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जोधपुर के डॉक्टरों की बड़ी कामयाबी...मुश्किल ऑपरेशन आसानी से कर मरीज की बचाई जान

जोधपुर में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के मथुरादास माथुर अस्पताल में डॉक्टर्स ने एक व्यक्ति के हृदय के वाल्व बदलकर उसे नया जीवन दिया है. हृदय के दोनों वाल्व बदलने के लिए मुख्य धमनी एरोटा का रूट एनलार्जमेंट करके ऑपरेशन किया गया .

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Published : Mar 11, 2019, 11:40 AM IST

जोधपुर के डॉक्टर्स और मरीज

जोधपुर. डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के मथुरादास माथुर अस्पताल में डॉक्टर्स ने एक व्यक्ति के हृदय के वाल्व बदलकर उसे नया जीवन दिया है. अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सेंटर में हृदय के दोनों वाल्व बदलने के लिए मुख्य धमनी एरोटा का रूट एनलार्जमेंट करके ऑपरेशन किया गया है.

निशुल्क ऑपरेशन करके मरीज को भामाशाह योजना का लाभ भी दिया गया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एसएस राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर का रहने वाला ठाकर राम सांस की तकलीफ के साथ अस्पताल में भर्ती हुआ था. जांच में सामने आया कि उसके हृदय के दोनों वाल्व खराब हो गए हैं. साथ ही मुख्य धमनी भी सिकुड़ गई है. ऐसी स्थिति में हृदय के वाल्व बदलने में मुख्य धमनी की सिकुड़न आड़े आ रही थी. इसके बाद कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुभाष बलारा ने पश्चिम राजस्थान में पहली बार रूट एनलार्जमेंट करके मरीज के हृदय के दोनों वाल्व बदले. ऑपरेशन करीब 6 घंटे तक चला. इस दौरान एनेस्थेटिक डॉक्टर राकेश कर्णावत, डॉक्टर अनिल वर्धन, डॉक्टर चंदा खत्री और डॉक्टर कमल ने बलारा का सहयोग किया.

जोधपुर के डॉक्टर्स ने किया सफल ऑपरेशन


डॉक्टर सुभाष बलारा ने बताया कि मुख्य धमनी के सिकुड़ जाने से उसमें रक्त प्रवाह कम हो जाता है. इसका प्रभाव पूरे हार्ट पर पड़ता है. ऐसी स्थिति में वाल्व रिप्लेसमेंट करना संभव नहीं होता है. रूट एनलार्जमेंट ही एक विकल्प होता है. इस ऑपरेशन के दौरान हृदय को हार्ट लंग मशीन पर लेकर एरोटा का एक हिस्सा काट कर उसे पेरिकार्डियल पैच लगाकर चौड़ा किया जाता है, जिससे वाल्व फिट हो सके. इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि मुख्य धमनी (जो कि हृदय की प्रमुख रक्त वाहिनी होती है) में बहुत तेज दबाव से रक्त प्रभावित होता है. जरा सी चूक से मरीज की जान पर बन आती है. इस ऑपरेशन में एनेस्थेटिक की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है. इसे डॉ. राकेश कर्णावत ने बखूबी निभाया.

जोधपुर. डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के मथुरादास माथुर अस्पताल में डॉक्टर्स ने एक व्यक्ति के हृदय के वाल्व बदलकर उसे नया जीवन दिया है. अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सेंटर में हृदय के दोनों वाल्व बदलने के लिए मुख्य धमनी एरोटा का रूट एनलार्जमेंट करके ऑपरेशन किया गया है.

निशुल्क ऑपरेशन करके मरीज को भामाशाह योजना का लाभ भी दिया गया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एसएस राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर का रहने वाला ठाकर राम सांस की तकलीफ के साथ अस्पताल में भर्ती हुआ था. जांच में सामने आया कि उसके हृदय के दोनों वाल्व खराब हो गए हैं. साथ ही मुख्य धमनी भी सिकुड़ गई है. ऐसी स्थिति में हृदय के वाल्व बदलने में मुख्य धमनी की सिकुड़न आड़े आ रही थी. इसके बाद कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुभाष बलारा ने पश्चिम राजस्थान में पहली बार रूट एनलार्जमेंट करके मरीज के हृदय के दोनों वाल्व बदले. ऑपरेशन करीब 6 घंटे तक चला. इस दौरान एनेस्थेटिक डॉक्टर राकेश कर्णावत, डॉक्टर अनिल वर्धन, डॉक्टर चंदा खत्री और डॉक्टर कमल ने बलारा का सहयोग किया.

