जोधपुर. देचू थाना अंतर्गत लूथरा गांव में रविवार को मिले 11 पाक विस्थापितों के शव मिले थे. जिनका सोमवार की सुबह जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच के आधार पर संभावना जताई जा रही है कि शनिवार रात को पूरे परिवार के खाने में नींद की गोलियां मिलाई गई होंगी. जिसके बाद नींद में उन्हें जहरीले इंजेक्शन लगाए गए होंगे.
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शवों को अंतिम संस्कार के लिए जोधपुर में ही भील समाज के श्मशान ले जाया गया. मोर्चरी में मौजूद परिवार के एकमात्र जिंदा बचे सदस्य केवल राम ने बताया कि उसने भी शनिवार रात को परिवार के साथ ही भोजन किया था और उसके बाद वह खेत की मेड़ की रखवाली करने के लिए निकल गया था, जहां उसे नींद आ गई. केवल राम ने बताया कि सुबह करीब 6:30 बजे उसकी नींद खुली, तब तक सब कुछ खत्म हो गया. वहीं, पुलिस को मौके से कुछ इंजेक्शन मिले थे.
केवल राम के अनुसार दोनों भाइयों का विवाह पाकिस्तान में हुआ था. 2015 में सभी लोग भारत आ गए थे और उसका ससुराल भी जोधपुर के अंगनवा में शिफ्ट हो गया था, लेकिन बीते 3 सालों से दोनों भाइयों की पत्नियां नहीं आ रही थीं. ससुराल पक्ष के लोगों ने केवल राम की बहन को कहा था कि वे पूरे परिवार को खत्म कर देंगे.
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पुलिस सूत्रों का कहना है कि शनिवार रात को जब पूरे परिवार ने खाना खाया तो उसमें नींद की गोलियां मिलाई गई थी, क्योंकि मौके पर अल्प्राजोलम (नींद की टेबलेट) के खाली पत्ते मिले हैं. जिससे सदस्यों को नींद आ गई. यह सभी घर के बाहर चारपाई पर सो रहे थे. नींद की गोली का असर होने से जल्दी ही सभी गहरी नींद में सो गए. उसके बाद ही इन सबको जहरीले इंजेक्शन लगाए गए होंगे, क्योंकि सभी के शरीर पर भी इंजेक्शन के निशान मिले हैं. मौके पर जहरीले पदार्थ जो चूहे व कीट मारने के काम आता है, उसका डिब्बा मिला है.
बहन पर जताया जा रहा है शक...
माना जा रहा है कि परिवार के सदस्य केवल राम की बहन प्रिया जो नर्सिंग का काम कर चुकी है, उसने गहरी नींद में परिवार के सदस्यों को इंजेक्शन लगाए हैं. मरने के बाद शवों को अंदर ले गई और उसके बाद खुद के पैर में जहरीला इंजेक्शन लगाया.