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OBC Reservation : केंद्र में ओबीसी आरक्षण के लिए विश्नोई समाज ने भरी हुंकार - vishnoi community news today

केंद्र में ओबीसी आरक्षण के लिए विश्नोई समाज ने हुंकार भरी है. पश्चिमी राजस्थान सहित आठ से दस जिलों में राजनीतिक रूप से विश्नोई समाज के लोग उम्मीदवार को जीताने या हराने की हालत में हैं.

विश्नोई समाज ने भरी हुंकार
विश्नोई समाज ने भरी हुंकार
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Published : Jul 25, 2023, 8:55 AM IST

जोधपुर. जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले हुए दो दशक से ज्यादा समय हो गया है. अब विश्नोई समाज के लोग भी केंद्र के ओबीसी आरक्षण में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं. इसको लेकर प्रदेश में विश्नोई समाज में बैठकों का दौर शुरू हो गया हैं. खास तौर से पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, जालौर, पाली, बाडमेर, बीकानेर, नागौर, गंगानगर सहित विभिन्न जिलों में आरक्षण की मांग को लेकर समाज लामबंद हो रहा है. समाज के लोगों का कहना है कि प्रदेश में सन 2000 में विश्नोई जाति को ओबीसी में शामिल किया गया था. राजस्थान सरकार ने केंद्र को प्रतिविदेन दिया गया, लेकिन निर्णय लंबित है.

अब विश्नोई समाज के लोग अपने जाति के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के मूड में है. अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बुडिया का कहना है कि आरक्षण की हमारी मांग काफी पुरानी है. हमारे बच्चों को आगे बढने के लिए जरूरी है. हम पुरजोर तरीके से इसके लिए लगे हुए हैं. हाल ही में जोधपुर में अलग अलग जिलों के लोगों ने महासम्मेलन कर एक स्वर में इस मांग को दोहराया है. इसी मांग को लेकर जल्द ही दिल्ली में भी प्रदर्शन करने की तैयारी हैं. गौर है कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने सीकर में आयोजित एक सभा में जाट जाति को केंद्र के ओबीसी आरक्षण में शामिल किया था.

हमसे बात करें केंद्र सरकार : आरक्षण को बनाई गई संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोधपुर के उपजिला प्रमुख विक्रम सिंह विश्नोई का कहना है कि 2021 में राज्य सरकार ने केंद्र को विश्नोई जाति को ओबीसी में आरक्षण देने के लिए प्रतिवेदन भेजा है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमसे बात करे और हमारी बात सुने. हमें केंद्र के ओबीसी आरक्षण में जगह दी जाए. इसके अभाव में समाज आने वाले समय में आंदोलन भी करेगा. यह आरक्षण हमारा हक है.

पढ़ें विश्नोई बाहुल्य इलाके में मोदी के इस मंत्री के विरोध की तैयारी, जानिए बड़ी वजह

आरक्षण देने का होगा राजनीतिक असर : इस साल विधानसभा और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं. बदली हुई परिस्थितियों में विश्नोई समाज भी केंद्र पर दबाव बना रहा है. अगर केंद्र सरकार राजस्थान में विश्नोई जाति को आरक्षण देती है तो इसका राजनीतिक लाभ राजस्थान के साथ साथ असर हरियाणा और पंजाब में भी दिख सकता है. हाल ही में भाजपा ने राजस्थान में सहप्रभारी के रूप में कुलदीप विश्नोई को जिम्मेदारी भी दी है. ऐसे में सकारात्मक रूख की उम्मीद की जा रही है.

पश्चिमी राजस्थान में कई सीटों पर असर : जोधपुर में तीन विधानसभा सीटों पर विश्नोई विधायक हैं. जालौर जिले में सांचौर से सुखराम विश्नोई मंत्री हैं. बाडमेर जिले में बायतू व गुढा मलानी में विश्नोई का दबदबा है. जोधपुर लोकसभा सीट से जसवंत सिंह विश्नोई लंबे समय तक सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा नागौर, बीकानेर, गंगानगर जिले तक तक विश्नोई जाति का कई सीटों पर दबदबा है.

जोधपुर. जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले हुए दो दशक से ज्यादा समय हो गया है. अब विश्नोई समाज के लोग भी केंद्र के ओबीसी आरक्षण में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं. इसको लेकर प्रदेश में विश्नोई समाज में बैठकों का दौर शुरू हो गया हैं. खास तौर से पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, जालौर, पाली, बाडमेर, बीकानेर, नागौर, गंगानगर सहित विभिन्न जिलों में आरक्षण की मांग को लेकर समाज लामबंद हो रहा है. समाज के लोगों का कहना है कि प्रदेश में सन 2000 में विश्नोई जाति को ओबीसी में शामिल किया गया था. राजस्थान सरकार ने केंद्र को प्रतिविदेन दिया गया, लेकिन निर्णय लंबित है.

अब विश्नोई समाज के लोग अपने जाति के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के मूड में है. अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बुडिया का कहना है कि आरक्षण की हमारी मांग काफी पुरानी है. हमारे बच्चों को आगे बढने के लिए जरूरी है. हम पुरजोर तरीके से इसके लिए लगे हुए हैं. हाल ही में जोधपुर में अलग अलग जिलों के लोगों ने महासम्मेलन कर एक स्वर में इस मांग को दोहराया है. इसी मांग को लेकर जल्द ही दिल्ली में भी प्रदर्शन करने की तैयारी हैं. गौर है कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने सीकर में आयोजित एक सभा में जाट जाति को केंद्र के ओबीसी आरक्षण में शामिल किया था.

हमसे बात करें केंद्र सरकार : आरक्षण को बनाई गई संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोधपुर के उपजिला प्रमुख विक्रम सिंह विश्नोई का कहना है कि 2021 में राज्य सरकार ने केंद्र को विश्नोई जाति को ओबीसी में आरक्षण देने के लिए प्रतिवेदन भेजा है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमसे बात करे और हमारी बात सुने. हमें केंद्र के ओबीसी आरक्षण में जगह दी जाए. इसके अभाव में समाज आने वाले समय में आंदोलन भी करेगा. यह आरक्षण हमारा हक है.

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आरक्षण देने का होगा राजनीतिक असर : इस साल विधानसभा और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं. बदली हुई परिस्थितियों में विश्नोई समाज भी केंद्र पर दबाव बना रहा है. अगर केंद्र सरकार राजस्थान में विश्नोई जाति को आरक्षण देती है तो इसका राजनीतिक लाभ राजस्थान के साथ साथ असर हरियाणा और पंजाब में भी दिख सकता है. हाल ही में भाजपा ने राजस्थान में सहप्रभारी के रूप में कुलदीप विश्नोई को जिम्मेदारी भी दी है. ऐसे में सकारात्मक रूख की उम्मीद की जा रही है.

पश्चिमी राजस्थान में कई सीटों पर असर : जोधपुर में तीन विधानसभा सीटों पर विश्नोई विधायक हैं. जालौर जिले में सांचौर से सुखराम विश्नोई मंत्री हैं. बाडमेर जिले में बायतू व गुढा मलानी में विश्नोई का दबदबा है. जोधपुर लोकसभा सीट से जसवंत सिंह विश्नोई लंबे समय तक सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा नागौर, बीकानेर, गंगानगर जिले तक तक विश्नोई जाति का कई सीटों पर दबदबा है.

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