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जोधपुर: एक जून से पटरी पर दौड़ेंगी ट्रेनें...तैयारियों में जुटा रेलवे विभाग - कोरोना महामारी

जोधपुर रेलवे स्टेशन में हर दिन हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही होती है लेकिन अब यहां पर सन्नाटा पसरा रहता है. एक जून से ट्रेनों का संचालन पूरे देश में शुरू होने जा रहा है. इसमें जोधपुर से चार ट्रेन चलेगी इसके लिए रेलवे ने तैयारी पूरी कर ली है.

railway department,  रेलवे स्टेशन
जल्द दौड़ेंगी ट्रेनें
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Published : May 30, 2020, 9:28 AM IST

Updated : May 30, 2020, 1:17 PM IST

जोधपुर. कोरोना महामारी की वजह से जोधपुर रेलवे स्टेशन पर सामान्य यात्रियों के लिए ट्रेनों की आवाजाही रुके दो महीने हो चुके हैं. इन दिनों यहां श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने से थोड़ी बहुत चहल-पहल नजर आ रही है, नहीं तो पूरे दिन यहां सन्नाटा पसरा रहता है. स्टेशन के ज्यादातर प्लेटफार्म पर ट्रेन खड़ी नजर आती हैं. कभी-कभी मालगाड़ियां पटरी पर दौड़ती हुई नजर आती हैं.

एक जून से पटरी पर दौड़ेंगी ट्रेनें

जहां हजारों लोगों की भीड़ होती थी. इस भीड़ में देशी-विदेशी पर्याटक और स्थानीय लोग शामिल होते थे. आसपास के लोगों की रोजी रोटी चलती थी. रेलवे स्टेशन के बाहर निकलते ही रेहड़ी, ठेले, टैक्सी और ऑटो नजर आते थे. यहां हर तरह के लोग दिखते थे. लेकिन अब चारो तरफ सन्नाटा है. रेलवे स्टेशन के आसपास जो लोग रोजगार करते थे उनका रोजगार छिन चुका है. 24 घंटे ट्रेन की आवाजें जो गुंजती थी उनकी जगह अब सिर्फ सन्नाटा है. इक्का-दुक्का लोग ही अब दिखते हैं.

एक जून से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा:

हलांकि, अब एक जून से ट्रेनों का संचालन पूरे देश में शुरू होने जा रहा है. जोधपुर से भी चार ट्रेनें चलेंगी इसके लिए तैयारी शुरू होने जा रही हैं. जोधपुर पर्यटन नगरी के रूप में विख्यात है. यहां दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता सहित दक्षिण के राज्यों से सीधी ट्रेनें संचालित होती हैं, जिससे पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां आते हैं.

प्लेटफार्म पर सन्नाटा:

पर्यटक जोधपुर में रुकने के बाद जैसमलेर और बाड़मेर भी जाते हैं. इसके अलावा एम्स अस्प्ताल के चलते मरीज भी यहां आते हैं. साथ ही देश के कई नामी गिरामी शिक्षण संस्थान यहां होने से छात्रों का आना जाना भी लगा रहता है. यही कारण है कि प्रतिदिन 5 प्लेटफार्म पर 60 ट्रेनों की आवाजाही वाला जोधपुर स्टेशन यात्रियों की आवाजाही से रौनक बनी रहती थी. लेकिन अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है.

रेलवे पार्किंग में सन्नाटा:

मुख्य परिसर जो हमेशा वाहनों से अटा रहता था वह पूरी तरह से खाली है. पार्किंग में सिर्फ रेलवे के कर्मचारियों के वाहन नजर आते हैं. ऑटो स्टैंड सूना पड़ा हुआ है. प्लेटफार्म पर यात्री सुविधाएं सुनी हैं. कैंटीन और स्टॉल पर ताले लगे हैंं. ठेले ढके हुए नजर आते हैं. टिकट खिड़कियां बंद हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना संकट: कोटा स्टोन व्यापार पर मंदी की मार , दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी

जल्द रौनक लौटने की उम्मीद:

कमोबेश यही हालात जोधपुर के उपनगरीय रेलवे-स्टेशन भगत की कोठी, राईकाबाग और मंडोर का भी है. यूं तो जोधपुर रेलवे स्टेशन का यह एतिहासिक परिसर अपने लोगों की राह देख रहा है उसे भी उम्मीद है कि जल्द ही यहां फिर से रौनक लौटेगी. एक जून से यहां जयपुर के लिए प्रतिदिन इंटरसिटी चलेगी जो दिल्ली के लिए सप्ताह में तीन दिन और मुंबई और कोलकाता के लिए प्रतिदिन सुपरफास्ट एक्सप्रेस संचालित होगी.