जोधपुर के डॉक्टर्स ने किया सफल ऑपरेशन


डॉक्टर सुभाष बलारा ने बताया कि मुख्य धमनी के सिकुड़ जाने से उसमें रक्त प्रवाह कम हो जाता है. इसका प्रभाव पूरे हार्ट पर पड़ता है. ऐसी स्थिति में वाल्व रिप्लेसमेंट करना संभव नहीं होता है. रूट एनलार्जमेंट ही एक विकल्प होता है. इस ऑपरेशन के दौरान हृदय को हार्ट लंग मशीन पर लेकर एरोटा का एक हिस्सा काट कर उसे पेरिकार्डियल पैच लगाकर चौड़ा किया जाता है, जिससे वाल्व फिट हो सके. इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि मुख्य धमनी (जो कि हृदय की प्रमुख रक्त वाहिनी होती है) में बहुत तेज दबाव से रक्त प्रभावित होता है. जरा सी चूक से मरीज की जान पर बन आती है. इस ऑपरेशन में एनेस्थेटिक की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है. इसे डॉ. राकेश कर्णावत ने बखूबी निभाया.

Intro:डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज से संबंध मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सेंटर में एक मरीज के हृदय के दोनों वाल बदलने के लिए मुख्य धमनी एरोटा का रूट एनलार्जमेंट कर ऑपरेशन कर मरीज को राहत दी गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एस एस राठौड़ ने बताया कि कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुभाष बल्हारा ने पश्चिम राजस्थान में पहली बार रूट एनलार्जमेंट कर मरीज के दोनों वाल बदलकर से राहत दी है खास बात यह भी है कि यह ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क हुआ है मरीज को भामाशाह योजना का लाभ दिया गया है मरी जब पूरी तरह से स्वस्थ है शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुभाष बलारा ने बताया कि बाड़मेर निवासी ठाकर राम सांस की तकलीफ के साथ अस्पताल में भर्ती हुआ था जांच में सामने आया कि उसके हार्ट के दोनों वाल खराब हो गए हैं साथ ही मुख्य धमनी भी सिकुड़ गई है ऐसी स्थिति में हार्ट का वाल्व बदलने में मुख्य धमनी की सिकुड़न आड़े आ रही थी । मरीज की सभी तरह की जांच करने के बाद से सिकुड़ी हुई धमनी के मुख पर जहां पर वाल लगाना था वहां रूट एनलार्जमेंट किया गया।


Body:यह ऑपरेशन करीब 6 घंटे चला इस दौरान एनेस्थेटिक डॉक्टर राकेश कर्णावत वह डॉक्टर अनिल वर्धन डॉक्टर चंदा खत्री डॉक्टर कमल ने बलारा का सहयोग किया डॉक्टर सुभाष बलारा ने बताया कि मुख्य धमनी के सिकुड़ जाने से उसमें रक्त प्रवाह कम हो जाता है इसका प्रभाव पर पूरे हार्ट पर पड़ता है ऐसी स्थिति में वाल रिप्लेसमेंट करना संभव नहीं होता है । रूट एनलार्जमेंट ही एक विकल्प होता है। इस ऑपरेशन के दौरान हृदय को हार्ट लंग मशीन पर लेकर एरोटा का एक हिस्सा काट कर उसे पेरिकार्डियल पैच लगाकर चौड़ा किया जाता है , जिससे वाल फिट हो सके इस प्रोसीजर की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि मुख्य धमनी जो कि हृदय की प्रमुख रक्त वाहिनी होती है उसमें बहुत तेज दबाव से रक्त प्रभावित होता है जरा सी चूक मरीज की जान पर बन आती है इस ऑपरेशन एनेस्थेटिक की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है इसे बखूबी डॉ राकेश कर्णावत ने निभाया।


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