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भोपालगढ़ : खेल मैदान को हरा-भरा करने के लिए लगाए छायादार पौधे, JCB से कटवाई झाड़ियां...

जोधपुर के भोपालगढ़ में शुक्रवार को हरियाली राजस्थान के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में अध्यापकों ने 60 से ज्यादा छायादार पौधे लगाए. बता दें कि इस खेल मैदान में अभी तक 300 से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं.

अध्यापकों ने लगाए पौधे, Teachers planted plants
अध्यापकों ने लगाए पौधे
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Published : Jul 17, 2020, 5:19 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). क्षेत्र के पालड़ी राणावता ग्राम पंचायत स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान को हरा-भरा बनाने के लिए अध्यापकों ने शुक्रवार को 5 दर्जन से ज्यादा छायादार पौधे लगाए.

अध्यापकों ने लगाए पौधे, Teachers planted plants
जेसीबी की मदद से हटवाई गई झाड़ियां

इस दौरान वरिष्ठ अध्यापक घेवरराम चौधरी ने बताया कि विद्यालय के नवीन परिसर में स्थित खेल मैदान को हरा-भरा करने के लिए अध्यापकों की पूरी टीम पिछले दो वर्षों से काम कर रही हैं.

पढ़ेंः बड़ी खबरः मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गजेंद्र सिंह शेखावत और विधायक भंवरलाल शर्मा के खिलाफ SOG में दी शिकायत

ऐसे में हरियाली राजस्थान के तहत इस वर्ष भी स्कूल टीम ने खेल मैदान में दर्जनों पौधे लगाए और मैदान में उगी अनावश्यक झाड़ियों को जेसीबी की मदद से हटवाकर मैदान को साफ करवाया गया. वहीं, पौधों की सिंचाई के लिए विद्यार्थियों को जिम्मेदारी सौंपी गई.

बता दें कि इस विद्यालय में दिव्यांग शिक्षक किशनलाल गुर्जर की अगुवाई में सर्वप्रथम पौधारोपण कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी. जिन्हें पौधारोपण के क्षेत्र में उपखंड अधिकारी भोपालगढ ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था. उनके पौधारोपण मिशन को वरिष्ठ अध्यापक गणपत मेघवाल ने संभाला. जिन्होंने पिछले वर्ष 250 पौधे लगवाकर वर्षभर उनकी सिंचाई करवाकर देखभाल की.

शिक्षा अधिकारियों की नजर में रहेंगे एक्सीडेंटल जोन, चिह्नित होंगे नजदीकी स्कूल

वहीं भोपालगढ़ के एक्सीडेंटल जोन पर अभी तक पुलिस की ही नजर रहती थी, लेकिन अब शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इन जगहों पर नजर रखेंगे. शिक्षा अधिकारी इन दुर्घटना संभावित स्थल के आसपास संचालित स्कूलों पर नजर रखेंगे, जिससे बच्चे किसी हादसे का शिकार ना हो.

शिक्षा अधिकारी देखेंगे एक्सीडेंटल जोन, Education officer will see accidental zone
शिक्षा अधिकारियों की नजर में रहेंगे एक्सीडेंटल जोन

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माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से इस तरह की स्कूलों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. विभाग ऐसे स्कूलों का सर्वे करवाएगा, जो दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र या एक्सीडेंटल जोन में संचालित हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इससे स्कूल और उनमें अध्ययनरत बच्चे चिह्नित रहेंगे, जिससे उन बच्चों को किसी भी आपदा में प्रभावित होने पर बीमा का लाभ आसानी से मिल सकेगा.

कहां होते हैं एक्सीडेंट...

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पंचायत समिति भोपालगढ़ मनोहर लाल मीणा ने बताया कि निदेशालय से जारी आदेश में जिला अधिकारियों से स्पष्ट रूप से पूछा गया है कि जिले में कितने एक्सीडेंटल जोन है, जिनके आसपास स्कूल संचालित हो रहे हैं, उनका सर्वे किया जाए.

सर्वे में वे स्कूल शामिल किए जाएंगे, जिनके आसपास दुर्घटनाओं की संख्या अधिक रहती है. जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया है कि वे ऐसे सभी स्कूलों का सर्वे करवाकर बताएं कि उनके क्षेत्र में ऐसे कितने स्कूल हैं, जिनमें दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

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प्रमुखता से चिह्नित होंगे ऐसे स्थल...

