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Rajasthan HC Orders: लैब सहायक भर्ती में याचिकाकर्ता को मेरिट सूची में शामिल करने के आदेश - Rajasthan hindi news

राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब सहायक भर्ती में याचिकाकर्ता को मेरिट सूची में शामिल करने के आदेश दिया है. वहीं अब 28 जनवरी तक राजस्थान हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई होगी.

राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jan 14, 2022, 8:55 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने लैब सहायक भर्ती में याचिकाकर्ता को मेरिट सूची में नियुक्ति के लिए कंसीडर करने के अंतरिम आदेश पारित किये है. साथ ही कहा कि यह नियुक्त याचिका के निर्णयाधीन रहेगी.

न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत ने याचिकाकर्ता रामप्यारी की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने बताया कि याचिकाकर्ता की के पास लैब सहायक का अनुभव प्रमाण पत्र है. चिकित्सा विभाग की ओर से प्रयोगशाला सहायक के 1267 नियमित पदों के लिए दिनांक 29.05.2018 जारी की.

विज्ञप्ति की शर्तों अनुसार दसवीं कक्षा पास और राजकीय चिकित्सालय में तीन साल का लैब सहायक या लैब तकनीशियन का अनुभव होने वाले अभ्यार्थियों को योग्य माना गया है. दसवीं कक्षा के प्राप्तांक का 70 प्रतिशत और तीन साल से अधिक अनुभव पर प्रति वर्ष के 10, 20, 30 बोनस अंक का प्रावधान रखकर मेरिट लिस्ट जारी का प्रावधान रखा है.

याची का दस्तावेज सत्यापन भी हो गया. याची के प्राप्तांक 37.331% है लेकिन अब तीन साल बाद उक्त भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर 21 दिसंबर 2021 को अस्थाई वरीयता सूची जारी की. जिसमें याची का नाम सम्मलित नहीं किया. अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) को सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए योग्य माना, इस कारण उक्त वरीयता सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) की कोई अन्तिम कट ऑफ जारी नहीं की.

यह भी पढ़ें. Rajasthan Agriculture Budget 2022 : कृषि बजट से आदिवासी किसानों को हैं बड़ी उम्मीदें..वाग्धारा संस्था ने दिये ये सुझाव

इसके बावजूद वरियता सूची में याची का नाम नही होने पर रिट याचिका दायर की. विभाग की ओर से अब तीन साल बाद याची के पास लैब क्लीनर का अनुभव मानकर नियुक्ति से इंकार करना अवैध और असंवैधानिक हैं. जबकि वह लैब सहायक पद पर नियुक्त हुई थी और लैब सहायक पद पर ही काम कर रही हैं. सीएमएचओ नागौर ने रिकॉर्ड का अनुशीलन कर अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था, जिसे संयुक्त निदेशक ने प्रमाणित किया. ऐसे मे याचिकाकर्ता को लैब सहायक पद के लिए नियमित भर्ती में कंसीडर नही करना अवैध और असंवैधानिक हैं.

अधिवक्ता ने बताया कि एक तरफ याची से लैब सहायक पद पर सविंदा पर काम लिया जा रहा है और दूसरी ओर नियमित भर्ती में वंचित किया जा रहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार सहित निदेशक अराजपत्रित चिकित्सा विभाग जयपुर को नोटिस जारी करते हुए दिनांक 02 फरवरी तक जवाब तलब किया है. याची को भर्ती प्रक्रिया में वरियता अनुसार नियुक्ति हेतू प्रोविजनल शामिल करने का अंतरिम आदेश दिया और लैब क्लीनर मानकर अयोग्य घोषित नही करने का अंतरिम आदेश दिया .साथ ही प्रोविजनल कंसीडरेशन रिट याचिका के निर्णयाधीन होने का भी आदेश दिया है.

28 जनवरी तक होगी वर्चुअल हियरींग

प्रदेश में बढते कोविड-19 की संक्रमण के चलते एक बार फिर राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर पीठ व जोधपुर मुख्यपीठ में वर्चुअल सुनवाई को अब 28 जनवरी तक होगी. रजिस्ट्रार जनरल ने शुक्रवार को नये आदेश जारी करते हुए जयपुर और जोधपुर हाईकोर्ट में 28 जनवरी 2022 तक वर्चुअल सुनवाई के निर्देश दिए हैं. पूर्व में 4 जनवरी को आदेश जारी करते हुए 5 से 14 जनवरी तक वर्चुअल सुनवाई के निर्देश दिये थे लेकिन कोविड संक्रमण दिनो दिन बढता जा रहा है. जिसकी वजह से हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई को आगे बढा गया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने लैब सहायक भर्ती में याचिकाकर्ता को मेरिट सूची में नियुक्ति के लिए कंसीडर करने के अंतरिम आदेश पारित किये है. साथ ही कहा कि यह नियुक्त याचिका के निर्णयाधीन रहेगी.