जोधपुर. कोरोना महामारी की वजह से जोधपुर रेलवे स्टेशन पर सामान्य यात्रियों के लिए ट्रेनों की आवाजाही रुके दो महीने हो चुके हैं. इन दिनों यहां श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने से थोड़ी बहुत चहल-पहल नजर आ रही है, नहीं तो पूरे दिन यहां सन्नाटा पसरा रहता है. स्टेशन के ज्यादातर प्लेटफार्म पर ट्रेन खड़ी नजर आती हैं. कभी-कभी मालगाड़ियां पटरी पर दौड़ती हुई नजर आती हैं.

एक जून से पटरी पर दौड़ेंगी ट्रेनें

जहां हजारों लोगों की भीड़ होती थी. इस भीड़ में देशी-विदेशी पर्याटक और स्थानीय लोग शामिल होते थे. आसपास के लोगों की रोजी रोटी चलती थी. रेलवे स्टेशन के बाहर निकलते ही रेहड़ी, ठेले, टैक्सी और ऑटो नजर आते थे. यहां हर तरह के लोग दिखते थे. लेकिन अब चारो तरफ सन्नाटा है. रेलवे स्टेशन के आसपास जो लोग रोजगार करते थे उनका रोजगार छिन चुका है. 24 घंटे ट्रेन की आवाजें जो गुंजती थी उनकी जगह अब सिर्फ सन्नाटा है. इक्का-दुक्का लोग ही अब दिखते हैं.

एक जून से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा:

हलांकि, अब एक जून से ट्रेनों का संचालन पूरे देश में शुरू होने जा रहा है. जोधपुर से भी चार ट्रेनें चलेंगी इसके लिए तैयारी शुरू होने जा रही हैं. जोधपुर पर्यटन नगरी के रूप में विख्यात है. यहां दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता सहित दक्षिण के राज्यों से सीधी ट्रेनें संचालित होती हैं, जिससे पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां आते हैं.

प्लेटफार्म पर सन्नाटा:

पर्यटक जोधपुर में रुकने के बाद जैसमलेर और बाड़मेर भी जाते हैं. इसके अलावा एम्स अस्प्ताल के चलते मरीज भी यहां आते हैं. साथ ही देश के कई नामी गिरामी शिक्षण संस्थान यहां होने से छात्रों का आना जाना भी लगा रहता है. यही कारण है कि प्रतिदिन 5 प्लेटफार्म पर 60 ट्रेनों की आवाजाही वाला जोधपुर स्टेशन यात्रियों की आवाजाही से रौनक बनी रहती थी. लेकिन अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है.

रेलवे पार्किंग में सन्नाटा:

मुख्य परिसर जो हमेशा वाहनों से अटा रहता था वह पूरी तरह से खाली है. पार्किंग में सिर्फ रेलवे के कर्मचारियों के वाहन नजर आते हैं. ऑटो स्टैंड सूना पड़ा हुआ है. प्लेटफार्म पर यात्री सुविधाएं सुनी हैं. कैंटीन और स्टॉल पर ताले लगे हैंं. ठेले ढके हुए नजर आते हैं. टिकट खिड़कियां बंद हैं.

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जल्द रौनक लौटने की उम्मीद:

कमोबेश यही हालात जोधपुर के उपनगरीय रेलवे-स्टेशन भगत की कोठी, राईकाबाग और मंडोर का भी है. यूं तो जोधपुर रेलवे स्टेशन का यह एतिहासिक परिसर अपने लोगों की राह देख रहा है उसे भी उम्मीद है कि जल्द ही यहां फिर से रौनक लौटेगी. एक जून से यहां जयपुर के लिए प्रतिदिन इंटरसिटी चलेगी जो दिल्ली के लिए सप्ताह में तीन दिन और मुंबई और कोलकाता के लिए प्रतिदिन सुपरफास्ट एक्सप्रेस संचालित होगी.

Last Updated : May 30, 2020, 1:17 PM IST
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