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करौली में करीब 300 साल पुराना मंदिर तेज बारिश के बीच हुआ धराशायी

करौली में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के चलते 300 साल पुराना ठाकुर जी का मंदिर धराशायी हो गया. गनीमत रही कि उस वक्त मंदिर में कोई नहीं था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई.

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बरसात से धराशायी हुआ 300 वर्ष पुराना ठाकुर जी मन्दिर
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Published : Dec 18, 2019, 2:12 PM IST

करौली. जिले में बीते दिन जमकर बारिश हई, जिसके चलते उरदैन ग्राम पंचायत के गांव बाड़ा खिलचीपुर में 300 साल पुराना ठाकुरजी का मंदिर धराशायी हो गया है. मंदिर के धराशायी होने से ठाकुर जी को अब खुले आसमान में अपनी शरण लेनी पड़ रही है. ठाकुर जी के मंदिर को द्वारा बनवाने के लिए मंदिर के महंत ने सरकार से गुहार लगाई है.

मंदिर महंत राधेश्याम ने बताया कि यह मन्दिर पूर्व से ही जीर्ण शीर्ण अवस्था में था, जो बरसात आने से पूर्णतः ध्वस्त हो गया है. गनीमत यह रही कि मंदिर के धराशायी होते समय मंदिर में कोई नहीं था, जिससे बड़ा हादसा होने से भी टल गया. घटना से कुछ समय पहले पुजारी परिवार भी मंदिर में सो रहा था.

बरसात से धराशायी हुआ 300 वर्ष पुराना ठाकुर जी मन्दिर

भगवान की सद्बुद्धि से तेज बरसात आने की आशंका से यह परिवार बाहर बनी पाटोरपोश में चला गया. इतने में ही तेज धड़ाम की आवाज आई और संपूर्ण मंदिर धराशायी हो गया. मंहत ने कहा कि आज तखत के ऊपर खुले आसमान में ठाकुर जी एवं महादेव जी की मूर्तियां रखी हुई हैं.

यह भी पढे़ं : हाल-ए-English Medium School: बच्चे तो अंग्रेजी बोलते हैं, लेकिन मुलभूत सुविधाओं से वंचित है विद्यालय, कुछ तो नाम ही कटवा लिए

उन्होंने कहा कि आथिर्क तंगी के चलते मंदिर निर्माण करवाने मे पुजारी परिवार असमर्थ हैं. इसलिए क्षेत्र के सभी लोगों से मंदिर महंत ने मंदिर के दोबारा निर्माण के लिए जन सहयोग की गुहार लाने के साथ ही सरकार और देव स्थान विभाग से इस प्राचीन ठाकुरजी मंदिर के दोबारा से निर्माण मांग की है. मंदिर महंत ने आसपास के गांव के लोगों से भी अपील की है कि भगवान के इस कार्य में जन सहयोग के लिए आगे आएं, जिससे यह मंदिर शीघ्र अति शीघ्र बनकर तैयार हो सके.

करौली. जिले में बीते दिन जमकर बारिश हई, जिसके चलते उरदैन ग्राम पंचायत के गांव बाड़ा खिलचीपुर में 300 साल पुराना ठाकुरजी का मंदिर धराशायी हो गया है. मंदिर के धराशायी होने से ठाकुर जी को अब खुले आसमान में अपनी शरण लेनी पड़ रही है. ठाकुर जी के मंदिर को द्वारा बनवाने के लिए मंदिर के महंत ने सरकार से गुहार लगाई है.

मंदिर महंत राधेश्याम ने बताया कि यह मन्दिर पूर्व से ही जीर्ण शीर्ण अवस्था में था, जो बरसात आने से पूर्णतः ध्वस्त हो गया है. गनीमत यह रही कि मंदिर के धराशायी होते समय मंदिर में कोई नहीं था, जिससे बड़ा हादसा होने से भी टल गया. घटना से कुछ समय पहले पुजारी परिवार भी मंदिर में सो रहा था.

बरसात से धराशायी हुआ 300 वर्ष पुराना ठाकुर जी मन्दिर

भगवान की सद्बुद्धि से तेज बरसात आने की आशंका से यह परिवार बाहर बनी पाटोरपोश में चला गया. इतने में ही तेज धड़ाम की आवाज आई और संपूर्ण मंदिर धराशायी हो गया. मंहत ने कहा कि आज तखत के ऊपर खुले आसमान में ठाकुर जी एवं महादेव जी की मूर्तियां रखी हुई हैं.

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उन्होंने कहा कि आथिर्क तंगी के चलते मंदिर निर्माण करवाने मे पुजारी परिवार असमर्थ हैं. इसलिए क्षेत्र के सभी लोगों से मंदिर महंत ने मंदिर के दोबारा निर्माण के लिए जन सहयोग की गुहार लाने के साथ ही सरकार और देव स्थान विभाग से इस प्राचीन ठाकुरजी मंदिर के दोबारा से निर्माण मांग की है. मंदिर महंत ने आसपास के गांव के लोगों से भी अपील की है कि भगवान के इस कार्य में जन सहयोग के लिए आगे आएं, जिससे यह मंदिर शीघ्र अति शीघ्र बनकर तैयार हो सके.

Intro:जिले मे बीते दिन हुई बारिश से उरदैन ग्राम पंचायत के गांव बाड़ा खिलचीपुर में 300 वर्ष पुराना ठाकुरजी का मंदिर धाराशाही हो गया है.. देवस्थान विभाग की उदासीनता के चलते कहर बरपाती सर्दी में खुले आसमान में रहने को मजबूर हो रहे हैं भगवान.


Body:बरसात से धाराशाही हुआ 300 वर्ष पुराना ठाकुरजी मन्दिर, कहर बरपाती सर्दी में खुले आसमान में रहने को मजबूर भगवान,

करौली

जिले मे बीते दिन हुई बारिश से उरदैन ग्राम पंचायत के गांव बाड़ा खिलचीपुर में 300 वर्ष पुराना ठाकुरजी का मंदिर धाराशाही हो गया है.. मंदिर के धराशाई होने से ठाकुर जी को अब खुले आसमान में अपनी शरण लेनी पड़ रही है ठाकुर जी के मंदिर को द्वारा बनवाने के लिए मंदिर के महंत ने सरकार से गुहार लगाई है.

मंदिर महंत राधेश्याम ने बताया की यह मन्दिर पूर्व से ही जीर्ण शीर्ण अवस्था में था.जो बरसात आने से पूर्णतःध्वस्त हो गया है. गनीमत यह रही कि मंदिर के धराशाई होते समय मंदिर में कोई नहीं था. जिससे बड़ा हादसा होने से भी टल गया.घटना से कुछ समय पूर्व पुजारी परिवार भी मंदिर में सो रहा था.भगवान की सद्बुद्धि से तेज बरसात आने की आशंका से यह परिवार बाहर बनी पाटोरपोश मे चला गया.इतने मे ही तेज धडाम की आवाज आई और संपूर्ण मंदिर धाराशाही हो गया.मंहत ने कहा की आज तखत के ऊपर खुले आसमान में ठाकुर जी एवं महादेव जी की मूर्तियां रखी हुई हैं.आथिर्क तंगी के चलते मंदिर निर्माण करवाने मे पुजारी परिवार असमर्थ है.इसलिये क्षेत्र के सभी लोगों से मंदिर महंत ने मंदिर के पुनर्निर्माण हेतु जनसहयोग की गुहार लाने के साथ ही सरकार व देवस्थान विभाग से इस प्राचीन ठाकुरजी मंदिर के पुनर्निमाण मांग की है.मंदिर महंत ने आसपास के गांव के लोगों से भी अपील की है की भगवान के इस कार्य में जन सहयोग के लिए आगे आएं जिससे यह मंदिर शीघ्र अति शीघ्र बनकर तैयार हो सके..

वाईट--- राधेश्याम मंदिर महंत



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