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सीसीटीवी फुटेज देख थानाधिकारी ने दिए रूपए

जोधपुर में परिवादी के घर की तलाशी के दौरान थानाधिकारी और उपनिरिक्षक को 4 लाख रूपए मिले. जिसे उन्होनें अपने पास रखें लिया. यह पुरी घटना सीसीटीवी कैद हो गया.

सीसीटीवी फुटेज देख थानाधिकारी रूपए वापस देने को हुआ तैयार
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Published : Jun 22, 2019, 3:17 AM IST

जोधपुर. जिले के विक्रम सिंह को फर्जी आईआरएस होने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके घर की तलाशी ली. इस दौरान जांच अधिकारी गणपतराम और थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण ने आरोपी के घर में रखें 4 लाख रुपए अपने पास रख लिया. इस बात का पता तब चला जब परिवादी विक्रम सिंह जमानत पर घर आया और सीसीटीवी चेक किया. तो विक्रम ने देखा की गणपतराम 4 लाख रुपए का लिफाफा ले जाते हुए फुटेज में साफ दिख रहा है.

सीसीटीवी फुटेज देख थानाधिकारी रूपए वापस देने को हुआ तैयार

जिसके बाद परिवादी विक्रम सिंह ने थानाधिकारी से अपने रूपए मांगे. पहले तो थानाधिकारी ने रूपए देने में आना- कानी की, लेकिन जब विक्रम ने थानाधिकारी को बताया कि गणपतराम का उसके अपार्टमेंट से 4 लाख रुपए का लिफाफा ले जाते हुए का फुटेज है. तब जाकर उन्होंने उसे पूरे 4 लाख रुपए दिए.वहीं विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होनें 4 लाख रुपए देने के बजाय 2 लाख रुपए देने की बात कहीं और 2 लाख रुपए खुद के पास रखने के एवज में मुकदमे में सहयोग देने की बात कही. वहीं यह सारी बाते फोन पर रिकॉर्ड होती रही. जिसकी एसीबी ने पुष्टि करते हुए, गणपतराम का रूपयों से भरा लिफाफा लेकर जाते हुए का फुटेज भी दिखा.

जिसके बाद एसीबी ने इस मामले में थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उपनिरिक्षक गणपतराम फरार चल रहा है. जिसकी एसीबी तलाश कर रही है. साथ ही परिवादी की शिकायत पर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी ने थानाधिकारी को 4 लाख रुपए रिकॉर्ड पर नहीं लिखकर अपने पास रखने की पुष्टि के बाद इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया.

जोधपुर. जिले के विक्रम सिंह को फर्जी आईआरएस होने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके घर की तलाशी ली. इस दौरान जांच अधिकारी गणपतराम और थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण ने आरोपी के घर में रखें 4 लाख रुपए अपने पास रख लिया. इस बात का पता तब चला जब परिवादी विक्रम सिंह जमानत पर घर आया और सीसीटीवी चेक किया. तो विक्रम ने देखा की गणपतराम 4 लाख रुपए का लिफाफा ले जाते हुए फुटेज में साफ दिख रहा है.

सीसीटीवी फुटेज देख थानाधिकारी रूपए वापस देने को हुआ तैयार

जिसके बाद परिवादी विक्रम सिंह ने थानाधिकारी से अपने रूपए मांगे. पहले तो थानाधिकारी ने रूपए देने में आना- कानी की, लेकिन जब विक्रम ने थानाधिकारी को बताया कि गणपतराम का उसके अपार्टमेंट से 4 लाख रुपए का लिफाफा ले जाते हुए का फुटेज है. तब जाकर उन्होंने उसे पूरे 4 लाख रुपए दिए.वहीं विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होनें 4 लाख रुपए देने के बजाय 2 लाख रुपए देने की बात कहीं और 2 लाख रुपए खुद के पास रखने के एवज में मुकदमे में सहयोग देने की बात कही. वहीं यह सारी बाते फोन पर रिकॉर्ड होती रही. जिसकी एसीबी ने पुष्टि करते हुए, गणपतराम का रूपयों से भरा लिफाफा लेकर जाते हुए का फुटेज भी दिखा.

जिसके बाद एसीबी ने इस मामले में थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उपनिरिक्षक गणपतराम फरार चल रहा है. जिसकी एसीबी तलाश कर रही है. साथ ही परिवादी की शिकायत पर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी ने थानाधिकारी को 4 लाख रुपए रिकॉर्ड पर नहीं लिखकर अपने पास रखने की पुष्टि के बाद इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया.

Intro:परिवादी उपनिरिक्षक की मौजूदगी का सीसीटीवी नही दिखाता तो थानाधिकारी उसे कभी रुपए देने जो तैयार नही होता।Body:उपनिरिक्षक का सीसीटीवी दिखाया तो रुपए वापस देने को राजी हुए थानाधिकारी

जोधपुर। रातानाडा थाना में परिवादी को रुपए वापस देते एसीबी के हत्थे चढ़े थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण ने परिवादी विक्रम सिंह जिस पर फर्जी आईआरएस होने का आरोप था उसे इतनी आसानी से रुपए वापस देने के लिए राजी नही हुआ। विक्रम सिंह ने अंत में कहा कि मेरे पास जांच अधिकारी गणपतराम की मेरे घर पर आकर लिफाफा लेकर जाने के सीसीटीवी फुटेज है। तब कहीं जाकर भूपेंद्र सिंह और गणपत राम के पसीने छुटे तो भी उन्होंने विक्रम सिंह को पूरे 4 लाख रुपए देने के बजाय 2 लाख रुपए देने की बात कही, और 2 लाख रुपए खुद के पास रखने के एवज में मुकदमे में सहयोग देने की बात कही। अगर परिवादी के पास गणपतराम का सीसीटीवी फुटेज नहीं होता तो शायद थानाधिकारी उसे घास नहीं डालते । यह सारी बाते फोन पर रिकॉर्ड होती रही जिसकी एसीबी ने पुष्टि करते हुए गणपतराम का विक्रम सिंह के अपार्टमेंट पर जाकर लिफाफा लेकर जाते हुए का फुटेज भी दिखाया। एसीबी ने इस मामले में थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण को गिरफ्तार करने के साथ उपनिरिक्षक गणपतराम को भी आरोपी बनाया है। परिवादी की शिकायत पर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी ने थानाधिकारी द्वारा 4 लाख रुपए लेकर रेकॉर्ड पर नही लेकर अपने पास रखने की पुष्टि करने के बाद यह बड़ी कार्रवाबी की।




कमिश्नरेट के अब 3 पुलिसकर्मी गायब
एसीबी की शुक्रवार की कार्यवाही के बाद उपनिरिक्षक गणपतराम फरार हो गया तो इससे पहले एसीबी की ही बासनी थाने में उपनिरिक्षक गजेंद्र सिंह को बजरी माफिया से रिश्वत लेते गिरफ्तार किया तो उसके बाद मामले के आरोपी पुलिस निरीक्षक संजय बोथरा और हेडकांस्टेबल तेजाराम गायब है। इन दोनों को कोर्ट से भी राहत नही मिली है।Conclusion:
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