आदेश के तहत स्कूलों का सर्वे किया जाएगा. इनमें अधिकतर वे स्कूल शामिल होंगे, जो दुर्घटना संभावित स्थलों के आसपास है. इसमें हाइवे, स्टेट हाइवे, नदी और तालाबों के नजदीक संचालित स्कूलों को प्रमुखता से चिह्नित किया जाएगा. ये वे स्थल हैं जहां नजर चूकते ही बच्चे दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में इस तरह की स्कूलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, जिससे बच्चों के साथ कोई हादसा घटित ना हो.

भोपालगढ़ (जोधपुर). क्षेत्र के पालड़ी राणावता ग्राम पंचायत स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान को हरा-भरा बनाने के लिए अध्यापकों ने शुक्रवार को 5 दर्जन से ज्यादा छायादार पौधे लगाए.

अध्यापकों ने लगाए पौधे, Teachers planted plants
जेसीबी की मदद से हटवाई गई झाड़ियां

इस दौरान वरिष्ठ अध्यापक घेवरराम चौधरी ने बताया कि विद्यालय के नवीन परिसर में स्थित खेल मैदान को हरा-भरा करने के लिए अध्यापकों की पूरी टीम पिछले दो वर्षों से काम कर रही हैं.

पढ़ेंः बड़ी खबरः मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गजेंद्र सिंह शेखावत और विधायक भंवरलाल शर्मा के खिलाफ SOG में दी शिकायत

ऐसे में हरियाली राजस्थान के तहत इस वर्ष भी स्कूल टीम ने खेल मैदान में दर्जनों पौधे लगाए और मैदान में उगी अनावश्यक झाड़ियों को जेसीबी की मदद से हटवाकर मैदान को साफ करवाया गया. वहीं, पौधों की सिंचाई के लिए विद्यार्थियों को जिम्मेदारी सौंपी गई.

बता दें कि इस विद्यालय में दिव्यांग शिक्षक किशनलाल गुर्जर की अगुवाई में सर्वप्रथम पौधारोपण कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी. जिन्हें पौधारोपण के क्षेत्र में उपखंड अधिकारी भोपालगढ ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था. उनके पौधारोपण मिशन को वरिष्ठ अध्यापक गणपत मेघवाल ने संभाला. जिन्होंने पिछले वर्ष 250 पौधे लगवाकर वर्षभर उनकी सिंचाई करवाकर देखभाल की.

शिक्षा अधिकारियों की नजर में रहेंगे एक्सीडेंटल जोन, चिह्नित होंगे नजदीकी स्कूल

वहीं भोपालगढ़ के एक्सीडेंटल जोन पर अभी तक पुलिस की ही नजर रहती थी, लेकिन अब शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इन जगहों पर नजर रखेंगे. शिक्षा अधिकारी इन दुर्घटना संभावित स्थल के आसपास संचालित स्कूलों पर नजर रखेंगे, जिससे बच्चे किसी हादसे का शिकार ना हो.

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शिक्षा अधिकारियों की नजर में रहेंगे एक्सीडेंटल जोन

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माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से इस तरह की स्कूलों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. विभाग ऐसे स्कूलों का सर्वे करवाएगा, जो दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र या एक्सीडेंटल जोन में संचालित हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इससे स्कूल और उनमें अध्ययनरत बच्चे चिह्नित रहेंगे, जिससे उन बच्चों को किसी भी आपदा में प्रभावित होने पर बीमा का लाभ आसानी से मिल सकेगा.

कहां होते हैं एक्सीडेंट...

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पंचायत समिति भोपालगढ़ मनोहर लाल मीणा ने बताया कि निदेशालय से जारी आदेश में जिला अधिकारियों से स्पष्ट रूप से पूछा गया है कि जिले में कितने एक्सीडेंटल जोन है, जिनके आसपास स्कूल संचालित हो रहे हैं, उनका सर्वे किया जाए.

सर्वे में वे स्कूल शामिल किए जाएंगे, जिनके आसपास दुर्घटनाओं की संख्या अधिक रहती है. जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया है कि वे ऐसे सभी स्कूलों का सर्वे करवाकर बताएं कि उनके क्षेत्र में ऐसे कितने स्कूल हैं, जिनमें दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

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प्रमुखता से चिह्नित होंगे ऐसे स्थल...

आदेश के तहत स्कूलों का सर्वे किया जाएगा. इनमें अधिकतर वे स्कूल शामिल होंगे, जो दुर्घटना संभावित स्थलों के आसपास है. इसमें हाइवे, स्टेट हाइवे, नदी और तालाबों के नजदीक संचालित स्कूलों को प्रमुखता से चिह्नित किया जाएगा. ये वे स्थल हैं जहां नजर चूकते ही बच्चे दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में इस तरह की स्कूलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, जिससे बच्चों के साथ कोई हादसा घटित ना हो.

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