जोधपुर. जिले के विक्रम सिंह को फर्जी आईआरएस होने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके घर की तलाशी ली. इस दौरान जांच अधिकारी गणपतराम और थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण ने आरोपी के घर में रखें 4 लाख रुपए अपने पास रख लिया. इस बात का पता तब चला जब परिवादी विक्रम सिंह जमानत पर घर आया और सीसीटीवी चेक किया. तो विक्रम ने देखा की गणपतराम 4 लाख रुपए का लिफाफा ले जाते हुए फुटेज में साफ दिख रहा है.
जिसके बाद परिवादी विक्रम सिंह ने थानाधिकारी से अपने रूपए मांगे. पहले तो थानाधिकारी ने रूपए देने में आना- कानी की, लेकिन जब विक्रम ने थानाधिकारी को बताया कि गणपतराम का उसके अपार्टमेंट से 4 लाख रुपए का लिफाफा ले जाते हुए का फुटेज है. तब जाकर उन्होंने उसे पूरे 4 लाख रुपए दिए.वहीं विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होनें 4 लाख रुपए देने के बजाय 2 लाख रुपए देने की बात कहीं और 2 लाख रुपए खुद के पास रखने के एवज में मुकदमे में सहयोग देने की बात कही. वहीं यह सारी बाते फोन पर रिकॉर्ड होती रही. जिसकी एसीबी ने पुष्टि करते हुए, गणपतराम का रूपयों से भरा लिफाफा लेकर जाते हुए का फुटेज भी दिखा.
जिसके बाद एसीबी ने इस मामले में थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उपनिरिक्षक गणपतराम फरार चल रहा है. जिसकी एसीबी तलाश कर रही है. साथ ही परिवादी की शिकायत पर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी ने थानाधिकारी को 4 लाख रुपए रिकॉर्ड पर नहीं लिखकर अपने पास रखने की पुष्टि के बाद इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया.