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स्पेशल: अब पशुओं को भी मिल सकेगा पोषक आहार, काजरी ने खारे पानी से तैयार किया 'चारा चुकंदर'

जोधपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान काजरी ने खारे पानी से जानवरों के लिए चुकंदर का चारा तैयार किया है. जोधपुर के साथ-साथ जालौर, जयपुर और अन्य कृषि विज्ञान केंद्र पर भी इसकी प्रायोगिक फसल तैयार कर ली गई है.

Jodhpur Kajri prepared fodder, केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान काजरी
अब पशुओं को भी शक्ति प्रदान करेगा चुकंदर
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Published : Feb 24, 2020, 12:47 PM IST

जोधपुर. चुकंदर में पर्याप्त प्रोटीन और मिनरल्स होते हैं, जो इंसानों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और बीमार होने पर डॉक्टर चुकंदर का जूस पीने की सलाह भी देता है, लेकिन जोधपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान काजरी ने जानवरों के लिए खारे पानी से चुकंदर का चारा तैयार कर लिया है.

अब पशुओं को भी शक्ति प्रदान करेगा चुकंदर

खास बात यह हैं कि चारे वाली चुकंदर का वजन 5 से 10 किलो है. काजरी के निदेशक डॉ. ओपी यादव ने बताया कि इस फसल पर हमारे वैज्ञानिक लंबे समय से काम कर रहे थे और अब शत-प्रतिशत खारे पानी से चारा चुकंदर प्राप्त करने में सफलता मिल गई है. जोधपुर के साथ-साथ जालोर, जयपुर और अन्य कृषि विज्ञान केंद्र पर भी इसकी प्रायोगिक फसल ली गई है और अब यह किसानों को भी बताया जा रहा है.

काजरी के वैज्ञानिकों ने फसल का उत्पादन लेने के साथ-साथ जो सिकंदर फल के रूप में प्राप्त हो रही है. उसमें मौजूद प्रोटीन विटामिन का असर दुधारू पशुओं पर भी कितना होता है. इस पर भी अनुसंधान किया, जिसमें सामने आया कि यह चारा खिलाने से किसान अपने दुधारू पशु से 10 से 15 फीसदी दूध अधिक मात्रा में प्राप्त कर सकता है.

पढ़ें- स्पेशल: पत्थर से भविष्य संवार रहा सोमपुरा समाज, देश के कई हिस्सों में पहुंच रहीं हैं चमकीले पत्थर की मूर्तियां

इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसपीएस तंवर ने बताया कि यह जिस तरह से चुकंदर इंसानों के लिए फायदेमंद है. उसी तरह से यह चारा चुकंदर पशुओं के बेहद फायदेमंद है, जो उन्हें सेहतमंद रखेगा और इसका सीधा फायदा किसानों को होगा. चारा चुकंदर की फसल नवंबर में बोई जाती है और करीब 60 दिन बाद इसका फल मिलने लगता है और अप्रैल तक किसान इसकी उपज प्राप्त कर सकता है.

जोधपुर. चुकंदर में पर्याप्त प्रोटीन और मिनरल्स होते हैं, जो इंसानों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और बीमार होने पर डॉक्टर चुकंदर का जूस पीने की सलाह भी देता है, लेकिन जोधपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान काजरी ने जानवरों के लिए खारे पानी से चुकंदर का चारा तैयार कर लिया है.

अब पशुओं को भी शक्ति प्रदान करेगा चुकंदर

खास बात यह हैं कि चारे वाली चुकंदर का वजन 5 से 10 किलो है. काजरी के निदेशक डॉ. ओपी यादव ने बताया कि इस फसल पर हमारे वैज्ञानिक लंबे समय से काम कर रहे थे और अब शत-प्रतिशत खारे पानी से चारा चुकंदर प्राप्त करने में सफलता मिल गई है. जोधपुर के साथ-साथ जालोर, जयपुर और अन्य कृषि विज्ञान केंद्र पर भी इसकी प्रायोगिक फसल ली गई है और अब यह किसानों को भी बताया जा रहा है.

काजरी के वैज्ञानिकों ने फसल का उत्पादन लेने के साथ-साथ जो सिकंदर फल के रूप में प्राप्त हो रही है. उसमें मौजूद प्रोटीन विटामिन का असर दुधारू पशुओं पर भी कितना होता है. इस पर भी अनुसंधान किया, जिसमें सामने आया कि यह चारा खिलाने से किसान अपने दुधारू पशु से 10 से 15 फीसदी दूध अधिक मात्रा में प्राप्त कर सकता है.

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इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसपीएस तंवर ने बताया कि यह जिस तरह से चुकंदर इंसानों के लिए फायदेमंद है. उसी तरह से यह चारा चुकंदर पशुओं के बेहद फायदेमंद है, जो उन्हें सेहतमंद रखेगा और इसका सीधा फायदा किसानों को होगा. चारा चुकंदर की फसल नवंबर में बोई जाती है और करीब 60 दिन बाद इसका फल मिलने लगता है और अप्रैल तक किसान इसकी उपज प्राप्त कर सकता है.

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