भोपालगढ़ (जोधपुर). क्षेत्र में कृषि विभाग की ओर से सामुदायिक फार्म पोंड के लिए किसानों को अधिकतम 20 लाख रुपए की अनुदान राशि दी जा रही है. इसके लिए एक कृषक समूह को सामुदायिक फार्म पोंड के लिए 10 हेक्टेयर भूमि होनी आवश्यक है. वहीं उद्यान विभाग ने जल संचय कर खेती में उपयोग करने की विस्तृत जानकारी भोपालगढ़ क्षेत्र के किसानों को दी. वहीं कृषि उद्यान पर्यवेक्षक रफीक अहमद कुरेशी की अगुवाई में किसानों को फार्म पोंड की जानकारी दी जा रही है.
कृषि उद्यान पर्यवेक्षक रफीक अहमद कुरैशी ने बताया की वर्षा मौसम में बरसात का जल खेतों से बहकर अन्यत्र जाता है. बहते हुए पानी से भूमि कटाव और भूमि की उर्वरा शक्ति के भूमि कणों का भी ह्रास होता है. आधुनिक खेती में उत्पादन वृद्धि करना भी अहम लक्ष्य होता है. इधर नलकूपों का भूमिगत जल भी काफी गहराई तक है, सिचिंत क्षेत्र में भी वृद्धि करना है. ऐसे में सामुदायिक जल स्त्रोत की आवश्यकता महसूस की जा सकती है. इन जल स्त्रोतों से जल को संचय कर खेती मे सिचांई की जा सकती है.
उन्होंने बताया कि विशेषकर खरीफ फसलों में कई बार जरूरत के समय बरसात नहीं होने पर जीवनरक्षक एक सिचांई फसल को जरूरत होती है. ऐसे में इन जल स्त्रोतों की उपयोगिता और बढ जाती है. इस तरह बरसात के जल का उपयोग कर खेती में सिचांई के लिए उपयोग किया जा सकता है. वर्षा जल अमुल्य है, भविष्य में जल संचय को प्राथमिकता देते हुए संसाधनों को महत्व देना फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने बताया कि उद्यानिकी राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में किसान अधिक से अधिक नवीन बगीचा लगाए अनुदान के लिए पत्रावली ऑनलाइन आवेदन कर क्षेत्र के उद्यान कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं.
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जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में उद्यान विभाग से एक कृषक समूह की ओर से फार्म पोंड के लिए दस हेक्टर भूमि केचमेंट क्षेत्र के लिए आवश्यक है. इस पर सामुदायिक जल स्त्रोत की साईज 100×100×3 मीटर आकार के ऑनलाइन फार्म पौण्डस के निर्धारित BSI मापदंड की न्यूनतम 500 माईक्रोन प्लास्टिक की सीट अथवा आरसीसी लाईनिंग से निर्माण पर इकाई लागत का बीस लाख रूपये तक अथवा छोटी साईज के पोंड निर्माण केचमेंट क्षेत्र के अनुसार यथा अनुपात अनुदान देय है.