जोधपुर. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता विशाल सिंघल की ओर से पेश जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निरीक्षण के निर्देश दिए हैं (poor Services on Jodhpur Railway station). याचिकाकर्ता की ओर से वर्ष 2019 में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. इसके जरिए जोधपुर के रेलवे स्टेशनों पर सामान्य सुविधाएं खराब होने और इसके कारण यात्रियों को हो रही परेशानी को लेकर समस्या को हाईकोर्ट के समक्ष रखा था.
याचिकाकर्ता ने रेलवे स्टेशन पर बैटरी कार न होने, लिफ्ट और एस्केलेटर अक्सर खराब रहने तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते वृद्ध,दिव्यांग जन तथा महिलाओं को हो रही असुविधाओं के बारे में याचिका में मामला उठाया था. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर सार्वजनिक शौचालयों में साफ सफाई न होने के साथ ही रेलवे पार्किंग पर मनमर्जी पैसे मांगने से सम्बंधित शिकायत भी इसमें थी.
इस मामले में पहले सुनवाई करते हुए रेलवे डीआरएम को व्यक्तिगत रूप से भी तलब करते हुए समय समय पर निर्देश दिए गए थे. रेलवे की ओर से याचिका का जवाब दाखिल किया गया था, जिसमें रेलवे के अधिवक्ता द्वारा यह दावा किया गया है कि जोधपुर के रेलवे स्टेशनों पर आम जनता के लिए सुविधाएं सही हैं और जो भी कमियां थीं, उन्हें ठीक कर दिया गया है.
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पक्षकारों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अधिवक्ता राजीव पुरोहित से अनुरोध किया कि वे मुख्य रेलवे स्टेशन, जोधपुर, राईका बाग रेलवे स्टेशन और भगत-की-कोठी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करें. यह सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता ने जो रिट याचिका में कमियां बताई हैं वो अभी भी हैं या रेलवे ने दुरुस्त करा दिया है.
इसके तहत अधिवक्ता पुरोहित को कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट तैयार कर अगली पेशी से पहले प्रस्तुत करनी है. खंडपीठ द्वारा विशाल सिंघल, याचिकाकर्ता के साथ-साथ कमल दवे, रेलवे के अधिवक्ता को भी अधिवक्ता राजीव पुरोहित अधिवक्ता के साथ निरीक्षण की तिथि पर साथ आने का अनुरोध किया गया है.