न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत ने याचिकाकर्ता रामप्यारी की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने बताया कि याचिकाकर्ता की के पास लैब सहायक का अनुभव प्रमाण पत्र है. चिकित्सा विभाग की ओर से प्रयोगशाला सहायक के 1267 नियमित पदों के लिए दिनांक 29.05.2018 जारी की.

विज्ञप्ति की शर्तों अनुसार दसवीं कक्षा पास और राजकीय चिकित्सालय में तीन साल का लैब सहायक या लैब तकनीशियन का अनुभव होने वाले अभ्यार्थियों को योग्य माना गया है. दसवीं कक्षा के प्राप्तांक का 70 प्रतिशत और तीन साल से अधिक अनुभव पर प्रति वर्ष के 10, 20, 30 बोनस अंक का प्रावधान रखकर मेरिट लिस्ट जारी का प्रावधान रखा है.

याची का दस्तावेज सत्यापन भी हो गया. याची के प्राप्तांक 37.331% है लेकिन अब तीन साल बाद उक्त भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर 21 दिसंबर 2021 को अस्थाई वरीयता सूची जारी की. जिसमें याची का नाम सम्मलित नहीं किया. अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) को सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए योग्य माना, इस कारण उक्त वरीयता सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) की कोई अन्तिम कट ऑफ जारी नहीं की.

यह भी पढ़ें. Rajasthan Agriculture Budget 2022 : कृषि बजट से आदिवासी किसानों को हैं बड़ी उम्मीदें..वाग्धारा संस्था ने दिये ये सुझाव

इसके बावजूद वरियता सूची में याची का नाम नही होने पर रिट याचिका दायर की. विभाग की ओर से अब तीन साल बाद याची के पास लैब क्लीनर का अनुभव मानकर नियुक्ति से इंकार करना अवैध और असंवैधानिक हैं. जबकि वह लैब सहायक पद पर नियुक्त हुई थी और लैब सहायक पद पर ही काम कर रही हैं. सीएमएचओ नागौर ने रिकॉर्ड का अनुशीलन कर अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था, जिसे संयुक्त निदेशक ने प्रमाणित किया. ऐसे मे याचिकाकर्ता को लैब सहायक पद के लिए नियमित भर्ती में कंसीडर नही करना अवैध और असंवैधानिक हैं.

अधिवक्ता ने बताया कि एक तरफ याची से लैब सहायक पद पर सविंदा पर काम लिया जा रहा है और दूसरी ओर नियमित भर्ती में वंचित किया जा रहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार सहित निदेशक अराजपत्रित चिकित्सा विभाग जयपुर को नोटिस जारी करते हुए दिनांक 02 फरवरी तक जवाब तलब किया है. याची को भर्ती प्रक्रिया में वरियता अनुसार नियुक्ति हेतू प्रोविजनल शामिल करने का अंतरिम आदेश दिया और लैब क्लीनर मानकर अयोग्य घोषित नही करने का अंतरिम आदेश दिया .साथ ही प्रोविजनल कंसीडरेशन रिट याचिका के निर्णयाधीन होने का भी आदेश दिया है.

28 जनवरी तक होगी वर्चुअल हियरींग

प्रदेश में बढते कोविड-19 की संक्रमण के चलते एक बार फिर राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर पीठ व जोधपुर मुख्यपीठ में वर्चुअल सुनवाई को अब 28 जनवरी तक होगी. रजिस्ट्रार जनरल ने शुक्रवार को नये आदेश जारी करते हुए जयपुर और जोधपुर हाईकोर्ट में 28 जनवरी 2022 तक वर्चुअल सुनवाई के निर्देश दिए हैं. पूर्व में 4 जनवरी को आदेश जारी करते हुए 5 से 14 जनवरी तक वर्चुअल सुनवाई के निर्देश दिये थे लेकिन कोविड संक्रमण दिनो दिन बढता जा रहा है. जिसकी वजह से हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई को आगे बढा गया है.

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