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रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट का झटका, गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज - रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को बीकानेर में जमीन खरीदने से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में अपना फैसला (Court reserved verdict in Robert Vadra case) सुना दिया है. हाईकोर्ट ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज कर दी है.

Robert Vadra case in High Court
फाइल फोटो
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Published : Dec 22, 2022, 9:27 AM IST

Updated : Dec 22, 2022, 11:41 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज कर दी है. बता दें, दो सप्ताह तक पूर्व का अंतरिम आदेश जारी रहेगा. इस दौरान परिवादी अपील कर सकेंगे, तब तक गिरफ्तारी नहीं होगी. जोधपुर हाईकोर्ट जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने फैसला सुनाया है.

दरअसल, ईडी ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और महेश नागर की 482 के प्रार्थना पत्र और इंफोर्समेंट डायरेक्टरी पेश की. बुधवार को कस्टोडियल परमिशन के प्रार्थना पत्र पर दोनों ही पक्षों की जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.

वाड्रा और उनकी मां से पूछताछ: बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां पर चल रहे मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रखा (Court reserved verdict in Robert Vadra case) लिया था. सुनवाई के बाद मामले में वाड्रा समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा रखी थी.

ये है पूरा मामला: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीकानेर भूमि घोटाले में एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है. जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा 275 बीघा जमीन की खरीद से संबंधित है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मामला दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा मामले में सुनवाई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

कोर्ट ने 21 जनवरी साल 2019 को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी में पार्टनर वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा को पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने को कहा था. दोनों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी.

5 साल से हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन: करीब पांच सालों से राजस्थान हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था, जिस पर 80 से अधिक सुनवाई हो चुकी है. एकलपीठ में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती दी है. राबर्ट वाड्रा की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी जिस पर 19 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी. वहीं, 21 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने एक आदेश दिया कि वाड्रा जांच के लिए 12 फरवरी, 2019 को ईडी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हो. कोर्ट के आदेश से रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मारीन वाड्रा जयपुर ईडी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज कर दी है. बता दें, दो सप्ताह तक पूर्व का अंतरिम आदेश जारी रहेगा. इस दौरान परिवादी अपील कर सकेंगे, तब तक गिरफ्तारी नहीं होगी. जोधपुर हाईकोर्ट जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने फैसला सुनाया है.

दरअसल, ईडी ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और महेश नागर की 482 के प्रार्थना पत्र और इंफोर्समेंट डायरेक्टरी पेश की. बुधवार को कस्टोडियल परमिशन के प्रार्थना पत्र पर दोनों ही पक्षों की जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.

वाड्रा और उनकी मां से पूछताछ: बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां पर चल रहे मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रखा (Court reserved verdict in Robert Vadra case) लिया था. सुनवाई के बाद मामले में वाड्रा समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा रखी थी.

ये है पूरा मामला: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीकानेर भूमि घोटाले में एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है. जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा 275 बीघा जमीन की खरीद से संबंधित है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मामला दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा मामले में सुनवाई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

कोर्ट ने 21 जनवरी साल 2019 को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी में पार्टनर वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा को पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने को कहा था. दोनों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी.

5 साल से हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन: करीब पांच सालों से राजस्थान हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था, जिस पर 80 से अधिक सुनवाई हो चुकी है. एकलपीठ में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती दी है. राबर्ट वाड्रा की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी जिस पर 19 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी. वहीं, 21 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने एक आदेश दिया कि वाड्रा जांच के लिए 12 फरवरी, 2019 को ईडी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हो. कोर्ट के आदेश से रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मारीन वाड्रा जयपुर ईडी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे.

Last Updated : Dec 22, 2022, 11:41 AM IST
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