जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से अब वकील बनने के लिए एलएलबी की डिग्री लेना आसान नहीं होगा. नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम देना होगा. विश्वविद्यालय में 1947 से शुरू हुए इस संकाय में 75 साल बाद यह बदलाव किया जा रहा है. विधि संकाय के डीन प्रो. सुनील आसोपा का कहना है कि न्यायिक प्रणाली में बेहतर एडवोकेट आएं इसके लिए अगले शैक्षणिक सत्र से यह परिवर्तन किया जा रहा है. पांच साल व तीन साल दोनों पाठ्यक्रम में छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम से ही प्रवेश मिलेगा. इसके अलावा एक कोर्स में भी परिवर्तन करने पर काम चल रहा है.
60 सीट के सेक्शन की तैयारी : जेएनवीयू विधि संकाय में शिक्षा स्तर सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसके तहत स्ववित्त पोषित प्रवेश पहले ही बंद कर दिए गए हैं. वर्तमान में एलएलबी की 320 सीटें हैं. इसके लिए 2500 आवेदन पत्र आते हैं और छात्रों को मैरिट से प्रवेश दिया जाता है, जिसमें निजी कॉलेज के छात्रों को ज्यादा प्रवेश मिलता है. क्योंकि जेएनवीयू में ग्रेजुएशन मार्किंग टफ होती है. एंट्रेस एग्जाम से सबको बराबर मौका मिलेगा. गुणवत्ता के लिए संकाय की ओर से बार काउंसिल ऑफ इंडिया को 80 की बजाय 60 सीट का एक सेक्शन करने का प्रस्ताव भेजा गया है.
बीकॉम एलएलबी शुरू करने की तैयारी: जेएनवीयू में पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम के बीबीए एलएलबी का कोर्स चल रहा है, लेकिन इसकी सीटें लगातार खाली रहती हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय ने बीबीए एलएलबी की जगह पर अब बीकॉम एलएलबी कोर्स लागू करने के लिए भी बीसीआई को प्रस्ताव भेजा है. बीबीए एलएलबी में कुल 120 सीटें हैं, जिसमें अधिकांश खाली रहती हैं.
ऐसा होगा एंट्रेस एग्जाम पेपर : एंट्रेस एग्जाम पेपर में 100 प्रश्न आएंगे. कुल 300 अंक का होगा पेपर. यह पैटर्न पंचवर्षीय और त्रिवर्षीय दोनों ही विधि पाठ्यक्रम में लागू रहेगा. छात्रों को दो घंटे का समय दिया जाएगा और नेगेटिव मार्किंग भी होगी. पेपर में हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान के अलावा संविधान, एडवोकेट एक्ट व लॉ से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे.