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ओसियां में दिव्या मदेरणा और भैराराम चौधरी में सीधा मुकाबला, जानें क्या हैं दोनों की ताकत

Rajasthan Assembly Election 2023, जोधपुर में ओसियां सीट पर इस बार त्रिकोणीय संघर्ष न होकर सीधा मुकाबला देखा जा रहा है. इस सीट पर पूर्व संसदीय सचिव भैराराम चौधरी और कांग्रेस की दिव्या मदेरणा की बीच सिधी टक्कर है.

Osian the hot seat of Rajasthan
राजस्थान की हॉट सीट ओसियां
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 11, 2023, 7:22 AM IST

Updated : Nov 24, 2023, 4:40 PM IST

जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत शनिवार को मतदान होगा. इस बीच हॉट सीट ओसियां में इस बार चुनाव बेहद रोचक होने जा रहा है. यहां इस बार त्रिकोणिय संघर्ष की स्थिति न होकर सीधा मुकाबला है. पहले दिन से भाजपा के भैराराम चौधरी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. ऐसे में कांग्रेस की दिव्या मदेरणा ने जाटों पर ध्यान केंद्रित कर लिया है. वो जाटों को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटी हैं.

दरअसल, 2008 में परिसीमन के बाद यहां मदेरणा परिवार ने वापसी की थी. 2008 में त्रिकोणीय मुकाबले में महिपाल मदेरणा यहां से विधायक चुने गए और मंत्री भी बने, लेकिन भंवरी मामले में आरोपी होने से मंत्री पद चला गया. 2013 में उनकी पत्नी लीला मदेरणा को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया और भाजपा ने नए चेहरे भैराराम चौधरी को उतारा. सीधी टक्कर हुई जिसमें भैराराम चौधरी विजयी हुए. तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने चौधरी को संसदीय सचिव बना दिया. 2018 के चुनाव में पार्टी ने दिव्या मदेरणा को प्रत्याशी बनाया. भाजपा ने इस बार भी भैराराम को उतारा, लेकिन इस बार महेंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरने के कारण भाजपा के वोटों में सेंध लगी और दिव्या की जीत हुई. इस बार के चुनाव में राजपूतों ने भाजपा को समर्थन दे दिया. यही कारण है कि दिव्या मदेरणा पिता की सहानुभूति की लहर पर सवार होकर जाटों को एकजुट करने में जुटी हैं.

Osian the hot seat of Rajasthan
देखें आंकड़े

पढ़ें : राजस्थान के सियासी रण में गाय और धर्म पर रार, भाजपा के आरोपों पर खाचरियावास का पलटवार

ओसियां के मुद्दे : क्षेत्र के गांवों में पेयजल एक बड़ा मुद्दा है. महिपाल मदेरणा ने जल संसाधन मंत्री रहने के दौरान जो योजना बनाई, उसे दिव्या मदेरणा ने शुरू करवाने का काम किया है. फिर भी अभी क्षेत्र में विकास की दरकार है. कई गावों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. साथ ही ओसियां कस्बे की आबादी बढ़ रही है, ऐसे में कस्बे के समन्वित विकास को लेकर प्लान की आवश्यकता है.

दिव्या मदेरणा का मजबूत पक्ष :

  1. राजनीतिक करने की आक्रामक शैली
  2. मदेरणा परिवार की 60 दशक की राजनीतिक विरासत का फायदा
  3. जाटों में उभरती नेता

दिव्या मदेरणा का कमजोर पक्ष :

  1. विधायक बनने के बाद जातिय भेदभाव को लेकर नाराजगी
  2. कहने को भले ही 36 कौम का साथ देने की बात होती है, लेकिन जाटों को ज्यादा तरजीह से दूसरों में नाराजगी

पढ़ें : जयराम रमेश ने भाजपा नेताओं के साथ दिखाई कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी की तस्वीर, कहा- ये मगरमच्छ किसके है

भैराराम का मजबूत पक्ष :

  1. तीसरा चुनाव
  2. एक बार सरकार में संसदीय सचिव रहने का अनुभव
  3. इस बार राजपूत साथ
  4. जाटों में पकड़ के अलावा अन्य परंपरागत भाजपाई वोटों का भरोसा.

भैराराम का कमजोर पक्ष :

  1. पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठ भूमि नहीं है
  2. राजपूतों के समर्थन से जाट बना सकते हैं दूरी

ओसियां सीट पर मतदाताओं की संख्या :

  1. कुल मतदाता : 2 लाख 65 हजार 153
  2. पुरुष : 1 लाख 39 हजार 857
  3. महिलाएं : 1 लाख 25 हजार 295
  4. थर्ड जेंडर : 1 मतदाता

जाती आधारित मतदाता :

  1. जाट : 90 हजार
  2. राजपूत : 40 हजार
  3. अनुसूचित जाति : 40 हजार
  4. ओबीसी : 40 हजार
  5. महाजन : 8 हजार
  6. विश्नोई : 15 हजार
  7. अल्पसंख्यक : 20 हजार

ये था 2018 का परिणाम : कांग्रेस प्रत्याशी दिव्या मदेरणा को 83629 मत मिले थे, जो 45.29 फीसदी वोट थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी भैराराम चौधरी को 56039 मत मिले थे, जो 30.35 फीसदी वोट थे.

जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत शनिवार को मतदान होगा. इस बीच हॉट सीट ओसियां में इस बार चुनाव बेहद रोचक होने जा रहा है. यहां इस बार त्रिकोणिय संघर्ष की स्थिति न होकर सीधा मुकाबला है. पहले दिन से भाजपा के भैराराम चौधरी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. ऐसे में कांग्रेस की दिव्या मदेरणा ने जाटों पर ध्यान केंद्रित कर लिया है. वो जाटों को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटी हैं.

दरअसल, 2008 में परिसीमन के बाद यहां मदेरणा परिवार ने वापसी की थी. 2008 में त्रिकोणीय मुकाबले में महिपाल मदेरणा यहां से विधायक चुने गए और मंत्री भी बने, लेकिन भंवरी मामले में आरोपी होने से मंत्री पद चला गया. 2013 में उनकी पत्नी लीला मदेरणा को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया और भाजपा ने नए चेहरे भैराराम चौधरी को उतारा. सीधी टक्कर हुई जिसमें भैराराम चौधरी विजयी हुए. तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने चौधरी को संसदीय सचिव बना दिया. 2018 के चुनाव में पार्टी ने दिव्या मदेरणा को प्रत्याशी बनाया. भाजपा ने इस बार भी भैराराम को उतारा, लेकिन इस बार महेंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरने के कारण भाजपा के वोटों में सेंध लगी और दिव्या की जीत हुई. इस बार के चुनाव में राजपूतों ने भाजपा को समर्थन दे दिया. यही कारण है कि दिव्या मदेरणा पिता की सहानुभूति की लहर पर सवार होकर जाटों को एकजुट करने में जुटी हैं.

Osian the hot seat of Rajasthan
देखें आंकड़े

पढ़ें : राजस्थान के सियासी रण में गाय और धर्म पर रार, भाजपा के आरोपों पर खाचरियावास का पलटवार

ओसियां के मुद्दे : क्षेत्र के गांवों में पेयजल एक बड़ा मुद्दा है. महिपाल मदेरणा ने जल संसाधन मंत्री रहने के दौरान जो योजना बनाई, उसे दिव्या मदेरणा ने शुरू करवाने का काम किया है. फिर भी अभी क्षेत्र में विकास की दरकार है. कई गावों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. साथ ही ओसियां कस्बे की आबादी बढ़ रही है, ऐसे में कस्बे के समन्वित विकास को लेकर प्लान की आवश्यकता है.

दिव्या मदेरणा का मजबूत पक्ष :

  1. राजनीतिक करने की आक्रामक शैली
  2. मदेरणा परिवार की 60 दशक की राजनीतिक विरासत का फायदा
  3. जाटों में उभरती नेता

दिव्या मदेरणा का कमजोर पक्ष :

  1. विधायक बनने के बाद जातिय भेदभाव को लेकर नाराजगी
  2. कहने को भले ही 36 कौम का साथ देने की बात होती है, लेकिन जाटों को ज्यादा तरजीह से दूसरों में नाराजगी

पढ़ें : जयराम रमेश ने भाजपा नेताओं के साथ दिखाई कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी की तस्वीर, कहा- ये मगरमच्छ किसके है

भैराराम का मजबूत पक्ष :

  1. तीसरा चुनाव
  2. एक बार सरकार में संसदीय सचिव रहने का अनुभव
  3. इस बार राजपूत साथ
  4. जाटों में पकड़ के अलावा अन्य परंपरागत भाजपाई वोटों का भरोसा.

भैराराम का कमजोर पक्ष :

  1. पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठ भूमि नहीं है
  2. राजपूतों के समर्थन से जाट बना सकते हैं दूरी

ओसियां सीट पर मतदाताओं की संख्या :

  1. कुल मतदाता : 2 लाख 65 हजार 153
  2. पुरुष : 1 लाख 39 हजार 857
  3. महिलाएं : 1 लाख 25 हजार 295
  4. थर्ड जेंडर : 1 मतदाता

जाती आधारित मतदाता :

  1. जाट : 90 हजार
  2. राजपूत : 40 हजार
  3. अनुसूचित जाति : 40 हजार
  4. ओबीसी : 40 हजार
  5. महाजन : 8 हजार
  6. विश्नोई : 15 हजार
  7. अल्पसंख्यक : 20 हजार

ये था 2018 का परिणाम : कांग्रेस प्रत्याशी दिव्या मदेरणा को 83629 मत मिले थे, जो 45.29 फीसदी वोट थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी भैराराम चौधरी को 56039 मत मिले थे, जो 30.35 फीसदी वोट थे.

Last Updated : Nov 24, 2023, 4:40 PM IST
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