जोधपुर. केंद्रीय कारागृह से वायरल हुए बंदियों के वीडियो पर जेल डीआईजी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह वीडियो बनाने वाले 2 बंदी बाहर है यह पुराना है. जो बंदी इसमें दिख रहे है उनसे पूछताछ चल रही है. यह वीडियो मजाक-मजाक में बनाया गया था. जिसे अब वायरल किया जा रहा.
जेल डीआईजी कैलाश त्रिवेदी का कहना है कि जब भी जेल प्रबंधन बंदियों पर किसी तरह का अंकुश लगाता है तो इस तरह के वीडियो वायरल किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में पूरे जेल में 141 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे इन बंदियों की हरकत पर नजर रखी जा रही है. इसके चलते कैदी जेल प्रबंधन की खिलाफत कर रहे हैं और उनके विरोध में इस तरह के वीडियो वायरल कर रहे हैं.
डीआईजी ने खुद पर लगे आरोपो पर कहा कि वह काम कर रहे हैं इसलिए उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं. अगर कोई पेटीएम नंबर है तो कोई बंदी साबित कर दे. डीआईजी ने यह भी कहा कि जिस वार्ड प्रभारी कमल का नाम आया है उससे लगातार पूछताछ जारी है. डीआईजी ने बताया कि हाल ही में पूरी जेल में सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है. उसके बाद से बंदियों की गतिविधियों पर लगाम लगी है. इसके चलते वे इस तरह के वीडियो वायरल कर रहे हैं.
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जेल में मोबाइल पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण के प्रयास जारी हैं. साथ ही जब उनसे पूछा गया कि जो खाद्य सामग्री दिखाई जा रही है. इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस जेल का निरीक्षण समय-समय पर न्याय अधिकारी करते रहते हैं. इस तरह की वस्तुएं निरीक्षण नहीं मिली.