लूणी (जोधपुर). राज्य सरकार ने सरपंचों के अधिकारों में कटौती की है. सरकार के इस आदेश का असर प्रदेश की 9891 ग्राम पंचायतों पर असर पड़ा है. दरअसल राजस्थान सरकार ने एक आदेश जारी सरपंचों के वित्तीय अधिकारों में कटौती की है. इसके साथ ही सरपंचों को अब केवल 5 लाख रुपए तक के वित्तीय अधिकार रहेंगे जबकि इससे पहले वे दस लाख रुपए तक के विकास कार्य अपने क्षेत्र में करवा सकते थे.
वहीं, राज्य सरकार ने 9891 सरपंचों के अधिकार कम कर दिए हैं. उधर सरकार के इस फैसले से जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है. उनका कहना है कि इससे गांव का विकास प्रभावित होगा. बता दें कि गुरुवार को नवसृजित पंचायत समिति धवा में पंचायत मुख्यालय पर ताला जड़ा. संरपच ने बताया कि सरकार एक और तो ग्राम पंचायत को सशक्त बनाने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश भर के सरपंचों के वित्तीय अधिकार में कटौती का निर्णय कर अधिकार छीन लिए हैं. इससे पूरे प्रदेशभर के सरपंच आक्रोशित हैं.
स्टेट फाइनेंस कमिशन यानी एसएफसी का पैसा अब सीधा पंचायतों के खाते में ट्रांसफर नहीं होगा. बल्कि अब वित्त विभाग के पीडी खाते से पंचायतों को पैसा लेना पड़ेगा. इस व्यवस्था से ग्राम पंचायतों के सरपंच को अपनी गांव की सरकार चलाने में खासी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा. अब ब्याज रहित पीडी खाते खोलकर संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में की जा रही.
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इस कटौती के निर्णय से धवा सरपंच सरोज के नेतृत्व में पंचायत भवन पर गुरुवार को तालाबंदी कर रोष व्यक्त किया. विरोध करते हुए सरपंच ने कहा कि तालाबंदी आगामी 30 जनवरी को प्रदेश स्तरीय बैठक में रणनीति पर आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने का सरपंच का संघ प्लान कर रहे हैं. वहीं, वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त थी उसे सरकार की ओर से पीडी खाते खोलकर ग्राम पंचायतों को संवैधानिक रूप से समाप्त किया जा रहा है.