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शुद्ध के लिए युद्ध अभियान : प्रयोगशाला और अधिकारियों की कमी को लेकर मानवाधिकार आयोग ने जताई चिंता - Rajasthan Hindi News

मिलावटखोरों के विरुद्ध शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन प्रदेश में खाद्य सुरक्षा (shudh Ke liye Yudh Abhiyan in Jodhpur) अधिकारियों की कमी के कारण समय पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. जोधपुर में अभियान की प्रगति को लेकर अधिकारियों की बैठक हुई.

shudh Ke liye Yudh Abhiyan in Jodhpur
shudh Ke liye Yudh Abhiyan in Jodhpur
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Published : Oct 27, 2022, 5:22 PM IST

जोधपुर. शहर के सर्किट हाउस में गुरुवार को जिले में अभियान की प्रगति को लेकर रसद विभाग व स्वास्थ्य विभाग के (Health Dept Meeting in Jodhpur) अधिकारियों की बैठक हुई. इस दौरान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने प्रदेश में चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी को लेकर चिंता जताई है.

बैठक के बाद मीडिया के बातचीत के दौरान जस्टिस व्यास ने कहा कि पूरे राजस्थान में सिर्फ 40 खाद्य सुरक्षा अधिकारी है. जोधपुर में अभी एक ही है. ऐसे में काम प्रभावित होता हैं. सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है. 200 नए अधिकारी आने से मिलावट के विरुद्ध प्रभावी अभियान चलाया जा सकेगा. नमूनों की रिपोर्ट में देरी पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मिलावट के संदेह पर खाद्य सामग्री के नमूने लेता है. लेकिन प्रयोगशाला से रिपोर्ट देरी से मिलने पर कार्रवाई में भी देरी होती है. इसके लिए जरूरी है​ कि सरकार प्रयोगशालाओं की संख्या बढाए और कर्मचारी भी बढाए.

मिलावटखोरों के विरुद्ध शुद्ध के लिए युद्ध अभियान

पढ़ें. शुद्ध के लिए युद्ध अभियान: 10 हजार दुकानों पर एक फूड इंस्पेक्टर, 9 पद खाली, कैसे कसेगा मिलावट पर शिकंजा

जस्टिस व्यास ने कहा कि मिलावटी रिपोर्ट आने के बाद भी व्यापारी के पास अधिकारी होता है कि वह और भी जांच करवा सकता है. इसके बाद ही कार्रवाई संभव होती है. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि यह नैतिकता से जुड़ा कार्य है. खाद्य सामग्री बेचने वालों को खुद की नैतिकता रखते हुए मिलावट नहीं करनी (Implementation of shudh Ke liye Yudh Abhiyan) चाहिए. क्योंकि मिलावट वस्तु एक नहीं कई लोगों को नुकसान पहुंचाती है. आयोग सरकार को इसको लेकर पत्र लिखेगा कि नमूनों की जांच प्रक्रिया तेजी से हो इसके लिए सरकार व्यवस्था करें.

नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार : जिले में 13 अक्टूबर से मिलावट रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया (shudh Ke liye Yudh Abhiyan in Jodhpur) गया था. इसके तहत करीब 50 नमूने लिए गए, लेकिन जांच रिपोर्ट 14 दिन बाद आती है. ऐसे में अभी विभाग को रिपेार्ट का इंतजार है. इस दौरान कई मामलों में खाद्य सामग्री की बिक्री हो चुकी है. प्रभावी कार्रवाई सिर्फ सीज की गई सामग्री को लेकर ही हो सकेगी. बैठक में सीएमएचओ डॉ जितेंद्र पुरोहित, डिप्टी सीएमएचओ डॉ प्रीतम सिंह सांखला, जिला रसद अधिकारी सहित अन्य शामिल हुए.

जोधपुर. शहर के सर्किट हाउस में गुरुवार को जिले में अभियान की प्रगति को लेकर रसद विभाग व स्वास्थ्य विभाग के (Health Dept Meeting in Jodhpur) अधिकारियों की बैठक हुई. इस दौरान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने प्रदेश में चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी को लेकर चिंता जताई है.

बैठक के बाद मीडिया के बातचीत के दौरान जस्टिस व्यास ने कहा कि पूरे राजस्थान में सिर्फ 40 खाद्य सुरक्षा अधिकारी है. जोधपुर में अभी एक ही है. ऐसे में काम प्रभावित होता हैं. सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है. 200 नए अधिकारी आने से मिलावट के विरुद्ध प्रभावी अभियान चलाया जा सकेगा. नमूनों की रिपोर्ट में देरी पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मिलावट के संदेह पर खाद्य सामग्री के नमूने लेता है. लेकिन प्रयोगशाला से रिपोर्ट देरी से मिलने पर कार्रवाई में भी देरी होती है. इसके लिए जरूरी है​ कि सरकार प्रयोगशालाओं की संख्या बढाए और कर्मचारी भी बढाए.

मिलावटखोरों के विरुद्ध शुद्ध के लिए युद्ध अभियान

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जस्टिस व्यास ने कहा कि मिलावटी रिपोर्ट आने के बाद भी व्यापारी के पास अधिकारी होता है कि वह और भी जांच करवा सकता है. इसके बाद ही कार्रवाई संभव होती है. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि यह नैतिकता से जुड़ा कार्य है. खाद्य सामग्री बेचने वालों को खुद की नैतिकता रखते हुए मिलावट नहीं करनी (Implementation of shudh Ke liye Yudh Abhiyan) चाहिए. क्योंकि मिलावट वस्तु एक नहीं कई लोगों को नुकसान पहुंचाती है. आयोग सरकार को इसको लेकर पत्र लिखेगा कि नमूनों की जांच प्रक्रिया तेजी से हो इसके लिए सरकार व्यवस्था करें.

नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार : जिले में 13 अक्टूबर से मिलावट रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया (shudh Ke liye Yudh Abhiyan in Jodhpur) गया था. इसके तहत करीब 50 नमूने लिए गए, लेकिन जांच रिपोर्ट 14 दिन बाद आती है. ऐसे में अभी विभाग को रिपेार्ट का इंतजार है. इस दौरान कई मामलों में खाद्य सामग्री की बिक्री हो चुकी है. प्रभावी कार्रवाई सिर्फ सीज की गई सामग्री को लेकर ही हो सकेगी. बैठक में सीएमएचओ डॉ जितेंद्र पुरोहित, डिप्टी सीएमएचओ डॉ प्रीतम सिंह सांखला, जिला रसद अधिकारी सहित अन्य शामिल हुए.

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