ETV Bharat / state

Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने मदरसों में शिक्षा पद्धति को लेकर राज्य सरकार से मांगा शपथ पत्र

राजस्थान हाईकोर्ट ने मदरसों में सरकारी फंड से धार्मिक शिक्षा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मदरसों को लेकर राज्य सरकार को एक शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं.

Rajasthan High Court,  High Court sought an affidavit
राज्य सरकार से मांगा शपथ पत्र.
author img

By

Published : Jul 14, 2023, 10:16 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मदरसों को लेकर राज्य सरकार को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि शपथ पत्र में पाठ्यक्रम का विवरण, चयन का तरीका सहित सभी जानकारी हो. मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने शुक्रवार को मदरसों में सरकारी फंड से धार्मिक शिक्षा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चार सप्ताह में सरकार से शपथ पत्र मांगा है.

हाईकोर्ट ने कहा कि पेश होने वाले शपथ पत्र में मदरसों में पाठ्यक्रम का विवरण, अध्यापकों के चयन का तरीका, कर्मचारियों की नियुक्ति, नियंत्रण एवं प्रबंधन को लेकर पूरी जानकारी शामिल हो. याचिकाकर्ता मुकेश जैन की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने जनहित याचिका पेश करते हुए बताया था कि सरकारी पैसों से मदरसे संचालित हो रहे हैं. उन्होंने मदरसो को बंद करने, इनको प्राथमिक स्कूल बनाने, इनका अनुदान बंद करने एवं राजस्थान मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2020 को निरस्त करने की याचिका पेश की.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के विवादित प्रश्नों को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से मांगा जवाब

साथ ही याचिका में बताया कि जैन, सिक्ख, पारसी समुदाय को जब फंड नही दिया जा रहा है तो मदरसों को कैसे दिया जा सकता है?. याचिका में यह भी बताया कि सरकार प्रदेश में कई मदरसों को 25-25 लाख का फंड दे रही है, जबकि वहां आधुनिक शिक्षा की बजाए धार्मिक शिक्षा दी जा रही है. इस पर केन्द्र व राज्य की ओर से जवाब पेश कर दिया गया है. अब कोर्ट ने 01 सितम्बर तक पूरी जानकारी के साथ शपथ पत्र मांगा है. राज्य सरकार की ओर से एएजी अनिल गौड़ के सहयोगी सलमान आगा,केन्द्र सरकार की ओर से बीपी बोहरा मौजूद रहे.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मदरसों को लेकर राज्य सरकार को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि शपथ पत्र में पाठ्यक्रम का विवरण, चयन का तरीका सहित सभी जानकारी हो. मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने शुक्रवार को मदरसों में सरकारी फंड से धार्मिक शिक्षा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चार सप्ताह में सरकार से शपथ पत्र मांगा है.

हाईकोर्ट ने कहा कि पेश होने वाले शपथ पत्र में मदरसों में पाठ्यक्रम का विवरण, अध्यापकों के चयन का तरीका, कर्मचारियों की नियुक्ति, नियंत्रण एवं प्रबंधन को लेकर पूरी जानकारी शामिल हो. याचिकाकर्ता मुकेश जैन की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने जनहित याचिका पेश करते हुए बताया था कि सरकारी पैसों से मदरसे संचालित हो रहे हैं. उन्होंने मदरसो को बंद करने, इनको प्राथमिक स्कूल बनाने, इनका अनुदान बंद करने एवं राजस्थान मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2020 को निरस्त करने की याचिका पेश की.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के विवादित प्रश्नों को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से मांगा जवाब

साथ ही याचिका में बताया कि जैन, सिक्ख, पारसी समुदाय को जब फंड नही दिया जा रहा है तो मदरसों को कैसे दिया जा सकता है?. याचिका में यह भी बताया कि सरकार प्रदेश में कई मदरसों को 25-25 लाख का फंड दे रही है, जबकि वहां आधुनिक शिक्षा की बजाए धार्मिक शिक्षा दी जा रही है. इस पर केन्द्र व राज्य की ओर से जवाब पेश कर दिया गया है. अब कोर्ट ने 01 सितम्बर तक पूरी जानकारी के साथ शपथ पत्र मांगा है. राज्य सरकार की ओर से एएजी अनिल गौड़ के सहयोगी सलमान आगा,केन्द्र सरकार की ओर से बीपी बोहरा मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.