लिए जागरूक किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: नीमकाथाना के विवेश ने हासिल की 'मुकाम'...UPSC परीक्षा में चयन के बाद परिवार में खुशी की लहर

उन्होंने बताया कि माताओं की ओर से नवजातों को जन्म के पहले घंटे के दौरान कराया गया स्तनपान अमृत समान होता है और बच्चे को 6 माह तक मां के दूध पर निर्भर रहने पर कई बीमारियों से बचाने के साथ पौष्टिकता प्रदान करती है. बता दें कि आमजन नवजातों को जन्म के बाद चाय, शहद, दूध और अन्य तरल पदार्थ ऊपर से न दें, केवल मां का दूध ही पिलाएं ताकि नवजात तंदरुस्त रहे.

करौली. जिले के जिला मुख्यालय स्थित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें 6 माह तक के बच्चों में स्तनपान दर में वृद्धि लाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजन कर माताओं को स्तनपान के लिए जागरूक किया जा रहा है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि एनएफएचएस के आंकडों के अनुसार प्रदेश में नवजातों को जन्म के पहले घंटे में 'स्तनपान' कराए जाने के साथ ही 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान पर निर्भर रखें. इसलिए बच्चों के स्तनपान सुधार के लिए जिले में 'स्तनपान सप्ताह' का आयोजन किया जा रहा है.

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जिसमें स्तनपान को बढ़ावा देने और महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता के लिए जिले की चिकित्सा संस्थानों पर गतिविधियों का आयोजन कर प्रसूताओं को स्तनपान के लिए जागरूक किया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि माताओं की ओर से नवजातों को जन्म के पहले घंटे के दौरान कराया गया स्तनपान अमृत समान होता है और बच्चे को 6 माह तक मां के दूध पर निर्भर रहने पर कई बीमारियों से बचाने के साथ पौष्टिकता प्रदान करती है. बता दें कि आमजन नवजातों को जन्म के बाद चाय, शहद, दूध और अन्य तरल पदार्थ ऊपर से न दें, केवल मां का दूध ही पिलाएं ताकि नवजात तंदरुस्त रहे.

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