करौली. जिले में हो रही बारिश से नदी-नाले-बांध उफान पर हैं. जिले के मंडरायल उपखंड मुख्यालय से सटे मध्यप्रदेश की सीमा पर चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
चंबल नदी का खतरे का निशान 165 मीटर है, जबकि नदी 169.6 मीटर पर बह रही है. नदी के किनारे के दर्जनों गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. प्रशासन गांवों को खाली करा रहा है. गांवों के घरों में पानी भर गया है. ग्रामीण अपने मवेशियों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.
जिला मुख्यालय स्थित पांचना बांध में पानी की आवक को देखते हुए बांध के 3 गेट खोल दिये गये हैं. तीनों गेटों से 40-40 सेंटीमीटर पानी की निकासी भरतपुर जिले के घना पक्षी विहार के लिए की जा रही है. बांध का गेज 257.75 मीटर है. अगर इससे ज्यादा पानी आता है तो जिला प्रशासन की अनुमति के बाद जल संसाधन विभाग की ओर से गेटों को खोलकर पानी की निकासी की जाएगी.
मंडरायल के कई गांवों के हालात खराब
मण्डरायल में चंबल नदी में पानी की भारी आवक हुई है. इससे इलाके में चंबल के किनारे बसे दर्जनों गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. प्रशासन एसडीआरएफ की टीम बुलाकर लोगों का रेस्क्यू करने में जुटा है. पांचौली ग्राम पंचायत के टोडी गांव में चंबल नदी का पानी घुस आया है. जिससे गांव का उपखंड मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है.
बुधवार को एसडीएम प्रदीप कुमार के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 67 लोगों को बाहर निकाला. टोडी गांव के निचले इलाकों के दर्जनों घर पानी में डूब गए. चंबल नदी का जलस्तर आज 24 मीटर से ऊपर हो गया. पुलिस और प्रशासन की टीमें सतर्क हैं. दोपहर बाद चंबल के जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई.
टोडी गांव के लोगों को रेस्क्यू कर तहसील कार्यालय लाया गया. उनके लिए पांचौली ग्राम पंचायत सरपंच कांता मीणा ने भोजन का प्रबंध किया. रानीपुरा सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल में रात्रि बसेरे में पीड़ितों को रखा गया है. ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ आने पर हमें रेस्क्यू कर गुमराह किया जाता है, जबकि हम काफी समय से ऊंचे स्थानों पर पट्टे जारी करने की मांग कर रहे हैं.
चंबल नदी किनारे बसे गांवों की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग, एसपी मृदुल कच्छावा, एडीएम सुदर्शन सिंह तोमर, तहसीलदार भोलाराम बैरवा, विकास अधिकारी विजय सिंह मीणा, थाना अधिकारी जीतेंद्र सिंह चौधरी नजर बनाए हुए हैं. लोगों से पानी वाली जगहों पर नहीं जाने की अपील कर रहे हैं.
भारी बारिश की वजह से पुल और सडकें क्षतिग्रस्त
जिले में भारी बारिश की वजह से पुल और सडकें क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इससे कई गांवों का आवागमन अवरुद्ध हो गया. सपोटरा के गोरेहार सड़क का पुल टूटने से मार्ग बंद हो गया. अमरवाड़ सड़क के पुल पर कालीसिल बांध का पानी भरने से मार्ग रुक गया. खूबपुरा नदी में 6-7 फीट पानी आने के कारण हाडौती सहित कई गांवों का आवागमन बंद हो गया है.
इसी प्रकार जीरौता-खेड़ला नदी में सड़क टूटने से नारौली का संपर्क टूट गया है. कालागुढा, दौलतपुरा का मार्ग, करणपुर में महाराज पुरा, कानरदा व करणपुर मंडरायल मार्ग पर भी आवागमन बन्द है. सपोटरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पानी भरने से भवन के क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही है.
अब तक जिले में इतनी हुई बारिश
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक करौली जिला मुख्यालय पर 564 एमएम बारिश दर्ज की गई है. सपोटरा में 586 एमएम, हिण्डौन में 294 एमएम, टोडाभीम में 215 एमएम, श्रीमहावीरजी में 727 एमएम, मंडरायल में 739 एमएम, नादौती में 284 एमएम, कालीसिल बांध पर 799 एमएम, पांचना बांध पर 478 एमएम, जगर बांध पर 390 एमएम बारिश दर्ज की गई है.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने बताया कि जिले में भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की जा रही है.