जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उदयपुर स्थाई लोक अदालत को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए आदेश को यथावत रखते हुए बैंक को भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस विजय विश्नोई की अदालत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया (Court kept decision of Permanent Lok Adalat) गया. कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि उदयपुर स्थाई लोक अदालत की ओर से जारी आदेश वैध हैं. आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है.
मामले के अनुसार प्रतिवादी गोपाल सेन ने बैंक को एक शिकायत 18 फरवरी, 2020 को की थी. जिसमें कहा गया कि 11 और 12 फरवरी 2020 के बीच की रात में उसके खाते से अनाधिकृत एटीएम लेन-देन हुआ और उसके खाते से कुल 72500 रुपए की राशि कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अनाधिकृत रूप से निकाल ली गई. बैंक ने जंच पड़ताल के बाद उसके दावे को खारिज कर दिया. प्रतिवादी ने इसको लेकर उदयपुर स्थाई लोक अदालत में दावा किया.
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जहां से सुनवाई के बाद 2 मई 2022 को आदेश पारित किया कि बैंक प्रतिवादी को 72500 रुपए मय ब्याज 12 फरवरी 2020 से आज तक दो माह में भुगतान करे. जिसके खिलाफ बैंक ने एक्स पार्टी आदेश मानते हुए स्थाई लोक अदालत में आवेदन पेश किया, जिसे 9 नवम्बर 2022 को खारिज कर दिया गया. जिसके खिलाफ बैंक ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की, लेकिन यहां भी बैंक को राहत नही मिली है. कोर्ट ने माना कि उदयपुर स्थाई लोक अदालत का आदेश उचित व वैधानिक है.