जोधपुर. राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार में राजस्व मंत्री रहे रामलाल जाट ने पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में गुरुवार को सुनवाई नही होने से अब रामलाल जाट को और इंतजार करना पडे़गा. पूर्व मंत्री जाट की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका सूचीबद्ध थी, और बाद में उसे जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की कोर्ट में लिस्ट किया गया था. जस्टिस पुरोहित की बैंच में हाफ डे होने की वजह से याचिका पर सुनवाई के लिए नम्बर नही आ पाया, इसलिए सुनवाई टल गई.
अब अगली तारीख पर होगी सुनवाई : अब इस मामले में शीतकालीन अवकाश के बाद चार जनवरी को सुनवाई हो सकती है. गौरतलब है कि पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में पांच करोड़ की धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था. राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर ने आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर मंत्री ने अपने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवाए थे. इसके बदले 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था, लेकिन कागजी कार्रवाई होने के बाद रुपए नहीं दिए.
गिरफ्तारी पर रोक की अपील : रामलाल जाट ने करेड़ा थाने में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की कोर्ट से अपील की है. भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में 17 सितंबर 2023 को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने एफआईआर दर्ज की थी. रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी का नाम है.
माइनिंग व्यवसायी राजसमंद के गढ़बोर निवासी रामलाल जोशी ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया था कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि नाम से ग्रेनाइट मांइस का काम करता है. माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है. इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल व चंद्रकांत शुक्ला के नाम से है.