जोधपुर. बीकानेर के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी इन दिनों प्रदेश में तीसरे मोर्चे की कवायद करने में जुटे हुए हैं. इसके तहत वे अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं. मंगलवार को जोधपुर दौरे पर आए देवी सिंह भाटी ने बुधवार को सर्किट हाउस में बातचीत में कहा है कि वह इस मोर्चे के लिए राजनेताओं की सेकंड लाइन तैयार कर रहे हैं. खास तौर से व्यवस्था से असंतुष्ट युवाओं को साध रहे हैं.
अब नहीं चलेगा योजनाओं का जादू : उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरे मोर्चे की संभावनाएं व्यापक हैं, क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस खत्म हो चुकी है. 70 साल में कांग्रेस कई योजनाएं लेकर आई, लेकिन क्या हुआ. लोगों का कांग्रेस से विश्वास उठ चुका है. इससे पहले हरिदेव जोशी ने भी चुनावी साल में बहुत सारी घोषणाएं की थीं, लेकिन नतीजा सबको पता है. उन्होंने तंज कसा कि इस तरह से इन योजनाओं का कोई असर नहीं होगा. दूसरी ओर भाजपा वाले भी अपनी बारी की प्रतीक्षा में हैं. तीसरे मोर्चे में हनुमान बेनीवाल, बसपा या ओवैसी की पार्टी को जगह मिलेगी या नहीं यह आने वाला समय बताएगा.
वसुंधरा राजे मास लीडर हैं : पूर्व मंत्री ने कहा कि भाजपा में वसुंधरा राजे ही एकमात्र जनता की नेता हैं, उनके नाम पर लोग जुटते हैं. अगर पार्टी वसुंधरा राजे को नेता घोषित करती है तो हम उनके साथ आ सकते हैं. बिना वसुंधरा राजे के भाजपा में जाने का कोई महत्व नहीं है. प्रदेश में भाजपा का कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसके चेहरे पर सरकार बन सके. भाजपा के भविष्य की बात करते हुए भाटी ने कहा कि प्रधानमंत्री राजस्थान में इतनी रैली कर रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि उनको आना क्यों पड़ा? नहीं सहेगा राजस्थान अभियान में भीड़ जुटाने के लिए ट्वीट क्यों करना पड़ा? मौजूदा नेतृत्व सशक्त नहीं है. पहले भी जन आक्रोश यात्रा में रथ खाली पड़े रहे थे.
मेघवाल से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता : केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के साथ उनकी चल रही खटपट पर उन्होंने कहा कि वह मेरे जूनियर हैं. मेरी सहमति के बाद ही उनको पहली बार टिकट मिला था. मेरे सामने राजनीतिक क्षेत्र में बच्चे हैं. क्या मेघवाल की वजह से भाजपा में नहीं आ रहे हैं के सवाल पर भाटी ने बताया कि पिछली बार हमने कहा था कि अगर इनको टिकट दिया तो इस्तीफा दे देंगे और मैंने दे दिया. अब सिर्फ वसुंधरा राजे आती हैं तो ही आना संभव है.