जोधपुर. सूर्यनगरी में लंबे इंतजार के बाद बीसीसीआई से अधिकृत क्रिकेट मैचों की शुरूआत हो रही है. 32 साल बाद बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में रणजी मैच होगा. घरेलू श्रेणी के इस क्रिकेट मैच में छत्तीसगढ और राजस्थान की टीमें 17 से 21 जनवरी तक खेलेंगी. इसके लिए सोमवार को टीमों ने स्टेडियम में पसीना बहाया. खास बात यह है कि इस स्टेडियम में बड़े मैचों की शुरूआत जब अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने, तब हुई थी. लेकिन 2002 के बाद से यहां बीसीसीआई का कोई मैच नहीं हुआ. अब वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट की कमान संभाली, तो जोधपुर को वापस मैच मिला है. यानी की सीनियर गहलोत की शुरूआत को सही आगाज तक जूनियर गहलोत पहुंचा रहे हैं. वैभव गहलोत के प्रयास से ही यहां गत दिनों टी20 लिजेंड क्रिकेट लीग के तीन मैच आयोजित हुए थे.
30 करोड़ की लागत से तैयार हुआ स्टेडियम: वैभव गहलोत के पहली बार आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद इस स्टेडियम को तैयार करने की कवायद शुरू हुई. सरकार के सहयोग से जोधपुर जेडीए ने 30 करोड़ खर्च कर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं यहां विकसित की. इसके बाद आरसीए से एमओयू हुआ. बीसीसीआई की टीमों ने यहां का दौरा किया. लीजेंड क्रिकेट लीग के मैचों में स्टेडियम की भव्यता सामने आई थी.
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1991 के बाद रणजी मैच: जोधपुर के स्टेडियम में अंतिम बार 1991 में रणजी क्रिकेट मैच खेला गया था. उस समय उत्तर प्रदेश व राजस्थान का मैच हुआ था. 1985 से 1991 के बीच कई रणजी मैच यहां आयोजित हो चुके हैं. लेकिन 1991 के बाद यहां मैचों का सूखा पड़ गया. अब 32 सालों के लंबे इंतजार के बाद रणजी मैच आयोजित किया जा रहा है. अब यह स्टेडियम डे-नाईट मैचों के लिए भी तैयार है.
गहलोत के समय में हुई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरूआत: अशोक गहलोत 1998 में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. उस समय बरकतुल्लाह खान स्टेडियम को दोबारा से तैयार करवाया गया था. यहां अब तक दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच हो चुके हैं. दोनों मैच अशोक गहलोत के प्रयास से हुए थे. पहला मैच 8 दिसंबर, 2000 को भारत और जिम्बाब्वे के बीच हुआ था. भारत यह मैच एक विकट से हार गया था. दूसरा मैच भी द्विपक्षीय सीरीज के तहत 21 नवंबर, 2002 को हुआ था. भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए इस मैच में भारत विजयी रहा था.