जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के न्याय व्यवस्था पर दिए गए बयान के विरोध में जिले के अधिवक्ता शुक्रवार को एक दिन का स्वैच्छिक न्यायिक कार्य बहिष्कार करेंगे. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स व राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर ने मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए शुक्रवार को सांकेतिक रूप से एक दिन का स्वैच्छिक न्यायिक कार्य बहिष्कार रखा है. एसोसिएशन के अनुसार सीएम ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार का बयान दिया और कहा कि वकील जो लिख कर लाते हैं, वही फैसला आता है.
लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि भंसाली ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र प्रेषित कर मुख्यमंत्री गहलोत के न्याय व्यवस्था संबंधी बयान को बेहद संवेदनहीन एवं निंदनीय बताया. मुख्यमंत्री का ये बयान केवल मात्र उनकी हताशा एवं अपनी सरकार की गलतियों को छिपाने एवं जनता को गुमराह करने का उदेश्य मात्र है. एसोसिएशन ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान न्यायपालिका की अवमानना की श्रेणी में आता है. इस पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने की मांग की है.
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत का इस प्रकार का बयान न केवल निंदा योग्य है बल्कि अपनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को छुपाने एवं इससे आमजन का ध्यान भटकाने के लिए दिया गया है. मुख्यमंत्री का न्यायपालिका एवं न्याय व्यवस्था पर इस प्रकार का बयान न्यायालयों की अवमानना की श्रेणी में आता है. गुरूवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री के न्यायपालिका के विरूद्ध दिए बयान के विरोध स्वरूप शुक्रवार को जोधपुर के अधिवक्ता राजस्थान हाईकोर्ट एवं सम्पूर्ण अधीनस्थ अदालतों में एक दिन का न्यायिक कार्यो में स्वैच्छिक रूप से बहिष्कार करेंगे. उन्होने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री गहलोत सार्वजनिक रूप से माफी नही मांगते, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा.