जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को राज्य में सिरमौर बनान में जुटे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को अपने जिले में ही नुकसान उठाना पड़ सकता है. यहां इस बार मिर्धा-जाट नेताओं व हनुमान बेनीवाल के बीच खुले संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है. दोनों तरफ से जबरदस्त बयानबाजी हो रही है. नागौर जिले में अपनी सत्ता संकल्प यात्रा लेकर घूम रहे बेनीवाल हर जगह पर मिर्धाओं को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं. जिसका जवाब डेगाना के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा दे रहे हैं.
आलम यह है कि एक सभा में बेनीवाल ने कहा कि गत चुनाव में डेगाना से बाप-बेटा दोनों मेरे पांवों में आकर गिर गए थे कि उम्मीदवार मत उतारो. मेरी वजह से ही चुनाव जीता था. इसका पलटवार रिछपाल मिर्धा ने करते हुए कहा कि भाजपा से गठबंधन करने के बाद लोकसभा के लिए मेरे घर आकर बैठा था हनुमान बेनीवाल. मेरी पत्नी और मेरे पांव पकड़े थे. तब हमने सहयोग किया, जिससे चुनाव जीता था. बीजेपी से गठबंधन होने से जिंदा रह गया था. इस बार चुनाव लड़ेगा, तो पता चलेगा. मिर्धा ने कहा कि राष्ट्रीय लोतांत्रिक पार्टी सिर्फ युवाओं पर मुकदमा लगाने की फैक्ट्री है.
बेनीवाल ने कहा था चटनी बना दूंगा सबकी: परबतसर की सभा में बेनीवाल ने कहा था कि गत चुनाव में पूरे राजस्थान के कहने से मैंने उम्मीदवार उतारे थे. डेगाना से बाप-बेटे आकर पांव में गिर गए थे. अब इनकी स्थिति अलग है. कभी बीजेपी कभी कांग्रेस हो रहे हैं. कोई बड़ी बात नहीं कि टिकट मिलने पर भी फार्म वापस उठा ले. क्योंकि इनके पीछे ईडी, सीबीआई लगी है. मुझे सब पता है. बात खुलेगी तो आगे तक जाएगी, नहीं तो मैं ले जाउंगा. कोई मुझे डराकर राजनीति नहीं कर सकता. मैं मोदी, अमित शाह से नहीं डरा, तो इनसे क्या डरूंगा. 2023 में इनकी चटनी बना दूंगा.
रिछपाल मिर्धा बोले-हर जगह जवाब दूंगा: रिछपाल मिर्धा ने एलान कर दिया है कि वह बेनीवाल की हर बात का जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि हनमान वह दिन भूल गया जब 302 के मामले में फंसा हुआ था. मैं और सांवरमल जाट डीजी से मिले थे, तब निकला था. नहीं तो आज चुनाव नहीं लड़ पाता. मिर्धा ने कहा कि हम तो डेगाना से ही राजनीति करते हैं, बेनीवाल भगोडा है. अपना गांव छोड़ कर खिंवसर से चुनाव लड़ रहा है. दम है तो नागौर से लड़ो.
ज्योति मिर्धा से रूकी गठबंधन की राह: नागौर की राजनीति में मिर्धा-जाटों की अहम भूमिका होती है. बेनीवाल लगातार पुराने जाट नेताओं को पिछड़ेपन के लिए दोषी ठहराते रहे हैं. ज्योति मिर्धा ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली. चुनावों से पहले इस बदलाव ने बेनीवाल और भाजपा के बीच संभावित गठबंधन की उम्मीदें खत्म कर दी. कांग्रेस खुलकर गठबंधन नहीं कर पा रही है. ऐसे में अब बेनीवाल को लग गया है कि अकेले ही चुनाव लड़ना है. इसलिए मिर्धा व मदेरणा पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. रिछपाल के पुत्र विजयपाल डेगान से कांग्रेस के विधायक भी हैं.