जोधपुर. सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने अपना नामांकन गुरुवार को वापस ले लिया. खास बात यह है कि रामेश्वर दाधीच ने अपना नामांकन किसी के पक्ष में नहीं लिया है. उनका कहना है कि जिन लोगों के कहने पर मैंने आवेदन किया था, उनके आग्रह पर वापस ले रहा हूं. उन्होंने अब भाजपा ज्वाइन करने के संकेत दिए हैं. इसका फैसला वे अब अपने समर्थकों से बात कर लेंगे.
खास बात यह भी है कि इस नामांकन को लेकर सर्वाधिक चिंतित भारतीय जनता पार्टी हो रही थी. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के ब्राह्मण नेताओं के दबाव के चलते ही रामेश्वर दाधीच ने अपना नामांकन वापस लिया है, क्योंकि अगर रामेश्वर दाधीच सूरसागर से निर्दलीय चुनाव लड़ते तो इससे हिंदू वोट कट जाते. इसका सीधा फायदा कांग्रेस के प्रत्याशी शहजाद खान को होता. यही वजह है कि कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने दाधीच से नामांकन वापसी के लिए संपर्क तक नहीं किया.
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कांग्रेस ने मेरा सब कबाड़ा कर दिया : पूर्व महापौर ने कहा कि आप सबको पता है कि कांग्रेस ने मेरा सब कुछ खराब कर दिया है. अब आगे क्या करना है, इसको लेकर मैं जनता और समर्थकों से बात करूंगा, उसके बाद निर्णय लूंगा. माना जा रहा है कि भाजपा के किसी बड़े नेता के दौरे के समय दाधीच पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं.
बहुत कम अंतर से होता है फैसला : 2008 के परिसीमन से सूरसागर सामान्य सीट हो गई थी. इसके बाद से यहां भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीत रही है. कांग्रेस हमेशा अल्पसंख्यक को यहां प्रत्याशी बनती आई है. यही वजह है कि इस सीट पर ध्रुवीकरण होता है, जिसके चलते हार-जीत का अंतर 5 से 7000 मतों के बीच में ही होता है. जिसके चलते इस बार दाधीच के नामांकन को वापस करवाने में भारतीय जनता पार्टी ने पूरी जद्दोजहद की है.