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जोधपुर एम्स में नि:संतानता को खत्म करने की नवीनतम तकनीकी पर चर्चा

जोधपुर स्थित एम्स अस्पताल में दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. जिसमें आईवीएफ और नि:संतानता को खत्म करने की नवीनतम तकनीकी पर चर्चा की गई. डॉक्टर प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि जिन महिलाओं को छोटी उम्र में बच्चेदानी का कैंसर हो जाता है उन्हें भी घबराना नहीं चाहिए.

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रेपरो मेड अपडेट कांफ्रेंस
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Published : Dec 22, 2019, 5:24 PM IST

लूणी (जोधपुर). अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में गायनी विभाग की ओर से दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट (Repro Med update) कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन देश-विदेश से आए चिकित्सकों की ओर से आईवीएफ और नि:संतानता को खत्म करने की नवीनतम तकनीकी पर चर्चा की गई.

गायनी विभाग की ओर से दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट कांफ्रेंस

डॉक्टर प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि युवावस्था में जिन महिलाओं के अंडे कम बन रहे हैं. उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है. उनका एएमएच (एंटी-म्युलरियन हार्मोन) बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं. साथ ही बताया कि अंडे ज्यादा बनते हैं तो एएमएच बढ़ा हुआ आता है. उन्हें आईवीएफ तकनीक की तरफ रुख करने से बचना चाहिए.

पढ़ेंः भोपालगढ़ः बावड़ी पंचायत समिति प्रधान की सीट सामान्य महिला के खाते में

डॉक्टर ने कहा जिन महिलाओं को छोटी उम्र में बच्चेदानी का कैंसर हो जाता है उन्हें भी घबराना नहीं चाहिए. अंडे प्रीजवऺ किये जा सकते हैं. इसमें कैंसर पीड़िता के अंडे को उनके जीवन साथी के स्पम से मिलाकर उनको स्टोर किया जा सकता है. क्योंकि कई बार कैंसर पीड़िता की सर्जरी में अंडे दानी निकल जाती है.

कार्यक्रम के दौरान गायनी एचओडी डॉ प्रतिभा सिंह, डीन एकेडमिक डॉक्टर कुलदीप सिंह, आरएफएस की पूर्व अध्यक्ष डॉ आभा मजूमदार, चेयरपर्सन डॉक्टर संजय मकवाना, डॉक्टर नवदीप कौर सहित विशेषज्ञों डॉक्टरों ने भाग लिया.

लूणी (जोधपुर). अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में गायनी विभाग की ओर से दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट (Repro Med update) कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन देश-विदेश से आए चिकित्सकों की ओर से आईवीएफ और नि:संतानता को खत्म करने की नवीनतम तकनीकी पर चर्चा की गई.

गायनी विभाग की ओर से दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट कांफ्रेंस

डॉक्टर प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि युवावस्था में जिन महिलाओं के अंडे कम बन रहे हैं. उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है. उनका एएमएच (एंटी-म्युलरियन हार्मोन) बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं. साथ ही बताया कि अंडे ज्यादा बनते हैं तो एएमएच बढ़ा हुआ आता है. उन्हें आईवीएफ तकनीक की तरफ रुख करने से बचना चाहिए.

पढ़ेंः भोपालगढ़ः बावड़ी पंचायत समिति प्रधान की सीट सामान्य महिला के खाते में

डॉक्टर ने कहा जिन महिलाओं को छोटी उम्र में बच्चेदानी का कैंसर हो जाता है उन्हें भी घबराना नहीं चाहिए. अंडे प्रीजवऺ किये जा सकते हैं. इसमें कैंसर पीड़िता के अंडे को उनके जीवन साथी के स्पम से मिलाकर उनको स्टोर किया जा सकता है. क्योंकि कई बार कैंसर पीड़िता की सर्जरी में अंडे दानी निकल जाती है.

कार्यक्रम के दौरान गायनी एचओडी डॉ प्रतिभा सिंह, डीन एकेडमिक डॉक्टर कुलदीप सिंह, आरएफएस की पूर्व अध्यक्ष डॉ आभा मजूमदार, चेयरपर्सन डॉक्टर संजय मकवाना, डॉक्टर नवदीप कौर सहित विशेषज्ञों डॉक्टरों ने भाग लिया.

Intro:अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में दो दिवसीय गायनी विभाग की ओर से रेपरो मेड अपडेट कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई ! Body: कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन देश-विदेश से आए चिकित्सकों ने आईवीएफ व नि:संतानता को खत्म करने की नवीनतम तकनीकी पर चर्चा की गई ! डॉक्टर प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि युवावस्था में जिन महिलाओं के अंडे कम बंद रहे हैं उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है ! उनका एएमएच( एंट्री मलेरिया हार्मोन) बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं ! बता दें कि अंडे ज्यादा बनते हैं तो एएमएच बढ़ा हुआ आता है उन्हें आईवीएफ तकनीक की तरफ रुख करने से बचना चाहिए ! वहीं जिन महिलाओं को छोटी उम्र में बच्चेदानी का कैंसर हो जाता है उन्हें भी घबराना नहीं चाहिए ! अंडे प्रीजवऺ किये जा सकते हैं ! इसमें कैंसर पीड़िता के अंडे को उनके जीवन साथी के स्पम से मिलाकर उनको स्टोर किया जा सकता है ! क्योंकि कई बार कैंसर पीड़िता की सर्जरी में अंडे दानी निकल जाती है ! कैंसर के सैक क दौरान ओवरी में अंडे खत्म तक हो जाते हैं ताकि कैंसर पीड़िता को मां बनने सुख मिल सके ! इस कार्यक्रम में गायनी एचओडी डॉ प्रतिभा सिंह, डीन एकेडमिक डॉक्टर कुलदीप सिंह, आरएफएस की पूर्व अध्यक्ष डॉ आभा मजूमदार, चेयरपर्सन डॉक्टर संजय मकवाना, डॉक्टर नवदीप कौर सहित विशेषज्ञों डॉक्टरों ने भाग लिया !
बाईट / डॉ प्रकाश त्रिवेदी गायोनोलॉजी विभागConclusion:
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